अगली बार कोई इतिहास के नाम पर हिन्दू मुसलमान करे तो ये वीडियो याद कर लीजिएगा। बुलंदशहर के रविशंकर के परिवार के पास क्रिया कर्म के लिए पैसा नहीं था। Corona के डर से पड़ोसी मशान जाने को तैयार नहीं हुए।ऐसे में मुसलमान पड़ोसियों ने पैसा भी जुटाया, कंधा भी दिया और राम नाम सत्य भी कहा।
मै बुरी तरह हिला हुआ हुआ हूं और भयानक तकलीफ में।दफ्तर जाते हुए दिल्ली पुलिस के लोगों ने कार की चाबी निकाल ली, वॉलेट,फोन छीन लिया, वैन में डालकर पीटा और भद्दी भद्दी गालियां दी। वो कॉरॉना को रोकने के लिए अपनी ड्यूटी पर थे। हम एक भयावह दौर में हैं। लिख दिया है ताकि इस दौर की सनद रहे
टेलीविजन की दंगाई पत्रकारिता और दंगाई पत्रकारों को मुबारक। ये मौत सिर्फ एक इत्तेफाक़ नहीं है। ये एक बेशर्म और लिजलिजी पत्रकारिता के हाथों हुआ कत्ल है। इसकी कोई माफी नहीं हो सकती।
अभी भी समय है अयोध्या की ज़मीन पर संसार का सबसे बड़ा अस्पताल बना लीजिए। वक्फ बोर्ड अपनी ज़मीन पर यूनिवर्सिटी बना ले। लाइब्रेरी बना लीजिए। प्रयोगशालाएं बना लीजिए। इस वक़्त का इशारा यही कहता है। भविष्य चेतावनी दे रहा है। देश को किसी पुजारी, किसी मौलवी कि मेहरबानी पर मत छोड़िए।
मैंने किसी लाइब्रेरी में पुलिस कि ऐसी बर्बरता नहीं देखी है। दिल्ली पुलिस के आतंकवादियों ने पढ़ लिख रहे छात्रों पर तालिबान कि तरह हमला बोला। कमिश्नर को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त किया जाना चाहिए। और ऐसी आतंकवादी पुलिस का बचाव करने के लिए गृह मंत्री को पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए।
इस माहौल लालू यादव का राजनीति से बाहर होना बहुत खलता है।वही थे जो इस समय के बर्बर होते जा रहे मजदूर,किसान,गरीब,अल्पसंख्यक विरोधी जातिवादी विमर्श को चुनौती दे सकते थे।हज़ारों हमलो के बावजूद मै कहूंगा वो नायाब थे,करिश्माई थे और दुस्साहसी थे।आज उनके आसपास भी कोई नहीं और ज़रूरत सख्त।
34 बरस की एक लड़की ने आज सिनेमा के कई खानों और को नामों को लोकतंत्र आईनों के सामने शर्मिंदा कर दिया है।साबित कर दिया है कि नाम में बिग जैसे पुछल्ले जोड़ लेने से कोई बड़ा नही हो जाता।बड़ा होने के लिए इंसानियत के उसूलों में ऐतबार बड़ा होना चाहिए।ये मुफ्त है।
प्रधानमंत्री बौखला गए हैं। वो पढ़े लिखे लोगों को अर्बन नक्सल बोल रहे हैं। उनकी हताशा साफ नजर आ रही है। देश के छात्रों नौजवानों अध्यापकों के लिए इतनी वाहियात, भद्दी और गिरी हुई भाषा का इस्तेमाल आजतक किसी प्रधानमंत्री ने नहीं किया होगा।
पगली कहीं की! पप्पा का पैसा फंस गया तो अमित शाह और मोदी जी में खोट निकालने लगी। रामराज को गरियाने लगी। भरोसा रख बालिके... पापा को देश से ऊपर रखा तो पाप लगेगा भक्तिन। जो हुआ है देश के लिए हुए है, जो हो रहा वो भी देश के लिए हो रहा है और जो होगा वो भी देश के लिए होगा। समझी माते?
एएसआई की कलाई काटने के बाद... पिस्तौल, तलवार, पेट्रोल, भांग की 7 बोरियां, भारी मात्रा में केमिकल जैसा तरल पदार्थ, 35 लाख की नकदी... गिनती जारी है...
फर्ज़ कीजिए ये सब गुरुद्वारे में नहीं.. मस्जिद में मिला होता... इस देश के नामी-गिरामी एंकरों का तना चेहरा, उनकी भाषा याद कीजिए..
केस को रफा दफा करने की तैयारी पूरी हो चुकी है। ट्रोल आर्मी के हाथ में एक कहानी दी जा चुकी है। आपके वॉट्सएप में पहुंचता है होगा।अब सब लोग पीड़िता के भाई, पिता, परिवार की लानत मलामत करने की तैयारी कर लीजिए। साथ में आरोपियों की नीचता को वीरता साबित किया जाएगा। पुलिस का काम खत्म हुआ।
20 स्याह रातों के बाद मुक्ति
एक नई सुबह।नया दिन।नई शुरुआत।नई उम्मीद
संघर्ष जारी है/मनुष्यता जीतेगी/लोकतंत्र जीतेगा/ वैज्ञानिक चेतना जीतेगी/जीतेंगी वो आवाज़ें जो नफरतों के खिलाफ सम्राटों से मुखातिब हैं
फेफड़े का संक्रमण अभी भी 65 फीसद से ज्यादा। साहस और इंतजार
इंकलाब जिंदाबाद
अमित मालवीय की गिरफ्तारी की मांग ऐसे ही नहीं हो रही है। ये आदमी ज़हर है ज़हर। इंसानियत की आस्तीन में पलता हुआ सांप। कोरोना जैसी महामारी के समय में भी इसने विष उगलना नहीं छोड़ा है। शर्म आती है ऐसे लोगों पर।
राजनीति क्या क्या नहीं कराती। पाकिस्तान के साथ खेल पर पिच खोद देने वाले लोग पाकिस्तान के अज़ीम शायर की शायरी से अपनी सियासत बयां कर रहे हैं। 👍👍इसी लिए कहते हैं किसी देश के लेखकों,चिंतकों, कलाकारों, संगीतकारों से नफ़रत मत करो। गुलाम अली की बिरादरी के बंधनों से कौन आजाद है यहां?
कहानी ये नहीं कि बोरिस जॉनसन को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है। कहानी ये है कि ब्रिटेन के पीएम भी अपने सरकारी अस्पताल में आंख मूंदकर इलाज करवाते हैं।आखिरी बार आपने कब सुना था किसी भारतीय पीएम के बारे में ऐसा? छोड़िए पीएम। एमपी ही बता दीजिए। मंत्री बता दीजिए। चलिए विधायक बता दीजिए।
It is hard to find the words to express my debt to the NHS for saving my life.
The efforts of millions of people across this country to stay home are worth it. Together we will overcome this challenge, as we have overcome so many challenges in the past.
#StayHomeSaveLives
आज से दैनिक जागरण मे छ���ने वाले हर लेखक कवि का बहिष्कार कीजिए।उसके कार्यक्रमों में जाने वालों का बहिष्कार कीजिए। lवो उन हत्यारो की टोली में शामिल हैं जिन्होने किसानों को रौंदा है।जो दैनिक जागरण के लंपटपन का विरोध नहीं करते वो हिंदी समाज के लिए शर्म हैं।रंगा सियार लेखको को पहचानिए।
"सांस देखने के बहाने बेटियों की छाती छूता था भाजपा का दुलारा सांसद बृजभूषण। रेस्तरां में लगाया इधर उधर हाथ।फिर बोला कमरे में आ जाना"
@smritiirani
इसका मतलब समझती हैं आप?वो कौन सी माएं हैं जो बेटियों पर शक करती हैं।किसी स्कूल में bad टच और गुड टच सीखिए जाकर।
दंगाई कपिल मिश्रा को तुरंत जेल में डाला जाना चाहिए। ये दिल्ली के अमन चैन का हत्यारा है।
@DelhiPolice
के
@CPDelhi
और कितनी ज़िंदगियों के जाने का इंतजार कर रहे हैं? किस दिन के लिए है समुदायों को भड़काने की धाराएं? वरना माना जाएगा कि इस दंगे को दिल्ली पुलिस की भी सहमति हासिल है।
आपकी तू तड़ाक वाली बौद्धिकता को दूर से सलाम। लेकिन सवाल मेरा नहीं है।आप अपना बायो डाटा सार्वजनिक कीजिए।
@Dr_Uditraj
का है।अगर उनसे ज़्यादा अच्छा निकला तो उम्रभर के लिए कलम रख दूंगा।और अगर आपकी सीवी कमतर निकली तो अपनी जातिवादी टिप्पणी के लिए बस माफी मांगें। निजता की होशियारी नहीं।
मुझे नहीं पता था नवीन कुमार मेरा बॉयोडाटा लेकर घूमते थे कि मेरा संघर्ष बता रहे हैं.
किसी लड़की के बारे में व्यक्तिगत टिप्पणी कर तुमने बता दिया कितने बौध्दिक इंसान हो.
जातिवाद से शुरू होकर निजी टिप्पणी पर फुस्स हो जाने वाले से बड़ा दिवालिया कौन होगा.
अज़ीम शायर मुनव्वर राणा की दो बेटियों समेत मोमबत्ती जलाती, गीत गाती महिलाओं पर FIR कराना योगी आदित्यनाथ की हुकूमत का निहायत असंवेदनशील कदम है।एक डरे हुए मुख्यमंत्री ने औरतों की पीठ पर लाठियां आजमाई हैं। ये दर्दनाक और शर्मनाक है। ज़ुबान पर मां भारती और गुंडागर्दी को आरती?
संकट काल को भी इवेंट में बदल देने की प्रधानमंत्री की भूख ने एक महामारी को मज़ाक में बदल ही दिया। इसी का डर था। इस बात पार उनके भक्त खिसिया जाएंगे, दांत चियारने लगेंगे। लेकिन जो सामने है वो आपराधिक है। 10 मिनट में 130 करोड़ लोगों के आत्मनिर्वासन की धज्जी उड़ गई। कौन ज़िम्मेदार है?
डॉक्टर प्रियंका रेड्डी की जली हुई लाश सोने नहीं दे रही। लगता है वो अभी उठ बैठेगी इस बर्बर और क्रूर समाज की कालिख झाड़कर और पूछ बैठेगी भेड़ियों के इसी जंगल पर तुम्हें नाज़ है? इन्हीं बर्बरताओं को तुम देश कहते हो? ऐसा लगता है प्रियंका की लाश में हमारे ईमान की भी लाशें शामिल हैं।
ये बददिमाग ब्राह्मणवाद का जहरीला उदाहरण है। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के ग्रेजुएट,JNU से मास्टर और Phd, सिविल सेवा अधिकारी, 40 साल का सामाजिक जीवन और लोकसभा सदस्य रहे
@Dr_Uditraj
की खिल्ली वो उड़ा रहे हैं जिन्होंने उम्रभर कृपांक से नौकरी पाई है।जिनका एक दिन का भी सामाजिक संघर्ष नहीं।
ये अद्भुत है। झारखंड के मुख्यमंत्री
@HemantSorenJMM
मजदूरों को हवाई जहाज से ला रहे हैं। केवल हवाई नारा उछालने वालों के लिए एक आदिवासी मुख्यमंत्री का इतना संवेदनशील होना कभी रास नहीं आएगा। मीडिया को भी दिल खोलकर तारीफ करने में बड़ी दिक्कत होगी। लेकिन विमर्श ऐसे ही बदले जाते हैं।
जेएनयू में न पढ़ पाने कि कुंठा से लैस पत्रकारों, नेताओं और उनके अनुयायियों को ये ज़रूर पढ़ना चाहिए।अर्थशास्त्र की सबसे कठिन परीक्षा में ३२ में से १८ छात्र जेएनयू से हैं।इसीलिए इस देश को सैंकड़ो जेएनयू की ज़रूरत है।
लड़ो पढ़ाई करने को
पढ़ो समाज बदलने को
मुस्लिम मुक्त भारत बनाने का ऐलान करने वाला सुशील तिवारी छुट्टा घूम रहा है। और इसकी शिकायत करने वाले
@PJkanojia
को यूपी पुलिस दिल्ली से गिरफ्तार कर लेती है।भयावह है। विकास दुबे को सलाम ठोकने वाली पुलिस का ये डरावना चेहरा है।योगी आदित्यनाथ के बूते का इससे ज़्यादा कुछ नहीं।शर्मनाक।
दैनिक भास्कर समूह के कई ठिकानों पर टैक्स एजेंसियों के छापे की खबर आ रही है। कोरोना के दौरान मोदी सरकार की विफलताओं को इस अखबार ने जिस तरह से उधेड़ा था उसके बाद सब इंतजार कर रहे थे कि सरकार कब कार्रवाई करती है। उसने निराश नहीं किया। शववाहिनी गंगा, बाकी सब चंगा।
पिछड़ी जातियों के लोगों को लालूजी ने जो आवाज़ दी है उसका मतलब अगड़ी जातियों के लोग कभी नहीं समझ पाएंगे।नहीं समझ पाएंगे अहिरा से यादव जी और कहरा से प्रजापति जी का कायांतरण।लालू इकलौते नेता हैं जिन्होंने अंध हिंदुत्व के ज़हर को नब्बे के दशक में पहचाना और कभी उससे समझौता नहीं किया।
सोनिया गांधी ने लिखा है 20 हज़ार करोड़ की सुंदरीकरण योजना पर तत्काल रोक लगाएं, सरकारी दफ्तरों का निर्माण रोकें, सरकारी और केंद्रीय उपक्रमों के विज्ञापनों पर भी रोक लगाएं। और सारा पैसा कोरोना से लड़ाई और गरीबों को मदद दिन में लगाया जाए। ये चिट्ठी उन्होंने प्रधानमंत्री को लिखी है।
गोलशिफ्ट कहां से आया भाई।ये आपका श्रृंगार है।बिहार,झारखंड वाले भी एम्स ही क्यों?सीवान क्यों नहीं,औरंगाबाद,बेतिया क्यों नहीं।सब एम्स आएंगे?डॉक्टर राणावत का नाम सुना है?विदेश से आए थे वाजपई के ऑपरेशन के लिए।जेटली मैक्स में थे कि नहीं?जवाब नहीं तो क्षेपक मत गढ़िए ना।समझते हैं लोग।
सर ये सब आँखें मुँदते समय ही AIIMS पहुँचे थे. ख़ैर, अब नाम सामने आ गए तो आपने गोल पोस्ट शिफ़्ट कर दिया कि पहली-तीसरी-चौथी पसंद के हिसाब से बात हो. थोड़ी देर में आप कहने लगेंगे मुहल्ला क्लिनिक में नेताओं ने क्यों नहीं इलाज कराया? इसका तो कोई इलाज नहीं मेरे पास!
" फाड़ के रख दूंगी, सुदर्शन न्यूज़ से हूं"
टीवी न्यूज इंडस्ट्री के लिए आज शर्मनाक दिन है। जब दो चैनलों के बदमिजाज संवादाताओं ने पूरी प्रेस कॉन्फ्रेंस को हाईजैक कर लिया।
उफ्फ लड़कियों.. तुम किस मिट्टी की बनी हो..
आपने नागरिकता कानून के समर्थन में ऐसा कोई सैलाब देखा हो तो ज़रूर शेयर करें। लड़कियों का ऐसा अनुशासन, ऐसी सुर-ताल , ऐसी धज..
उन पत्रकारों के नाम गौर से देखिए जो हाथरस की घटना के लिए पूरी बेहयाई के साथ सरकार को बचा रहे हैं। वो कसूर पुलिस वालों पर डाल रहे हैं। गलती से भी मोदी योगी पर सवाल नहीं। माफ़ कीजियेगा लेकिन इसकी वजह सिर्फ जातिवाद है। इतना घिनौनापन ये कहां से लाते हैं?
कूड़ा फेंकने पर बिगड़ जाने वाली
@AnushkaSharma
और 688 करोड़ की दौलत वाले उनके पति
@imVkohli
ने देश की कितनी मदद की है? ऐसे अरबपति सिर्फ देश की भावनाओं को बेचकर अपना खज़ाना भरते रहे हैं? तिरंगा लेकर स्टेडियम में दौड़ने वाले इन रईसों का देशप्रेम tiktok और इंस्टाग्राम तक सीमित है?
पालघर की घटना स्तब्ध कर देने वाली है।यह केवल पुलिस की नाकामी नहीं है।सत्ता के खेल में हम सबको भीड़ में बदला जा रहा है।बुलंदशहर में इंस्पे सुबोध सिंह की हत्या के बाद क्या हुआ?सत्ता की गोद में बैठकर बजरंगी हत्यारे कहकहे लगाते रहे। सीएम ने एक शब्द नहीं कहा था। ये चलन बदलना चाहिए।
चुनाव में जीत हार अपनी जगह लेकिन एक अकेले केजरीवाल ने देश के गृह मंत्री को देश का सारा काम धाम छोड़कर नुक्कड़ सभा करने,पर्चे बांटने और गली गली घूमने के काम में लगा रखा है।ये ठीक बात नहीं है।एकदम नहीं।देश के इत्ते बड़े बड़े मंत्रियों को नगरपालिका टाइप चुनाव में नहीं फंसाना चाहिए।
पार्टी कोई जीते कोई हारे लेकिन चुनाव आयोग की हार ऐतिहासिक है। उसको 'पार्टी' नहीं बनना था। उसने EVM को कूड़ेदान समझ लिया। सड़क पर पड़े मिले। कहीं पड़े हुए। किसी के सिरहाने। ये जनता के आदेश की तौहीन है। ये संस्थाओं का 'भ्रष्ट' हो जाना है। अफसोसनाक। हर सफाई एक बहाना है।
जनता अपने वोटों की हिफाजत के लिए सड़कों पर उतर आई है।इतिहास में कभी नहीं हुआ।चुनाव आयोग एक मुर्दा संस्थान में तब्दील हो चुका है।लोकतंत्र को लुटेरे तय कर रहे हैं।भारत की लोकतांत्रिक आस्था किसी की कदमों के नीचे कुचली जा रही है।आप इधर या उधर हो सकते हैं,पर लोकतंत्र के सवाल पर नहीं।
जामिया की लाइब्रेरी में घुसकर लड़कियों को पीटा गया है। थूकता हूं ऐसी निर्लज्ज पुलिस पर। वकीलों से चौराहे पर थप्पड़ खाने वाली पुलिस। मैं आखिरी दम तक बेटियों के पक्ष में खड़ा रहूंगा। चाहे जो हो जाए।
कुछ लोगों का कहना है SPG वालों को उठाने में देरी इसलिए हुई कि 'वो' गिरे तो समझ नहीं पाए सच में गिर गए हैं या यह दंडवत जैसे किसी महान राजनीतिक एक्शन का हिस्सा है।उन्हें ये भी भय था कि उठाने बढ़े तो धकियाकर 'वो' पीछे ना कर दें गोकि कैमरे की सुविधा के लिए वो अक्सर करते देखे गए हैं।
आवाज की दुनिया से दो महीने की अनुपस्थिति के बाद फिर से आपके बीच हूं।इस कठिन दौर में साथ खड़े रहे साथियों,शुभचिंतकों,प्रशंसकों और आलोचकों का कर्ज उतारने की न तो मेरे भीतर सामर्थ्य है और न ही ऐसी कोई चाहना।इस वीडियो के जरिए अब आगे के रास्ते के लिए आपकी सलाह और सुझावों की दरकार है।
भारत माता करते करते मोदी जी के मंत्री मां-बहन पर आ गए।और क्या चाहिए?गिरिराज सिंह को गाय का नहीं भाषा-संस्कृति का मंत्री बनाना चाहिए था।एक राष्ट्रीय चैनल के एंकर को ऑन एयर मां बहन की गाली देने के लिए कितना ज्ञानी होना पड़ता है जानते हैं?दूसरे सेकंड में है गिरिराज की 'वैदिक' भाषा!
मुबारक हो।प्रोफेसर फिरोज खान ने बीएचयू के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय से इस्तीफा दे दिया है।और इसी के साथ सिद्घ हो गया कि संस्कृत ब्राह्मणों के लिए जूते का तल्ला है।मालवीय के विद्या धर्म संकाय में अब ना विद्या जैसी कोई बात बची है, न धर्म जैसी,ना इंसानियत और सभ्यता जैसी।
एक प्रधानमंत्री को आर्थिक मामलों में इस तरह का झूठ फैलाने से बचना चाहिए।PMC जैसे बैंकों ने लाखों के पेंशनधारियों को सौ सौ रुपए के लिए तड़पाया है।दवा और ऑपरेशन तक रुक गया।सच ये है कि आपके 5 करोड़ भी जमा हों तो गारंटी केवल 5 लाख की है।बाकी डूब जाएगा।मोदी को RBI एक्ट पढ़ लेना चाहिए।
ABP का जाहिल कविताचोर एंकर इतिहास पढ़ने की बात कर रहा है।ये पाजी देश को एबीपी समझता है।जिसके परदे पर बैठकर लोगों को वो "भारत का युग" पढ़ाता है।कविताचोर ऐसी बातें नहीं किया करते पगले।एक पत्रिका का बहुत अच्छा विशेषांक आया है।ढूंढो।चोरी के लायक बहुत माल मिलेगा उसके।टिका देना कहीं।
भाईचारे का त्योहार ईद सबको मुबारक।जिस इम्तिहान से गुजरते हुए ये ईद आई है उसका तसव्वुर हमने कभी नहीं किया था।अल्लाह ने हमें एक बेहतर दुनिया के लिए लडने की ताकतों से नवाजा है।हम उम्मीद करें एक दिन वो दुनिया बना लेंगे।इस ईद पर मैं भूखमुक्त दुनिया के ख्वाब देखता हूं।सबके लिए रोटियां।
शिवम त्रिवेदी,शुभम त्रिवेदी,उमेश बाजपाई,हरिशंकर त्रिवेदी,राम किशोर त्रिवेदी।ये उन्नाव की लड़की को जला देने के आरोपी हैं। शर्मनाक ये है कि इन नामों पर कुछ 'ब्राह्मण' पत्रकार बेशर्म,लिजलिजे और खूंखार हो चुके हैं।वो परसों से ही फैला रहे हैं कि लड़की ने दरअसल खुद ही आग लगा ली थीं।
बीजेपी कार्यकर्ता अभिषेक 6 साथियों के साथ झोले में लुंगी,टोपी भरके मुर्शिदाबाद रेलवे ट्रैक पर पहुंचता है।कपड़े बदलता है और रेलगाड़ी में तोड़फोड़ करता है।लोग पकड़ लेते हैं तो कहता है हम पथराव का नाटक कर रहे थे।
Stone gang in fake skullcap held via
@ttindia
नोएडा एक्सटेंशन के इको विलेज में नेटवर्क18 के एक सीनियर पत्रकार पर लाउडस्पीकर बजाने वाले जगरतियों ने हमला किया है। उनकी पत्नी को घर में घुसकर कपड़े फाड़ देने की धमकी दी है। छह साल का उनका बच्चा दहशत में है। पुलिस तमाशा देखती रही। गुंडों ने थाने में पुलिस वालों के सामने धमकाया।
एक बात मेरी समझ मे बिल्कुल नहीं आयी।राफाल एक बिकाऊ माल है।जो चाहे खरीद ले।पैसा होना चाहिए।अरब चाहे तो राफाल को टैक्सी में चलवा दे। ये वैसा ही है जैसे दफ्तरों में नए IPhone की नुमाइश लगती है और फ़ोन का मालिक उम्मीद करता है कि लोग वाह वाह करें।राष्ट्रीय सुरक्षा ढोल कभी नहीं रही।
जामिया की हिंसा में पुलिस के आतंक के वीडियो के बावजूद कमिश्नर बने हुए है।गृह मंत्री बने हुए हैं। थानेदार छोड़िए सिपाही तक सस्पेंड नहीं हुआ। इसका मतलब सिर्फ इतना है कि इस देश की सरकार युवाओं को भेड़ से ज़्यादा कुछ नहीं समझती।एक लोकतांत्रिक समाज के तौर पर हमारी हत्या की जा चुकी है।
माई लोग और भाई लोग थाली पीटने को एकता की पहचान बता रहे हैं,अखंड भारत की जीत बता रहे हैं। फिर वो कौन हैं जो 5 रुपए का मास्क 50 रुपए में बेच रहे हैं,100 का सैनिटाइजर 300 में बेच रहे है। प्याज 2 दिन में 30 से 70 रुपए हो गया। आटा गोदामों में जमा करके भर लिया। हे माई, हे भाई बोलो ना।
"मैंने जय श्रीराम बोलकर हिन्दुओं को दुकानें जलाते देखा" और जब ये सब हो रहा था तो
@DelhiPolice
के
@CPDelhi
मुस्कुराते हुए ब्राज़ीलियन काफी का मज़ा ले रहे थे।
किसानों के साथ मीटिंग में क्या बात हुई ये एक पुलिसवाले ने अपनी बीवी को बताया।पुलिसवाले की बीवी टीवी चैनल की एंकर।उसने लाइव में कहा क्या बात हुई मुझे पता है।किसान नेता ने कहा आपको कैसे पता?पुलिस वाले की वही एंकर बीवी टीवी पर चिल्ला रही है ये किसान बर्दाश्त के लायक नहीं।
#BJPNews
चीन के हेबेई प्रोविंस के नेन्डगैंग शहर में पीपुल्स आर्मी के पूर्व अधिकारियो द्वारा संचालित चीनी कंपनी के साथ चीनी माल के बहिष्कार के MoU पर हस्ताक्षर करते बाबा जी।सुनते है स्वदेशी को सफल बनाने के लिए बूटी बाबा ने चीन की कई यात्राएं की। फोटो 2018 की।माने 'स्वदेशी' चाइना का माल है?
'धाकड़ छोरी' लोकतंत्र के अखाड़े में जनता की पटखनी भूल न पाई है।एक निर्दलीय ने इस ज़हर को ऐसा पटका था कि घाव भरा नहीं।ख़ाली एंकरों और उनकी ट्रोल आर्मी ने भी वोट किया होता तो मानसिक स्थिति इतनी ना बिगड़ती।ट्वीट का 10% भी वोट ना मिला।अपने इलाके के लोग भी कतई लाइक ना करते इस ज़हर को।
आपके सुझावों का अक्षरश: पालन करते हुए मैं एक यू ट्यूब चैनल की शुरुआत करने जा रहा हूं.आपसे गुजारिश है कि मेरे फेसबुक ट्विटर और इंस्टाग्राम पेज पर नजर बनाए रखें. और नए प्लेटफॉर्म को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने में मेरी कोशिशों में मेरा साथ दें.
बेटियां गर्ल्स हॉस्टल में पीटी गईं,लाइब्रेरी में पीटी गईं,पुलिस ने बदसलूकी की।असम से दिल्ली तक लाखों बेटियां सड़कों पर हैं।और हमारा 'महानायक' ख़ामोश है।शूटिंग में है।उन लाखों बेटियों के लिए न सही अपनी पोती के लिए ही बोलिए।वरना इतिहास कहेगा हमारा 'महानायक' कायर था।
@SrBachchan
चलते फिरते,बात करते रहने का मतलब ज़िंदा रहना नहीं होता। सत्ता की नारेबाजियों ने हमारे अंदर की इंसानियत को भी मार डाला है।अपनी मां का कफ़न बन चुकी चादर से खेलता ये बच्चा हम सब की सामूहिक मौतों की मुनादी है।सवाल पूछो दोस्त।बोलो अपने बच्चों से नज़रें कैसे मिलाओगे?उन्हें क्या बताओगे?
पहले लगता था हिंदूवादी सरकार केवल मुसलमानों को नज़रबंद कर रही है। लेकिन हिंदूवाद के चरम पर हिन्दू भी इसकी चपेट में हैं। हिन्दू में भी ब्राह्मण। ब्राह्मण में भी स्त्री। स्त्री में भी वृद्ध। वृद्ध में भी जिसके बेटे को गला रेतकर मार डाला गया। क्या योगी जी?
राजस्थान विश्वविद्यालय के इस छात्र का नाम अनंत मिश्रा है। अपने विषय के टॉपर हैं। CAA, NRC पर JamiaProtest में लाठीचार्ज के विरोध में काली पट्टी बांधकर राज्यपाल
@KalrajMishra
से स्वर्ण पदक लेने पहुंचे। तो ये मत कहिएगा की विरोध केवल मुसलमान कर रहे हैं। इंसान कर रहे हैं।
गाय की फैक्ट्री लगाने वाले मंत्री जी कभी कभार फुरसत में इतिहास पढ़ा कीजिए।बहुत सारी मूर्खताओं से बचे रहेंगे।अच्छा नहीं लगता कि भारत जैसे महान देश का कोई मंत्री जाहिलियत भरी बातें करे।मेरठ मलियाना का नाम सुना है आपने?गुजरात का?बेस्ट बेकरी का?गुलबर्गा सोसायटी का? थोड़ा पढ़ा कीजिए।
राजीव धवन जी! कांग्रेस के इशारे पर हिंदुओं को बदनाम ना करें और उन्हें दंगाई ना कहें ..
हिंदुस्तान का इतिहास गवाह है और मैं चुनौती के साथ कहता हूं कि हिंदुस्तान में जितने भी दंगे हुए उसमें हिंदू शामिल नहीं हैं।
प्रधानमंत्री सरेआम झूठ बोल रहे हैं कि एनआरसी पर सरकार में कभी कोई चर्चा नहीं हुई। वो अपने ही गृहमंत्री को नहीं सुनते। अमित शाह ने बार बार संसद में खड़े होकर कहा कि NRC तो होकर रहेगा और ये उनका वादा है। अब या तो अमित शाह झूठ बोल रहे थे या मोदी। दोनों के भाषण ऑन रिकॉर्ड हैं।
टेलीविजन चैनलों का ये सुपर संपादक दंगा फैलाने की कोशिश कर रहा है। ��े एक ऐसा वीडियो फैला रहा है जिसके बारे में इसे खुद ही नहीं पता ये आया कहां से है। जमात पर हाईकोर्ट का झापड़ पड़ने के बाद ये सुपर संपादक और इसके लठैत एंकर तिलमिलाए हुए हैं। इनके दंगाई इरादों के झांसे में न आएं।
27 Feb को
@Article19_India
का फ़ेसबुक पेज रेस्ट्रिक्ट कर दिया गया।किसी ने इसपर कोई आवाज़ नहीं उठाई।हम ये लड़ाई अकेले लड़ रहे है।फिर भी हम कहते है कि
@BoltaHindustan
के यूट्यूब चैनल को बंद करना सीधे-सीधे अभिव्यक्ति का गला घोंटना है।इसका हर क़ीमत पर मुक़ाबला करना होगा।साथ आना होगा।
भारतीय नौसेना दिवस पर बधाई देने के लिए तिवारी जी ने अमेरिकी जहाज़ का ताजा ताजा पोस्टर निकाला है। मोदी जी और शाह जी के पोस्टर के साथ। अमेरिका वाला झंडा तो नजर आ रहा है, भारत का झंडा दिखे तो बताया जाए।
ये आदमी 'बलात्कारियों' का सरदार है।शर्म आती है ये बीमार हिन्दू है।भारत की हर बेटी इस विधर्मी पर शर्मिंदा है।धर्म को सबसे ज़्यादा ऐसे घृणित लोगों से खतरा है। इसका खुला घूमना हिंदुत्व को गटर में डालने जैसा है।इसे जितनी जल्दी गिरफ्तार किया जाए धर्म-राष्ट्र के लिए उतना अच्छा।डूब मरो।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे।सबसे बड़ी पार्टी शिवसेना।गृह मंत्री अनिल देशमुख।देशमुख एनसीपी के।पुलिस उनके अंडर में।कांग्रेस तो न तीन में न तेरह में।लेकिन बीजेपी दाना पानी लेकर चढ़ी हुई है कांग्रेस पर। सोनिया गांधी पर।क्यों?क्योंकि शिवसेना से भिड़ने में खेल खराब हो जाएगा?
इसे षड्यंत्र बताने वाले बेशर्म, लिजलिजे और बीमार हो चुके हैं। आपको इनको सुनना पड़ेगा। कहीं से एक शरजील को निकालकर वो जो विमर्श रचने की कोशिश कर रहे हैं वो दरअसल बरसों बरस की अपनी दलाली की झेंप मिटाने की कोशिश कर रहे हैं। वो दलित, आदिवासी, पिछड़े, मुसलमान और महिला विरोधी हैं।
उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री जी से मेरी विनती है कि यूपी पुलिस के लिए पर्याप्त कम्बल रज़ाई अलावा वार्मर वगैरह ही व्यवस्था करें जिससे उन्हें प्रदर्शनकारी महिलाओं से लूटपाट की जरूरत न पड़े।पुलिस तो तब भी कहीं से भी लूट लेगी।प्रदर्शकारी तो गरीब हैं,उनके पास वर्दी भी नहीं। जय हिन्द।
ये लंपट, गुंडा, सनकी धर्म पर ज्ञान देगा? जिसको जेल में डाला जाना चाहिए उसको धर्म के सिंहासन पर बैठाया जा रहा है। गंदा और घिनौना आदमी जो बच्चों तक से नफरत करता है। प्यासे बच्चों में आतंकवादी दिखता है इसे।
हिंदू धर्म का कलंक है ये। बजबजाता हुआ कोढ़।
मैं शर्मिंदा हूं हिंदुस्तान कि लड़कियों।इस देश की सरकार ने,मीडिया ने,सिस्टम और लोकतंत्र ने तुमको हराने कि कोशिश की है।इस देश में हिम्मत है जो इन लड़कियों से आंख मिला ले।मैं शर्मिंदा हूं कि आज भी कुछ बेशर्म पत्रकार तुम्हारे बर्बर हमलावरों के साथ हैं।तुम्हारी हिम्मत को लाखों सलाम।
ये मौत के मुंह से निकलकर आए एक आदमी का बयान है। इसे दर्ज किया जाए।आप अभी भी अगर स्कूल के बदले मंदिर, अस्पताल के बदले ईसाइयों,मुसलमानों,सिखों से नफरत,नौकरी-रोजगार के बदले ताली-थाली में खुश हैं तो अपने आने वाली नस्लों से गद्दारी कर रहे हैं।
@Article19_India
अंबेडकरवादियों कहां हो? तुमको आजतक मंदिर में नहीं घुसने दिया और हम तुम्हारी संसद में घुसकर तुम्हारे माथे पर नाच रहे। तुम्हारा प्रधान भी हमारी पलटन के पीछे हमारी धोती का पछुआ पकड़े हाथ जोड़े घूमेगा। अपने पैरों पर रखते हैं तुम्हारी लोकतांत्रिक मर्यादा को। ऐसी तैसी तेरी डेमोक्रेसी।
आरक्षण को रिश्वत और दलितों,पिछड़ों, आदिवासियों को कामचोर,पुरुषार्थविहीन कहने वाले सुधीर चौधरी पर मुकदमा दर्ज होना चाहिए।देश के 85 फीसद लोगों को रिश्वतखोर-कामचोर कहना आपराधिक है।मीडिया के दफ्तरों में कार्पेट के नीचे बजबजाती गंदी जातीय मानसिकता का एक नमूना भर है।इससे लड़ना पड़ेगा।
यूपी में "टैलेंट" का गजब विस्फोट हुआ है।बांदा कृषि विश्वविद्यालय में 15 प्रोफसर की नियुक्ति हुई.11 एक ही जाति के।अब सवर्णो में जूतम पैजार शुरू है। BJP वाले अपनी ही सरकार की बखिया उधेड़े हुए हैं।ना भाई ना।आपका हिस्सा दलितों पिछड़ों आदिवासियों ने नहीं मारा।ठाकुर मंत्री से पूछो।
क्या असम में आंदोलन खत्म हो गया? सबकुछ सामान्य चल रहा है? स्कूल, कॉलेज, दफ्तर खुल गए? इंटरनेट चालू है? और अगर नहीं तो इसकी खबरें कहां हैं? अख़बारों में, टीवी में। आपने अपने नामचीन संवाददाताओं, एंकरों को वहां रिपोर्टिंग करते देखा? नजर बनाए रखिए। रिमोट कंट्रोल आपके हाथ में नहीं है।
भारतीय लोकतंत्र को दुनिया में सबसे ज्यादा शर्मिंदा करने वाले प्रधान जो कार्टून और कविता तक से खौफ खाते हैं, कह रहे हैं की भारत लोकतंत्र,विचारों की स्वतंत्रता और स्वतंत्रता को लेकर प्रतिबद्ध है। विचारों की स्वतंत्रता का इससे भद्दा और फूहड़ मजाक क्या होगा?
बीजेपी के एमपी साहब ने CAA के समर्थन में अपना ज़ोर दिखाने के लिए 360 गावों की महा पंचायत बुलाई थी। सोचा था हर गांव से ५०-१०० भी आए तो लाखों का जलवा होगा। मोदी-शाह प्रसन्न होंगे। पहुंचे केवल २५० लोग। भाई साहब बौखलाए घूम रहे हैं। जनता ने लंका लगा दी है।
For decades, a mixture of weird left-wing politics, fake-pride, closeness to Russia, anti-capitalist stance type policies led India away from USA, and it was our loss. May this be a new era of friendship between the two greatest democracies of the world.
#HowdyModi
अमित शाह को चाहिए कि पाकिस्तान और बांग्लादेश को केंद्र शासित प्रदेश घोषित कर दें।अरे सच में। उत्तर पूर्व का सारा झगड़ा ही ख़त्म।ताकतवार सरकार का कुछ तो फायदा हो।मेरी मांग है कि ४७ का विभाजन रद्द किया जाए।जब अनुच्छेद ३७० ख़त्म हो सकता है,३५ए ख़त्म हो सकता है तो विभाजन क्यों नहीं?