
Hindinama
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हिन्दीनामा, एक छोटा सा परिवार है। जिसका प्रयास हिन्दी समेत अन्य भाषाओं के हिन्दी अनूदित साहित्य के भिन्न-भिन्न रूपों को आपके समक्ष रखना है।
India
Joined September 2017
हिन्दीनामा-परिचय भाषा कैलेंडर 2025 आ गया है। आपको बताते हुए ख़ुशी हो रही है कि इस बार @TheLallantop भी हमारी इस मुहिम में मीडिया पार्टनर के तौर पर जुड़ा है। इसके अलावा ब्रेथवेट भी एसोसिएट पार्टनर के तौर पर शामिल हुआ है। आशा है हर बार की तरह इस बार भी इस कैलेंडर को आपका ढेर सारा
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मैं थोड़ा और जीवन चाहती हूँ इतना कि जिनसे घृणा है उनसे भी प्रेम हो जाए। पायल
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Enter the Mainframe. Tune in as we livestream from Las Vegas and open the gateway to new products for active traders like you. Live on September 9, 2025 at 8:30pm ET/5:30pm PT.
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“या तो प्यार आदमी को बादलों की ऊँचाई तक उठा ले जाता है, या स्वर्ग से पाताल में फेंक देता है। लेकिन कुछ प्राणी हैं, जो न स्वर्ग के हैं न नरक के, वे दोनों लोकों के बीच में अंधकार की परतों में भटकते रहते हैं।" धर्मवीर भारती
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जैसे ही आप रास्ते पर चलना शुरू करते हैं, रास्ता दिखाई देने लगता है। रुमी
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सौ चाँद भी चमकेंगे तो क्या बात बनेगी तुम आए तो इस रात की औक़ात बनेगी जाँ निसार अख़्तर #redmoon
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नई जवानी एक ख़ास क़िस्म की बैचेनी लेकर आती है। जब अंदर से रोज़ आवाज़ें आती हैं कि कुछ करना है लेकिन समझ नहीं आता आख़िर करना क्या है। ~ दिव्य प्रकाश दुबे ( @divyapdubey ) इब्नेबतूती से #Ibnebatuti
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I’m a retired Marine LtCol and Democrat running for Congress in Virginia's 2nd District because I swore to defend this country. We need a new mission in Congress: one that puts people over profits. Help us retake this critical district now by clicking the video to donate.
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यह सहयोग ही राजस्थान कबीर यात्रा की आत्मा है। गाँववाले केवल दर्शक नहीं होते, वे इस आयोजन के सह-निर्माता बन जाते हैं। उनका सहज अपनापन और सामूहिकता यात्रा को सिर्फ़ एक सांस्कृतिक कार्यक्रम न रहकर एक जीवित अनुभव बना देता है। इसलिए राजस्थान कबीर यात्रा सिर्फ़ एक सांस्कृतिक आयोजन नहीं
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2012 में बीकानेर से शुरू हुई राजस्थान कबीर यात्रा एक साधारण पहल भर थी। कुछ लोगों की यह कोशिश थी कि कबीर की सत्संग परंपरा और उनकी वाणी को नई पीढ़ी तक पहुंचाया जाये। लेकिन समय के साथ यह यात्रा केवल कबीर तक सीमित नहीं रही। 'हद बेहद दोनों टपे' की गूँज के साथ यह एक सांस्कृतिक आंदोलन
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गुम-शुदा साए ढूँढता हूँ मैं लम्हा बन कर ठहर गया हूँ मैं ज़ाहिरी शक्ल मेरी ज़िंदा है और अंदर से मर गया हूँ मैं इशरत क़ादरी
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आप इस दिल की अदा से अभी वाक़िफ़ ही नहीं जल तो जाता है मगर ख़ाक नहीं हो सकता शफ़ीक़ बरेलवी
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Always curious and full of energy, Beagles turn every walk into an adventure 🐾🎉.
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एक दिन मैं छोड़ दूँगा तुमसे कहना 'कितनी व्यस्त हो तुम' एक दिन जब तुम लौटोगी वापस अपनी व्यस्तता से पाओगी मुझे बिखरा हुआ उस दिन मैं छोड़ जाऊँगा ख़ुद को पास तुम्हारे और जब तुम अपने निष्क्रिय खाली क्षणों में मुझे समेटती फिरोगी तो ख़ुद भी बिखर जाओगी। अभिषेक रामाशंकर
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चोट खाकर टूटते हैं सिर्फ दर्पण किन्तु आकृतियाँ कभी टूटी नहीं हैं आदमी से रूठ जाता है सभी कुछ पर समस्याएँ कभी रूठी नहीं हैं व्यर्थ है करना खुशामद रास्तों की काम अपने पाँव ही आते सफ़र में वह न ईश्वर के उठाए भी उठेगा जो स्वयं गिर जाए अपनी ही नज़र में रामावतार त्यागी
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पिता की थाली में आई रोटी पिता ने आधी दे दी पिता की जेब में आए सिक्के पिता ने आधे दे दिये फिर एक दिन दुःख आए पिता ने पूरे रख लिए जब दुःख बाँटने का समय आता है सारे पिता स्वार्थी हो जाते हैं लवराज
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यदि तुम हाँक लगाने लाठी उठाने और लालटेन लेकर बाहर निकलने का अपना हक़ छोड़ दोगे तो तुम्हारी अगली पीढ़ी इन लकड़बग्घों के हवाले हो जाएगी और तुम्हारी बस्ती में सपनो की कोई किलकारी नहीं होगी सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
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दिल को तिरी चाहत पे भरोसा भी बहुत है और तुझ से बिछड़ जाने का डर भी नहीं जाता अहमद फ़राज़
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BIG NEWS, Dragon Ball Fans! Pre-register now and join Goku on day one! Get exclusive launch rewards and rare items Will you be the first to experience it?
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औरत लेती है लोहा हर रोज़ सड़क पर, बस में और हर जगह पाए जाने वाले आशिकों से इतना लोहा होने के बावजूद एक नन्ही किलकारी तोड़ देती है दम उसकी गुनगुनी कोख में क्योंकि डॉक्टर कहते हैं ख़ून में लोहे की कमी थी। आकांक्षा पारे
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कैसे कहें तुझको भी है हम से वास्ता कोई तू ने हम से आज तक कोई गिला नहीं किया जौन एलिया
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अंधेरी खोह से निकलकर नींव के पत्थरों ने कहा– बहुत हुआ अब हम शिखर चढ़ेंगे। इतनी सी भर बात थी राजमहल थर्रा उठे। डॉ. मोहन नागर
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दो सहेलियाँ औरत की पीठ और आँखें, अक्सर एक दूजे से ऐसे अपना ग़म बाँटती हैं जैसे सालों बाद पीहर आईं मिलती हों रोती हुई दो सहेलियाँ। आलोक आज़ाद संग्रह - ईश्वर के बच्चे प्रकाशन - @hindyugm
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नाव चलती है हम ठहर जाते हैं इस पार नाव ठहरती है हम चलने लगते हैं उस पार श्रीप्रकाश शुक्ल
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The moments keep coming. Make the most of every play and show them something they'll never forget in NBA 2K26. Early Access Starts 8/29. Powered by @nba2k
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