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सुरेश पंत sureshpant Profile
सुरेश पंत sureshpant

@drsureshpant

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भाषाप्रेमी; हिंदी-संस्कृत से विशेष लगाव; व्याकरण, शब्दव्युत्पत्ति में रुचि। https://t.co/rR4plZPO64 https://t.co/EPPfrW2mt5

new delhi
Joined March 2011
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@drsureshpant
सुरेश पंत sureshpant
7 months
कथेतर साहित्य वर्ग में "शब्दों के साथ-साथ" के लिए एक लाख रुपए के पुरस्कार से सम्मानित करते हुए वैली ऑफ वर्ड्स के अध्यक्ष संजीव चोपड़ा। .@vowlitfest .@penguinrandom
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@drsureshpant
सुरेश पंत sureshpant
3 hours
'तनिष्क' नाम दो घटकों से बना 'पोर्टमेंट्यू' शब्द है और सार्थक है। निष्क का अर्थ है सोने का सिक्का, दीनार, अशर्फी। अमरकोष के अनुसार .दीनारेऽपि च निष्कोऽस्त्री (३.३.१४).मनुस्मृति में –चतुःसौवर्णिको निष्को (८.१३७). चार माशा भार के स्वर्ण को भी निष्क कहा गया है। पंजाबी में इसका.
@MisraNityanand
Nityānanda Miśra (मिश्रोपाख्यो नित्यानन्दः)
1 year
बहुधा संस्कृत नाम के रूप में ख्यापित किए जानेवाले इन झूठे नामों से बचें।. Avoid these fake names which are often claimed to be Sanskrit names.
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@drsureshpant
सुरेश पंत sureshpant
4 hours
दुहाई .[द्वि–> दो–> दु, + आह्वान (बुलाना, टेरना) –> हाई = दुहाई]।.अथवा .[दु (दो)> दुह (जैसे दुहाजू में) + आई प्रत्यय, (जैसे- इकाई, दहाई, तिहाई, चौथाई में)].प्रयोग के अनुसार अर्थ है दो बार पुकारना, घोषणा करना, जैसे– बचाओ-बचाओ, रक्षा करो - रक्षा करो, जय हो-जय हो की दुहरी पुकार।.
@tapai02
tripti 1/0
15 hours
@drsureshpant सर कृपया "दुहाई देने" का अर्थ थोड़ा स्पष्ट कीजिए न। आजकल यह प्रचलित नहीं है पर पुरानी कहानियों और सिनेमा में पढ़ने/सुनने को मिल जाता है 🙏🙏.
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@drsureshpant
सुरेश पंत sureshpant
11 hours
Do you know the neonym Anglosphere?.Anglosphere means English-speaking countries considered collectively (the United Kingdom, the United States, Canada, Australia, and New Zealand, and Ireland). Source: idp IELTS.
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@drsureshpant
सुरेश पंत sureshpant
1 day
गांधी विशेष उदाहरण है। इसलिए नहीं कि किसी विशिष्ट व्यक्ति का नाम है, बल्कि इसलिए कि इसका उच्चारण गाँधी है, पर लिखा जाता है गांधी। स्वयं गांधी जी अपने नाम को अनुस्वार से लिखते थे। इसलिए नाम वही जो नामधारी माने।.अनुस्वार, अनुनासिक पर मेरा कुछ वर्ष पूर्व का यह वीडियो👇.
@mugdha_nayika
Mugdha_nayika
1 day
@drsureshpant सर गांधी या गॉंधी? मैंने एक जगह पढ़ा था कि संस्कृत में अनुनासिकता नहीं होने से बहुत सी अनुस्वार ध्वनियॉं और अनुनासिक व्यंजन हिंदी में अनुनासिकता में परिवर्तित हो गए हैं। ऐसे ही गंध से गॉंधी हो गया। क्या ये सही है?.कृपया मार्गदर्शन करें।.
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@drsureshpant
सुरेश पंत sureshpant
1 day
दूसरी ओर रक्षा > राख अर्थ की दृष्टि से भिन्न लगती है। रक्षा के संस्कृत में अनेक अर्थ हैं जिनमें एक राख (सुरक्षा करने के अर्थ में) भी है। अमरकोश रक्षा और क्षार दोनों को भस्म का पर्याय मानता है। दोनों में वर्ण विपर्यय देखा जा सकता है, जैसे खार और राख में।.
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@drsureshpant
सुरेश पंत sureshpant
1 day
࿗ रक्खणा, रखड़ी और राखी ࿗.अर्थ की दृष्टि से राख और राखी एक-दूसरे से बहुत दूर लगते हैं, लेकिन संरचना की दृष्टि से दोनों का डीएनए एक ही है। .हिंदी, पंजाबी में राखी, रखड़ी रक्षासूत्र के लिए हैं जो √रक्ष् (पालने, to protect) > रक्षा > रक्षण से हैं। रखना क्रिया भी रक्षण से है
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@drsureshpant
सुरेश पंत sureshpant
1 day
स्वयं जाँच लीजिए। .अगर आप 🌙 को "चान्द" नहीं बोल रहे हैं तो आप "चाँद" ही बोल रहे हैं और शुद्ध बोल रहे हैं, लिखा चाहे चांद ही क्यों न हो! अनुस्वार से चंदा चन्दा है और अनुनासिक से चाँद चाँद। चाँद लिखा जाना चाहिए किंतु चांद लिखा जा रहा है। नियमानुसार द से पहले अनुस्वार (ं) को न्.
@dxrsam_0
Sameer  ⌬
1 day
@drsureshpant क्या चाँद को वाकई अनुनासिक स्वर के साथ ही बोलते हैं, /cā̃d/ ?.मैंने हमेशा चांद /cānd/ ही उच्चारित किया है।.
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@drsureshpant
सुरेश पंत sureshpant
2 days
RT @dxrsam_0: @drsureshpant @astroraj सही ही है। संस्कृत में निस्- का अर्थ “अ-” बहुतेरे पाया जाता है — यूँ निरर्थक, निर्मल, निर्भीक, कई और।….
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@drsureshpant
सुरेश पंत sureshpant
3 days
सवाल तो पहले से है, केवल याद दिला रहा हूँ।.~ क्या 'सर' किसी कोने से पराया लगता है?.~ सर! क्या आप सर के बिना काम चला सकते हैं?.
@drsureshpant
सुरेश पंत sureshpant
3 years
आदर और विनम्रता का संबोधन "सर" सारे भारत को सर कर चुका और सब भाषाओं में सरपरस्त बना बैठा है। छोटा-सा अखिल भारतीय एकाक्षरी शब्द प्रत्येक भारतीय भाषा में ऐसा रच-पच गया है कि उसके बिना काम नहीं चलता और किसी भी कोण से पराया नहीं लगता।.आप लोग क्या सर के बिना काम चला सकते हैं सर?
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@drsureshpant
सुरेश पंत sureshpant
4 days
कुमाउँनी में एक लोरी है जो बच्चे को धीरे-धीरे थपकी देते हुए गाई जाती है–.ओ लाटा कौ काथा सुण काळा तू.स्यूड़ि हरै गै छ चा काणा तू।.अनाड़ी ले घर हाल्यो दौड़ डूना तू.निन्नी को बखत ऐ गो से बाला तू।.इसमें प्रयुक्त लाटा और काला हिंदी से भिन्न अर्थ में हैं। लाटा (गूँगा) है संस्कृत √लट्.
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@drsureshpant
सुरेश पंत sureshpant
5 days
काल समय नहीं, समय का संदर्भ और बोध है.काल एक व्याकरणिक कोटि है, जब कि समय लौकिक सत्य। लौकिक समय अविरल धारा के समान बहता है। व्यवहार के लिए उक्ति के शून्य बिंदु– वर्तमान– से पूर्व वाले खंड को भूत और आगामी खंड को भविष्यत् मान लिया जाता है, किंतु ये कालखंड कृत्रिम हैं। समय के जल
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@drsureshpant
सुरेश पंत sureshpant
6 days
बारह ज्योतिर्लिंगों के बारे में बिबेक देबराय और अमित कपूर की इस पुस्तक में मूल रूप से बिबेक देबराय के लगभग सौ पृष्ठ लंबे आलेख के साथ अमित कपूर, विभव कपूर और कोनॉर मार्टिन के निबंधों का संकलन है, जिनका अनुवाद विजय कुमार झा ने किया है। बिबेक देबराय के आलेख में मुख्य ज्योतिर्लिंगों
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@drsureshpant
सुरेश पंत sureshpant
7 days
हिंदी में कभी-कभी विशेष अज्ञ को विशेषज्ञ सिद्ध किया जा सकता है। .इसे देखिए 👇.
@VishnuRajgadia
Dr. Vishnu Rajgadia
7 days
@drsureshpant फिर तो हिंदी की बिंदी के साथ अल्पविराम को भी रक्तरंजित करना दुस्साहस माना जाएगा। सिर्फ अनुस्वार, अल्पविराम का रंग कैसे अलग होता है, यह तकनीक बता दे कोई, मुझे नहीं आती।.नीचे स्टूडेंट्स के साथ भाषा भी स्यूसाइड कर लेगी क्या? जस्ट डॉउटिंग हुआ, तो पूछ लिया।
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@drsureshpant
सुरेश पंत sureshpant
7 days
आज एक ख़बर प्रमुखता से घूम रही है यूएस के #ओहायो राज्य की सॉलिसिटर जनरल मथुरा श्रीधरन् की नस्ल और बिंदी के बारे में। यह तो हमारे मीडिया की वरीयता है। जो बात गले नहीं उतर रही, वह यह है कि अपने मीडिया ने अमेरिकी राज्य का नाम हिंदी में ओहियो कर दिया। #Ohio का असल उच्चारण ओ-हा-यो
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@drsureshpant
सुरेश पंत sureshpant
7 days
RT @drsureshpant: शब्द विवेक: स्रोत/स्त्रोत और सहस्र/सहस्त्र.हिंदीमें तत्सम अस्त्र, शस्त्र, स्त्री, वस्त्र, आदि बहुत प्रचलित हैं जिनमें '….
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@drsureshpant
सुरेश पंत sureshpant
7 days
भाषा सांस्कृतिक धरोहर होती है और समाज की पूँजी भी। यह एक प्रवाह है जिसमें पुराने शब्द छूट जाते हैं, नए जुड़ते हैं, लेकिन यह सायास नहीं होता। लोकप्रयोग से स्वत: और धीरे-धीरे होता है। यह न घड़े वाले की फड़ है कि कहा जाए इस साइज़ के कुल्हड़ और उस नमूने के घड़े बना दे; न सुनार की.
@VishnuRajgadia
Dr. Vishnu Rajgadia
7 days
@drsureshpant .नवभारत टाइम्स ने महिलाओं के लिए कुछ शब्दों के नए प्रयोग की मुहिम चलाई है। अब तक इसने कौन से शब्दों के प्रचलन का सुझाव दिया, यह देख नहीं पाया हूँ। लेकिन इस उदाहरण से अभिप्राय समझ में आता है। कृपया बताएं, महिला के लिए विशेषज्ञा, गनितज्ञा जैसे प्रयोग किए जाएं? सादर!
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@drsureshpant
सुरेश पंत sureshpant
7 days
RT @drsureshpant: "'बुक कैफे' के 'एक दिन एक किताब' कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार @jai_shiven से विविध शब्दों और उनके व्यावहारिक ज्ञान को सा….
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@drsureshpant
सुरेश पंत sureshpant
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RT @akhileshsharma1: 127 देशों में @X नंबर 1 न्यूज़ ऐप बन गया है। दिलचस्प बात यह है कि @X खुद कोई समाचार तैयार नहीं करता — यह केवल एक न्यू….
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