@common000786
सुना है कि, वे दरिन्दे ब्रह्मण थे और कहा गया कि, ब्रह्मण दरिन्दे नहीं, बल्कि सुसंस्कृत और
सभ्य होते हैं।
इस बात का उल्लेख करते हुए उन्हे छोड़ दिया
गया है।। सच क्या है?
@RebornManish
@Knprasa12260092
बेचारा नहीं, हत्यारा है नाथूराम।
अम्बाला जेल डायरी में 15 नवम्बर 1949 के
हवाले से दर्ज तथ्यों से पता चलता है कि, जब उसे फॉसी देने के लिए तैयार किया गया तो उसकी पेशाब छूट गई थी और वह रोने लगा था।
ताज्जुब है कि, फॉसी वादी फोर्स का एक खॉटी
कमान्डर,फॉसी के भय से मूत करके रोने लगा
था।
@skyglobalindian
@Ashok_Kashmir
मुगल भूखे - नंगे नहीं आये थे। यहॉ आकर उन्होंने राज-काज सम्हाले, राज भी किया, जिससे पता चलता है कि, यहॉ आने के पहले ही. वे राज-काज संचालन में निपुण थे। जो कोई भिखारी नहीं कर सकता। क्योंकि भीख मॉगकर खाने वालों का कोई जमीर और सिद्धांत नहीं होता है।
@RebornManish
@Bipeen9
वीपीसिंह सरकार में ये महाशय उपमन्त्री थे, शायद गृह विभाग के।लेकिन थे ताऊ
देवीलाल के पिछलग्गू।
फिर चन्द्रशेखर सरकार में राज्यमंत्री बने,फिर वनवासी हुए और अब राज्य सभा में अपनी जाति के प्रतिनिधि की हैसियत से बैठकर बकवास करते हैं,उपराष्ट्रपति की हैसियत से नहीं।
तेली के चाकर बन गए?
@RebornManish
@Shivay60999343
सही-सही कही आपने मनीष भाई ।
इन संघियों की बीमार मानसिकता
की अवधारणा यही है कि, जितने भी नाम, काम और दाम हों, सब पर इनका एकाधिकार हो।
देशभक्ति का ढिंढोरा पीटने वाले ये संघी यह तो चाहते हैं कि, भगत सिंह जैसे लोग पैदा हों, लेकिन पड़ोसी के घर में पैदा होंताकि,बलिदान इनके घर से न हो।
गलतफहमी मत पालना,भीष्म पितामह नहीं , सही मायने में शिखन्डी है ये।प्रधानमंत्री
पद के लिए श्री राम से भी लड़ जाएगा।
हंसिएगा नहीं भाई मैं सीरियसली कह रहा हूं कि,अगर श्री राम जी आकर स्वयं इससे कहने लगें कि,मोदी जी!थोड़ी देर के लिए इस कुर्सी पर मुझे बैठ जाने दो तो ये भगा देगा उन्हें।
@NawaneetJha
@RebornManish
एक सवाल मुझे परेशान करता है कि,सभी
स्वतंत्रता सेनानियों /क्रान्तिकारियों कोअंग्रेजों
ने या तो फॉसी दिया या कारावास या फिर देश निकाला दिया।
लेकिन सावरकर को जेल से बाहर निकाल कर
रु-६०/प्रतिमाह की दर से पेंशन क्यों दिया?
उन्होंने भगत सिंह को जेल से रिहा कर के पेंशन
क्यों नहीं दिया?
@RishiRahar
गलत बात है बिरादर, गलत बात मत करो किसी
महिला के बारे में।
महाराणा प्रताप, वीर शिवाजी और महाराजा सूरजमल, महाराजा रंजीत सिंह सभी हमारे आदर्श हैं।
ये आज आदर्श इसीलिए माने जाते हैं क्योंकि वे अपने शत्रुओं की महिलाओं को भी मातृत्व मानते थे। अपनी बात आप माफीनामा के साथ वापस लीजिए।
@RebornManish
आरएसएस ने भले मुसोलिनी की नकल की हो, लेकिन मुसोलिनी ने तो परशुराम की नकल की।परशुराम के प्रतीक फरसे को मुसोलिनी ने अपने झन्डे पर स्थान दिया।यह सच है कि,मुसोलिनी का बाप नामचीन ऐयाश था,तो वह खुद एक बहुत बड़ा जुआड़ी।काली टोपी व हाफ पैन्ट को उसने अपने गिरोह का ड्रेस कोड भी बनाया था।
-अरे भाई! ये बताओ अब चाय कैसे पिलाओगे,
तुम्हारा कप तो सुना है कि, कंगारू उठा ले गए।
-हॉ भाई हॉ, तभी से तो मैं पनौती बन गया हूॅ।
-सही फर्मा रहे हो गुरु, पनौती आते ही सबसे पहले घर के बर्तन ही गायब होते हैं।
@BhanuNand
@SamajseviAmrita
हम करें तो रासलीला,, और करे तो कैरेक्टर ढीला!
अगर प्रेम यादव, दुबे के ��र पर कोई हरकत कर रहा था तो दुबे को 112 काल करना चाहिए या उसकी हत्या करना देना चाहिए? जब हत्या हो गई तो उसे देखकर बदले के जुनून से आक्रोशित भीड़ को काबू करना आसान हो सकता है? यह सोचकर लोग समझदारी से काम ले।
@profapm
सही और तथ्यपूर्ण संकलन।
आरएसएस /भाजपा कभी भी मुंह नहीं
खोलते इन बातों पर।
एक आश्चर्यजनक घटना ये भी है कि,बलराज
मधोकऔरप्रवीण तोगड़िया जिन्दा बचे रह
गयेऔर उनकी बोली भी नहीं बन्द हुई,लेकिन
ये संघी/भाजपाई उन्हें इग्नोर करके महत्वहीन
साबित कर,अपनी पोल खुलने कुछ भय से
सदा चुप रहे।
@RebornManish
नफरत का बड़ा सौदागर था वह, ऐसी जमात के लोग ही तो विश्व की बर्बादी के कारण बनते हैं, लेकिन जनता को ठगने के लिए ये विश्वगुरु का स्वॉग रचते हैं, जबकि हकीकत में ये विषगुरू ही
होते है।
@nagvanshi_145
@NarenderAmbedk4
ये अंग्रेजों का मुखबिर था, माफी मांग कर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के खिलाफ मुखबिरी करने के बदले उनसे 60/=प्रतिमाह पेंशन लेकर स्वयं को वीर घोषित करने वाला माफीवीर सबूतों के अभाव में,बापू गॉधी जी की हत्या दोष से बरी भी होकरआज भाजपा तथा आरएसएस का आईकान सावरकर जाति से ब्रह्मण है।
@profapm
राकेश सिन्हा एक पढ़ा-लिखा मूढ़ व्यक्ति है।
किसी नीति निपुण व्यक्ति ने निर्देश दिया है कि,
"गाना नहीं गुण निगुणी के कभी,
कभी मूढ़ को मित्र बनाना नहीं"।
मूढ़ वर्जित है मित्रता, किन्तु नीतियों के सोल
एजेन्ट कहलाने वाले आरएसएस ने इन्हें अपना। बी/ए बना रखा है।
@RebornManish
सच मनीष जी-नारा पढ़ कर १९८६ याद आया, एच ए एल-लखनऊ के वेल्फेयर हाल में कैप्टन राम सिंह,डा. लक्ष्मी सहगल, ठा. रोशन सिंह आदि के साथ पहली बार बैठने बातें कहने - सुनने का अवसर मिला,"आजाद हिन्द फौज" और जंगेआजादी की सजीव चर्चा भी सुनी थी,
लेकिन तब इनके बोध और मूल्यॉकन का शऊर
नहीं था।
@RebornManish
धन्यवाद मनीष जी!
भारतीय शिक्षा जगत में शिक्षा की मूलऔर मानसिकअवधारणा का सटीकऔर तर्कयुक्त
विश्लेषण किया हैआपने।
शिक्षा के क्षेत्र में एकआम साक्षर या निरक्षर भारतीय की मानसिकताऔरअवधारणा अभी तक इतिहास राजनीति शास्त्र,भूगोल,खगोल, मनोविज्ञान,दर्शनशास्त्र,अर्थशास्त्र तक ही सीमित है।
सवाल ये नहीं है कि, इनके फोटो किसके साथ हैं, बल्कि सवाल ये है कि, ये हैं कौन और इन्होंने किसका अनुकरण, अनुसरण और अनुगमन किया है, इनका परिचय और बैकग्राउंड क्या है, कौन लाया है इन्हें और किसकी उंगली पकड़ कर ये भाजपा की इतनी महत्वपूर्ण सीढ़ियों तक पहुचे याने कि, कौन है इनका आईकान?
@Virus_Studioz
संगीत रागी निहायत दुष्ट और निम्न नैतिकता वाला कुत्ता है, जो हमेशा राग ही फैलाता रहता
है। इसका आचरण देखकर अनुमान लगता है कि, यह पाकिस्तान से या कश्मीर से आए किसी रिफ्यूजी की औलाद है।
यह तो नरेंद्र तेली, अमित जैन, सम्बित पात्रा और अनुराग ठाकुर से भी बड़ा बदतमीज और गिरा हुआ जीव है।
@ChandanSharmaG
"हम करें तो रासलीला, दूसरे करें तो कैरेक्टर ढीला "
वाह भाई गप्पू के बेशरम चमचों वाह।
अब आतंक और आतंकवाद की परिभाषा भी तुम लोग धर्म के आधार पर गढ़ने में लग गए
हो।
इनको पास देने वाले भाजपा सॉसद प्रताप सम्हाल के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की मॉग क्यों
नहीं करते हो कायरों?
@RebornManish
@UJJAVALSHAH2
इसकी धुलाई के लिए देशी वाला डिटर्जेंट,
जो ऊसर जमीन में फूटता है (रेहू) और
देशी बबूल या खैर की लकड़ी मंगा लेते
मनीष जी। इससे धुलाई के बाद यह भी
मनुवादी भाजपाई बन जाता। अभी ये
अधकचरा है।
@askrajeshsahu
कानपुर में हत्याओं के बाद भी शान्ति है, क्योंकि हत्यारे ब्रह्मण हैऔर मरने वाले गैर ब्रह्मण। यहॉ शायद किसी ब्राह्मण ने न्याय की गुहार नहीं लगाई ,क्योंकि ब्रह्मण द्वारा की गई हत्या भी ये अन्याय नहीं मानते।नैतिकता की दुहाई देकर ये लोग हर अपराध में शामिल होने में गर्व समझते हैं।
@raani_purohit
लाल देह लाली लसे अरुधरु लाल लंगूर।
वज्र दे दानव दलन, जय जय जय कपिशूर।।
जय जय सीत��� राम की,
जय गुरू हनुमान की।
जय जय जय हनुमान गोसाईं,
कृपा करहुं गुरुदेव की नाईं।
@PratikVoiceObc
स्वागत है, तैयार हैं हम, आइए और बनिए
सूत्रधार परिवर्तन के।
लेकिन लोकसभा चुनाव सीक्रेट बैलट से
ही हो, इसके लिए जरूरी कदम उठाना
जरूरी है।
@news24tvchannel
@AmitShah
क्यों. बनाया कमेटी, पेंशन देने के लिए या
धोखा देने के लिए?
नीयत साफ थी तो संसद में कानून क्यों
नहीं बनाया?
कमेटी बनाने की अगर जरूरत थी तो चुनाव
के पहले ही क्यों नहीं बनाया?
अब बीच चुनाव में क्यों बता रहे हो, पहले क्यों नहीं बताया?
@SyedF_official
@ChandanSharmaG
मत भूलो कि,अंग्रेजों की गुलाम तो
मुगल सल्तनत हुई थी।
हिन्दू तो मुगलिया सल्तनत से सैकड़ों साल पहले ही गुलामों के गुलाम हो चुके थे।याद करो
हमारे इतिहास में गुलामवॅश नामक एक कालखण्ड दर्ज है।
मुगल सल्तनत में तो हिन्दू केवल चाटुकारिता और चाकर थे,जो भला किसी के गुलाम कैसे हो
सकते हैं?
@Uppolice
@NagendraNrSingh
@ghaziabadpolice
क्या नीति खन्ड चौकी प्रभारी-संदीपा मलिक,
कोई महिला है या पुरुष?आपने यह तो बताया कि, देह व्यापार दो-तीन साल से चल रहा था, परन्तु यह चौकी इंचार्ज नीति खन्ड पुलिस चौकी
में कब से तैनात था/थी, यह नहीं बताया। अगर
पोस्ट में पूरी जानकारी होती है तो अच्छा लगता ��ै। अच्छा लगे तो फालो करे।
@AnumaVidisha
मोदी युवाओं का भविष्य खरीदना चाहते हैं या नहीं, यह तो युवा और मोदी जाने, लेकिन एक बात मैं जान गया हूं कि, युवाओं ने अपना भविष्य मोदी के पास गिरवी जरूर रख दिया है।
@ranapushpendra3
ओ राना जू - राम राम की!
ये भाजपा राजपूत विरोधी है, इसकी नशों में
एन्टी राजपूत कार्बन भरा हुआ है।
यह हिन्दूवाद के नाम पर ब्रह्मणवाद की स्थापना करने की कवायद कर रही है, जिसे समझने की जरूरत है।
@profapm
अभीतक कहॉ रहे भैया जी?
" चलो देर आये-दुरुस्त आये ।"
पर, "हुजूर आते-आते बहुत देर कर दी"
गैरखपर के बाबरी मठ का पता बताइए।
जाकर वहॉ का मट्ठा भी पी लें।
गोरखनाथ मठ का मट्ठा तो पी चुके हैं। अब बाबरी मठ वाले का भी स्वाद तो ले ही लें।
@ShilpiSinghINC
अगर कोई राष्ट्र के लिए ही अन्धभक्ति करे तो उसे क्या कहेंगे?क्या उसे राष्ट्रान्धभक्त कहेंगे? अन्धभक्त कोई, किसी का भी हो सकता है। कोई राष्ट्र का, कोई जाति का कोई माई-बापका बीबी का,कोई प्रेमी-प्रेमिका का तो कोई किसी व्यक्ति विशेष का और कोई केवल अपने मतलब का अन्धभक्त हो सकता है।
@Vinita_Jain7
वेरी गुड आइडिया।
समर्थन। आरएसएस मुक्त भारत की तैयारी
करना चाहिए, अब और राष्ट्रवाद और देशभक्ति के नाम पर फरेब और छल बर्दाश्त करने का सीधा मतलब होगा, अपने देश और समाज के
साथ अन्याय को बर्दाश्त करना, जो कतई ठीक
नहीं है।
@PremAna42891378
@ShadowSakshi
अगर सरदार पटेल 1950 में मरने के बाद, 1952 में प्रधानमंत्री बनाए जा सकते थे, तो आज भी तो बनाए जा सकते हैं।
तब क्यों रोना रो रहा है यह ढोंगी? अभी क्यों
नहीं बना देता उन्हें प्रधानमंत्री? क्या कॉग्रेस ने
इसे रोका है?
सरदार पटेल के नाम से बने स्टेडियम तक को
तो अपना नाम दर्ज कर लिया।
@ChaukiyalDeepak
@common000786
👍पहले समझदारी का परिचय देते हुए आप यह बताइए कि,औकात नापने के लिए कौन सा मीटर इस्तेमाल करते हैं?
सनातन क्या हैऔर पहले सनातन आया या फिर मनुष्य,कृपया यह भी बताएं?
बिना हॉथ लगाएऔर क्या-क्या कर सकते हैं आप, कृपया यह भी बताएं?
श्रीमान जी-कितनों को कहॉ-कहॉ फेंक चुके हैं
यह भी बताइए?
@news24tvchannel
@WilfredQuadros1
भाजपा को देते रहो वोट या अखिलेश - मायावती की मॉगते रहो खैर और
यही काम आगे बढ़ाने में सहयोग करते रहो।
बने रहो गुलाम और जिन्दा रहो मुर्दा बनकर, मुर्दों की तरह।
@Dr_RizwanAhmed
दोगलापन अच्छा नहीं है। जय श्री राम बोलना ही है तो आदर सहित, स्वेच्छा से क्षत्रिय /ठाकुर /राजपूत बन जाएं। वैसे भी हम हर जुझारू कौम का सम्मान करते हैं, फिर आप
मुसलमान हैं।
@ChandanSharmaG
सभी अन्धभक्तों के आदर्श नरेंद्र तेली के मुंशी
मैनेजर हैं ये तीनों बलात्कारी।
संस्कारी, अन्धकारी, धुन्धकारी, भ्रष्टाचारी और बलात्कारी सभी तो आईकन है भाजपाई चाटुकारों और भान्डों के।
तू तो बड़े पैमाने पर चाटुकारिता करता है इन
बलात्कारियों और उनके संरक्षकों की। चल अब बता सच क्या है?
भागवत जी! घड़ियाली आंसुओं से सिंचाई नहीं
हो सकती। उनसे दूर हटकर जरा चिन्तन करें कि, गाय कटने से गोहत्या होती है तो गायों का
चारा चटकरना,भी उन्हें भूख से तड़पाकर मारने का एक तरीका हो सकता है।
गायों का चारा खाने वाले भी हिन्दू हैं और अगर कोई गैर हिन्दू है,तो आपके अनुसार वहभी हिन्दू
@DawoodNadaf10
@RebornManish
देश में मेनकाओ की संख्या आप सर्वेकरके
बता सकते हैं?पहले कुत्ता पालतू और वफादार प्राणी था,लेकिन सामाजिक प्राणी बनने के बाद से उसकी वफादारी सन्देह के घेरे में आ गयीऔर वह तनाव का खुमार उतारने के लिए काटने लगा है।क्या मेनका जी पर दोषारोपण करने से वह तनाव मुक्त होकर सुधर जाएगा?
@RebornManish
@AKASHTR87619658
वाल्मीकि समाज तो पूरे देश में कचरा उठा रहा
था,अभी भी उठा रहा है।तो क्या धारा-370
पूरे देश में लागू थी?धारा-370 हटने के बाद
अब वहॉ पर कचरा कौन उठा रहा है?शायद
धारा-370 हटने के बाद वहॉ का सारा कचरा
तुम्हारे दिमाग में भर रहा है,इसीलिए तुम धारा
370 और 35ए का फंक्शन नहीं समझते हो।
@BoltaHindustan
सूचना के अधिकार पर डाका डालने वाली
फासिस्ट तानाशाही विचारधारा का प्रतीक है
मोदी का यह कथन।
अब नरेंद्र मोदी को लोकतन्त्र का तानाशाह
भी कहने लगे हैं लोग।
पेगासस के दबाव में युद्ध विराम के लिए आहूत यूएन मीटिंग का बहिष्कार करके मोदी ने लोगों की चर्चा पर मुहर लगाकर पुष्टि भी कर दिया।
@ChaukiyalDeepak
@common000786
प्रश्नोत्तर से निरुत्तर होकर,मूल प्रश्न को छोड़, दूसरे प्रश्नों पर भागनाऔर तमाम काल्पनिक भाव भंगिमाओं का प्रदर्शन तड़ियल भंगीऔर प्रपंचीलोग करते हैं।साथ ही अपने को देशप्रेमी और दूसरे को देशद्रोही बताते हैं।
हिन्दी भी अंग्रेजी में लिखते हैं ऐसे लोग,अंग्रेज चले गए,लेकिन अदा छोड़ गए।
@news24tvchannel
चुनाव आयोग केवल एक पक्ष पर कार्यवाही के लिए बनाया गया है।
और ये मूर्ख कॉग्रेसी आदर्श मिसाल
कायम करने के चक्कर में भाजपा और उसके गुलाम चुनाव आयोग को बेलगाम छोड़ कर
उनका मनोबल बढ़ा रहे हैं।
इनकी सभी टिप्पणियों और चुनाव आयोग के आचरण के खिलाफ सक्षम स्तर पर कार्यवाही
क्यों नहीं करते?
@ShubhamShuklaMP
ब्रह्मणों का विधवा विलाप दुखद है,क्योंकि शौर्य और बलिदान की गाथा कभी जाति,धर्म,क्षेत्र और लिंग के आधार पर नहीं गाई गई,क्योंकि इससे वह बलिदानी समूह से पृथक दिखने के कारण,उनका बलिदानअप्रासंगिक होकर, बलिदानियों के कद-पद की गरिमा और गुरुता दोनों को नष्ट कर देगा। इस पर सब एक रहें।
@RebornManish
महाराणा प्रताप के सेनापति हाकिम खान सूरी, भारतीय सेना के कम्पनी क्वार्टर मास्टर हवलदार अब्दुल हमीद और ब्रिटिश सेना के सिपाही मंगल पान्डे की समीक्षा काल और गाल
की समकालीन परिस्थितियों की सतह पर करना ठीक रहेगा अन्यथा तो सब कुछ सतही तौर पर सरकता ही रहेगा कालांतर तक।
@INCUttarPradesh
यह सच अनोखा नहीं है, इसके पहले हुए तमाम बलात्कार कान्ड में भी, बलात्कारियों के पत्नी, बेटे, बेटी और यहॉ तक कि, उनके मॉ-बाप भी साथ और सहयोग करते नजर आए हैं।
रक्षक-भक्षक की तुकबन्दी तो आम हो गई है।
कुछ नया सुना सकते हैं तो ठीक है भैया, नहीं तो आप भी मेरे जैसे ही गिने जाएंगे।
श्रद्धॉजलि समर्पित है महाराणा को।
महाराणा प्रताप धर्मान्ध नहीं थे।धर्म निरपेक्षता
के साथ वे सभी धर्मों का आदर करते थे,कोई भी युद्ध वे धर्म युद्ध के नाम पर नहीं लड़े थे,बल्कि अपने राजकीय हितोंऔर मान-सम्मान के लिए लड़े थे।
उनका सेनापति हसन खॉन सूरी एक अफगानी
मुसलमान था।
धन्यवाद,
@_vatsalasingh
@Dr_RizwanAhmed1
गूढ़ ज्ञान प्रदान करने के लिए आपका धन्यवाद वत्सला जी! आपसे पहले डॉक्टर सैयद रिजवान अहमद जी को शुक्रिया।
स्पष्टीकरण व क्षमा प्रार्थना - पहले मैं डाँ0 रिजवान साहब को ढोंगी मानता था, परन्तु सत्याभास के बाद क्षमा प्रार्थना के साथ ही याचना है कि, दोनों लोग मुझे अपना शिष्य बना लें।
पॉचों राज्यों के विधान सभा चुनावों में भाजपा बुरी तरह पराजय की ओर। चुनावी पोस्टर्स से
पोस्टर ब्वाय बने मोदी के फोटो हटाकर,उसकी
जगह नड्डा की फोटो लगाने का काम युद्ध स्तर पर शुरू।पहले फैलाया रायता,अब समेट रहे हैं भाजपाई।
@UTTAMYKT
@itsmePranshu
@SantoshYKT
@SinghKinngSP
यह घटना तब की है, जब चौधरी साहब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे और रपट बैलों के चोरी होने की बावत लिखाई गई थी।
हस्ताक्षर के बाद जो मुहर लगायी गई थी, उसमें
लिखा था
मुख्यमंत्री
उत्तर प्रदेश सरकार - लखनऊ।
मोदी अपने वादे पर कायम हैं, लेकिन 30 दिसम्बर तो मोदी से भी बड़ा पनौती लग रहा है।
उसका इन्तजार करते-करते मोदी अपने प्रस्थान की तैयारी करने लग गए, लेकिन वह तो अभी तक आता नजर नहीं आ रहा है।
प्रशासन मत होइए, धीरज रखिए, क्योंकि पनौती की चाल बहुत धीमी होती है।