@suryapsingh_IAS
एक IAS की ऐसी भाषा तो नही होती होगी, जो इतनी गिरी हुई शब्दो का प्रयोग करे,
फिर तो आप में और गली मोहल्ले की उन औरतों में क्या अंतर रह गया जो एक दूसरे का चरित्र हरण करती है,
आपको तो सिखाया गया होगा गवर्नेस रूल में की कोई कितना भी एक्साइट करे लेकिन सेल्फ कंट्रोल के साथ उचित निर्णय
@kunal492001
ये भी गलत है मानते है
लेकिन जब तब जलाया जाता है वहा ट्रैफिक नही होती, और कोई भी रोड पूरी तरह से क्लोज नही होता है,
और ये साल भर में एक बार आता है,
@RebornManish
हमारी भी रामलीला मैदान से निकली क्रांति ने, लोकतन्त्र को मौत के मुहाने पर ला खड़ा किया है। देखना ये है कि जनता किसी मसीहा का इंतजार करेगी, या..
फिर रामलीला मैदान और तहरीर स्क्वेयर की ओर बढ़ेगी। 👌
@RebornManish
अपनी इंद्रियों का यकीन कर। अपना यकीन कर। बन विपक्ष.. तन कर खड़ा हो।
न हिम्मत हो, तो चुप ही सही। खामोशी से बटन दबा, उसके नाम, जो यह माहौल बदल सकता है।
बदलने वाला, तुझमें जिंदा है। विपक्ष मरेगा नही। जब तलक..
तू जिंदा.......
मैं ये सब करूंगा क्योंकि मैं जिंदा हूं।✊🤨
@RebornManish
बेहतर होगा, कि ऐसा एक संगठन पंजीकृत कर ही लिया जाये। इस नाम पर ही कब्जा कर लिया जाये, जिले जिले, गांव गांव में पदाधिकारी बनाये जायें।
जो इनके उलट बयान दे, उलट काम करे, और इनका खाना खराब करे। याने की सामाजिक समरसता बढ़ाये, रोजगार- रोटी- अर्थव्यवस्था की बात करे। 👌🤨
@RebornManish
जिसे वो हिंदू जगाना कहते है ...
वह मूलतः हमारा साम्प्रदायिक करण था। हाथ मे हथियार देने और जुबान को कटार बनाने की का उद्योग रहा है।
सत्य वचन भाई जी👌
@RebornManish
इस चक्रव्यूह से अभिमन्यु को निकाल ले जाने के लिए हर पांडव कमर कसे। हर श्रीकृष्ण अपना सुदर्शन निकाले।
उम्मीदें जिंदा रहें, इसलिए उम्मीद के इस दीपक की रक्षा करे।
ही इज, योर फेस ऑफ होप।
❤️
@kanhaiyakumar
✊
@RebornManish
राहुल ने वो बीड़ा उठाया। वो खुद की डेस्टिनी, सत्ता (इंदिरा-राजीव) नही, वैल्यूज (गांधी- जवाहर) में देखता है।
पर इसके लिए भीड़ में घुसना होगा। लोगो से मिलना होगा। मरना पड़ेगा। बीड़ा उठाने के क्षण उसने मान लिया,🤨