
कपिल_राही®
@kvindian1991
Followers
3K
Following
105K
Media
171
Statuses
68K
मुझे जानने के लिए मुझे सारा का सारा पढ़ें एक दो ट्वीट से अनुमान ना लगाएं ट्वीट के लिए #कपिल_राही पर क्लिक करें।।
Bharat
Joined March 2015
माँ तो प्रकृति की अनुपम कृति है जिससे चलती संस्कृति है। माँ तो ईश्वर की निश्छल अनुकम्पा है, जहाँ है वहीं ईश्वर की कृपा है। ~ #कपिल_राही कृपया पूरा सुने और अपना प्रेम और वात्सल्य न्योछावर करें । #MothersDayContest #माता #mothersday2020 पूरी कविता👇 https://t.co/UDl362erYk
23
61
106
ख़ुद को रुला चुका हूँ मैं… तुझ को भुला चुका हूँ मैं… अब प्यार के निवाले की, ज़रूरत नहीं मुझ को, प्यार के भूखे, इस बच्चे से दिल को, चिर निद्रा में सुला चुका हूँ मैं… किसी के लिए, मेरी ज़िंदगी में, अवि जगह ही नहीं, ग़म को अपने पास बुला चुका हूँ मैं...!!
2
1
2
आह की पीड़ा ! विरहिणी के हृदय तरंग कैसे समझ पाओगे तुम.. वेदना से आंचल भीगा कैसे छांव पाओगे तुम.. हृदय रीता अधर सूखे कैसे भर पाओगे तुम.. सदियों से बोझिल पलकें कैसे मूंद पाओगे तुम.. वादे पर खड़ी प्रतिमा कैसे तोड़ पाओगे तुम...🦋 ~ बिमला वर्मा #मन_बावरा_सा चित्र - अनाम
26
20
60
ये एक ऐसा कटु सत्य है जो मनुष्य जाति और मनुष्यता के नाम पर एक काला धब्बा है। मैं किसी विवाद में नहीं पड़ना चाहती लेकिन ऐसे भी प्रदेश और शहर हैं जहां हर मोहल्ले का एक अलग श्मशान घाट है और जहां मृत्यु के बाद भी कलह मच जाता है कि यहां दूसरे इलाके का दाह-संस्कार नहीं हो सकता।
7
13
29
मैं फिर कह रहा हूं सड़क,बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य यही वोट देने का कारण होना चाहिए, वरना किसी के भी बीमार होने पर, बच्चों के पढ़ने को लेकर कहीं जाने को लेकर उजाले की लेकर प्यास को लेकर बाद में मन मसोसते ही रहोगे कोई नहीं सुनेगा राधे राधे
0
0
0
#अक्टूबर का महीना और पेड़ों से झरते पत्ते ऐसे ही तो झरते हैं हर #शाम यादों के दरख़्त से तेरे साथ गुज़रें लम्हों के पीले पत्ते...🍁🦋 #बिमला_वर्मा #Repost
@____manisha__
24
19
66
#आग_की_भीख धुँधली हुईं दिशाएँ, छाने लगा कुहासा, कुचली हुई शिखा से आने लगा धुआँ-सा। कोई मुझे बता दे, क्या आज हो रहा है; मुँह को छिपा तिमिर में क्यों तेज़ रो रहा है? दाता, पुकार मेरी, संदीप्ति को जिला दे; बुझती हुई शिखा को संजीवनी पिला दे। प्यारे स्वदेश के हित अंगार माँगता हूँ।
4
7
13
बिहार चुनाव 2025: राज्य के सबसे पिछड़े इलाक़ों में से एक, ये है किशनगंज ज़िले का हाल रिपोर्ट: @dilnawazpasha वीडियो: शाहनवाज़ अहमद
5
20
136
लद्दाख के लोग बीते कई सालों से इसे राज्य का दर्जा देने और छठी अनुसूची में शामिल करने की माँग कर रहे हैं. इन्हीं मांगों को लेकर बीते कई दिनों से लेह में मशहूर पर्यावरणविद सोनम वांगचुक और लेह अपेक्स बॉडी का अनशन चल रहा था. 24 सितंबर को युवाओं की बड़ी तादाद अनशन स्थल पर जमा हो
5
59
226
सुनो ना ! ☺️ क्या कहूं कैसी हो तुम ! सुर्ख़ गुलाब पर जैसे हो ओस कि बूंदें बिल्कुल वैसी ही तो हो तुम... नीले समुंदर में तैरते हिम खंड सी उज्जवल बिल्कुल वैसी ही तो हो तुम... चांदनी रात में पत्तियों से झरती शुभ्र चांदनी बिल्कुल वैसी ही तो हो तुम...🦋 #बिमला_वर्मा
20
15
45
प्रेम में कभी लौटना नहीं होता जैसे नदी नहीं लौटती है पुराने छोड़े घाट पर जैसे शाखों से गिरे फूल वापस नहीं लगते शाखों पर प्रेम का मार्ग एकतरफ़ा होता है जिसमें कोई अगर लौटे भी तो लौटता है विक्षत बिना पंख के पंछी की तरह जहाँ उड़ने की कोई गुंजाईश नहीं बची होती है प्रेम बस लौटता
20
26
105
मैं तुम्हारी दाईं हथेली पर उभर आई एक सख़्त डील का आयतन भर मापना चाहती थी जानना चाहती थी कि क्यूँ सबसे क़ीमती और सबसे ज़रूरी आदमी को इंसान न चाहकर भी खो देता है क्यूँ आदमज़ात का एक मज़बूत इंसान एक कोमल स्त्री के आलिंगन में भरभरा कर रो देता है ! 🦋 ~ बबली गुज्जर
15
20
45
इस ज़िंदगी का अब तुम जो चाहो नाम रख दो जो ज़िंदगी तुम्हारे जाने के बाद आई 🦋 #असद_भोपाली 💐
11
22
39
आरज़ू तेरी बरक़रार रहे #दिल का क्या है रहा रहा न रहा 🦋 #हसरत_मोहानी #विश्व_हृदय_दिवस ❤️
वो #दिल ही क्या तेरे मिलने की जो दुआ न करे मैं तुझको भूल के ज़िंदा रहूँ ख़ुदा न करे ! रहेगा साथ तेरा प्यार ज़िन्दगी बनकर ये और बात मेरी ज़िन्दगी वफ़ा न करे ! सुना है उसको मोहब्बत दुआयें देती है जो दिल पे चोट तो खाये ��गर गिला न करे ! 🦋 #क़तील_शिफ़ाई #विश्व_हृदय_दिवस ❤️
16
17
43
हाल ही में आई प्राकृतिक आपदाओं की वजह से पूरे देश में किसानों को बहुत नुकसान हुआ है। फसलें बर्बाद होने से सिर्फ खेती ही नहीं, बल्कि गांव की अर्थव्यवस्था और लोगों की रोज़मर्रा की ज़िंदगी भी प्रभावित हुई है। किसान हमारे देश की रीढ़ हैं। ऐसे मुश्किल समय में उनका ख्याल रखना और
2
9
56
बेहद पतली गली है उधर कार नहीं जाती और चूँकि कार नहीं जाती इसलिए उधर कभी सरकार नहीं जाती प्रशांत सागर
0
23
102
मैं ने कविताएं लिखी कहानियां भी लिखी पर उपन्यास तक कभी बात पहुंच ही नहीं पाई क्योंकि सत्य कहां कब किसे कितना भाया है ? इंसान इतना बेहिस हो चुका है आज के दौर में कि लाशों के साथ #सेल्फ़ी मार कर सोशल मीडिया पर अपलोड किए जाते हैं ! आप लिखों शायद बिक जाए "दर्द" 🦋
4
7
23
प्रिय मित्र रसगुल्ले तुम खुद से नाराज़ हो कर जहां भी बैठो मुझे पता है तुम मेरा लिखा जरुर पढ़ते हो,तो तुम्हें बता दूं एक परीक्षा परिणाम से हताश मत हो रे बावले... तुम यूं हार नहीं सकते मित्र,तुम्हारे पास सफलता के अलावा कोई दूसरा विकल्प है ही नहीं। थोड़ा समय खुद को दो और वापसी करो।
8
20
75
मैं उस मृत्यु के बारे में अक्सर सोचता हूँ जो क्षण-क्षण घटित हो रही है—हम में, तुम में, सब में। धर्मवीर भारती
2
16
101
कवि ढूँढ लेता है अपनी प्रेरणा सौंदर्य की अनुभूति में प्रकृति सुरमयी में या प्रतिबद्ध हृदय की प्रेमाहुति में... #काव्याक्षरा🖊️
11
6
42