National Sr. Vice-President, LJP, National Chief Spokesman L.J.P. Chairman, National disciplinary committee, LJP Advocate Supreme Court in practice since 1982.
नवाब मलिक का सबसे बड़ा अपराध शायद मुस्लिम होना है इसीलिये अभी तक उनकी ज़मानत नहीं हुई है, शायद क़ानून भी अब सत्ता की पसंद से भेद भाव करेगा, यह सिलसिला हमको किस तरफ़ ले जा रहा है और अब तो बुद्धिजीवी लोगों ने लिखना और बोलना भी बैंड कर दिया है
नीतीश कुमारपहला ऐसा मुख्यमंत्री है जो 22 साल से सिर्फ तिकडम करके बिना जनता के आशीर्वाद से, इधर उधर करके बिहार की सत्ता पर क़ाबिज़ है और फिर अपनेआप को समाजवादी कहते फिरते है, वाह रे सत्ता लोलूपता….?
भारत के सुप्रीम कोर्ट को पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट के गिराये गए मंदिर का दोबारा बनबाने के फैसले को एक नजीर मानते हुए अपने गिरेबान मे झाकना चाहिए कि हमने टाइटल सूट मे गिरी हुई मस्जिद पर मंदिर बनबा दिया, वाह रे लोकतंत्र औऱ निष्पक्ष न्याय पालिका...?
पशुपति पारस जी को राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने पार्टी से निकाल रखा है इसलिए उन्हें लोक जनशक्ति पार्टी के क्रिया कलापो में दखल नहीं करना चाहिए, कृपया किसी से सही जानकारी ले लें अन्यथा लोकसभा की सदस्यता से भी जायेंगे।
नीतीश कुमार किस मुँह से तेजस्वी के साथ सरकार बनायेंगे, तेजस्वी के भ्रष्टाचार मामले पर सरकार गिरा कर जनता के मत के ख़िलाफ़ सिर्फ़ मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने के लिए अपमान सहित बी जे पी को गोदी में बेठे थे, वाह रे समाजवादी ….. ?
नीतीश बाबू बिहार में दलितों पर यादव समाज के दबंगो ने लाठी, डंडो से कइयो को घायल किया, आप की पोलिस ने पटना में पासवान समाज के 500 घर तोड़ दिए, कहाँ है सुशासन और क़ानून, अब इसे जंगलराज नहीं कहेंगे तो और क्या, क्या हुआ समाजवाद का ?
लोकजनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमान चिराग पासवान ही निर्वाचन आयोग से अधिकृत है, कैबनिट मंत्री पशुपतिनाथ पारस गुमराह करने की कोशिश ना करे बल्कि उचित सलाह ले, शायद जनता का हुज़ूम औऱ आशीर्वाद उनको नहीं दिख रहा है
लल्लन सिंह का चिराग़ पासवान पर दिया गया बयान बेवक़ूफ़ी भरा है , चिराग़ बाबू की अपनी पार्टी है उस पर चुनाव लड़ने पर यदि भूतकाल में किसी को कोई आपत्ति रही है तो ये सर्वथा ईर्षा पूर्ण है, चिराग़ बाबू अपनी राजनेतिक समझ से बिहार की जनता के हक़ में फ़ेसले लेते है
पशुपतिनाथ पारस औऱ नीतीश बाबू तो आज खुश तो बहुत होंगे पासवान साहब द्वारा बनाई गई पार्टी का चुनाव चिन्ह बंगला छीन कर परन्तु ये नहीं पता कि चिराग बाबू जिद्दी नम्बर 1 है जब तक नीतीश को मुख्य मंत्री की कुर्सी से हटा नहीं लेंगे दम नहीं लेंगे, यह अभिमन्यु मरने वाला नहीं है
इतिहास गवाह है की मुग़ल सत्ता पर काबिज हो कर सबसे पहले सत्ता के अगले वारिस अपने भाई, चाचा क़ो क्यों मार दिया करते थे "ना रहेगा बांस ना बजेगी बांसुरी, शायद चाचा ने भी......
भुजंग कुमार(मुख्यमंत्री, बिहार ) अब फिर केंचुली बदलकर कुर्सी पेर चिपक गये है, लोहिया, चरण सिंह, रामबिलास पासवान, जोर्ज फ़र्नांडिस, शरद यादव, मधु दंडवाते जेसे समाजवादी नेताओ के नाम पर कलंक है नीतीश बाबू
पशुपति कुमार पारस मानसिक परेशानी औऱ घबराहट मे कुछ भी अनाब सनाब चिराग बाबू के खिलाफ मनघरंत बोले जा रहे है, ये अशोभनीय है, शायद अपने भगवान रामबिलास पासवान जी को भूल रहे है औऱ चिराग आपका पुत्र ही है
चिराग पासवान ने बिहार बदलने से पहले अपने आप को बदला, अब परमानेंटली बिहार मे रहेंगे औऱ बिहार बदलने के लिए पूरी तरह से संकलपित, अपने पिताश्री के बिचारों से सभी बर्गो को ले कर बिकास शील बिहार बनेगा
लोकसभा अध्यक्ष आदरणीय ओम बिड़ला जी से आज उनके आवास पर लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री चिराग पासवान जी व पार्टी के प्रधानमहासचिव जनाब अब्दुल खालिक जी व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व प्रदेश अध्यक्ष श्री राजू जी ने मुलाक़ात की व पार्टी के पक्ष में बातें रखी
चिराग पासवान की आशीर्वाद यात्रा मे इतना जन सैलाब क्यों उमड़ रहा क्योंकि अब हर जाति, मजहब औऱ वर्ग का व्यक्ति उनसे जुड़ रहा है, शायद बिहार भी युवाहै. नेतृत्व चाह raha
नीतिश बाबू हमेशा से ही एहसान फरामोश रहे है, बी.जे.पी. ने 43 सीट होने पर भी मुख्यमंत्री बनाया पर वो उनको ही आखें दिखा रहे है और बी.जे.पी.की हर नीति का विरोध कर रहे है, अब समय आ गया है बी.जे.पी सही राजैनतिक फेसला बिहार के हित मे ले और हनुमान की शक्तियों पर भरोसा बढाएं
बिहार के मुख्यमंत्री की कुर्सी खाली हो रही है, नीतीश बाबू तो पी. म. मटिरियल बन गए है, इसीलिए बिहार की जनता चिराग बाबू को अपना आशीर्वाद दे रही है औऱ समाज का हर बर्ग महिला, युवा, सीनियर सिटीजन बगैरा का अपार जनसमूह उनकी यात्रओं मे उमड़ रहा है औऱ चिराग मे भावी मुख्यमंत्री देख रही है.
अभी देखते जाइए मान्यवर चिराग़ पासवान अपने पिताश्री की तरह ऊँचाइयों पर पहुँचेंगे और 2014 की तरह ही अधिकतर राजनीतिक फ़ैसलों से पहले उनसे मंत्रणा की जाएगी, यह उनकी कड़ी मेहनत और जनता के आशीर्वाद का परिणाम है
चिरंजीवी चिराग पासवान को जन्मदिन की हार्दिक बधाई, ईश्वर उनको राजनीति के
छितिज पर पहुचाये औऱ इसी तरह समाज के सभी वर्गो के उत्थान के लिए काम करने की शक्ति प्रदान करे, आशीर्वाद, आशीर्वाद
माननीय पशुपति पारस जी आपको शर्म आ रही कि नहीं, मन्त्री बने एक साल से ज़्यादा हो गया परंतु अभी तक अपने भगवान स्वर्गीय रामबिलास पासवान जी की आदमकद प्रतिमा (फ़ोटो) पार्लियामेंट में नहीं लगवा पाए और ना ही कभी कैबिनेट में प्रस्ताव ही रखा, अब आपको क्या कहा ज़ाए ? ?
कल प्रधानमंत्री का दो पन्नों का सदेश जो कि आदरणीय रामविलास पासवान जी के जीवन का सारांश है और फिर चिराग बाबू से उनका बात करने से ये बढा साफ है कि राम हमेशा ही हनुमान के साथ है, शायद राजनैतिक मजबूरियां हो सकती है,पर कब तक ?
चिराग पासवान द्रढता से अपने पिता श्री के बताए हुए पथ पर चल रहे हैं और जनता के बीच मे रह कर पूरे देश की राजनीति मे हर तबके को साथ ले कर बढने का फैसला लिया है ऐसा उनके क्रिया कलापो से लगता है.
क्या मस्लिम बराबर के नागरिक नहीं है यदि हां तो फिर जान माल के मामले मे बराबर की सुरच्छा क्यों नहीं, त्रिपुरा की घटनाये इस बात का सुबूत, जबाब आना चाहिए?
स्वर्गीय रामविलास पासवान जी हमेशा सभी के दिल मे बसे रहेगे औऱ अमर रहेगे उनके द्वारा समाज के निचले तबके के उथान के लिए जो काम किए गए है वह उनको हमेशा ही अमर रखगे, उन्मदा ब्यक्तित्व, मिलनसार, दिल मे गरीबो का दर्द रखने वाले क़ो सलाम औऱ खुशी की बात कि चिराग भी उनके पद चिन्हो पर.
मोदी सरकार पासवान सा. की बरसी से पहले उनके घर को खाली करा कर क्या साबित करना चाहती है, क्या दलित प्रेम इतने बडे राजनैतिक दलित हस्ती (देश के दूसरे अम्बेडकर )के प्रति नहीं है, यदि चिराग पासवान उनकी निशानी के तौर पर 12 जनपथ मे बरसी मनाना चाहते तो उसकी इजाजत क्यों नहीं, शायद दबाब
क्या लोकतंत्र एक राजनेतिक पार्टी को दूसरी राजनेतिक पार्टी को पूरी निर्दयता से तोड़ने की इजाज़त देता है और वो भी सत्ता हथियाने की ख़ातिर, वाह रे इलेक्शन कमिशन जो कि मूक दर्शक बना रहे
कँगना रंनौत, एक नचनिया, क्या मुर्ख है या बिल्कुल अनपढ़ है जिसे आजादी कितने शहीदो के बलिदान के बाद मिली है इतना भी नहीं पढ़ा, पर उससे भी जरूरी कि पीछे कोन, फ़ौरन अवार्ड छीनो.....
वाह रे वाह झूटे आरोप भी लगाओगे, कहाँ तक गिरोगे कुर्सी के लिए पारस बाबू, सोचो, आपका अपना खून है, उसके यहाँ देर है पर इंसाफ जरूर है, सीमा नहीं लाँघनी चाहिए औऱ फिर आप तो देहलीज पर बैठे है
देखा मेंने कल ही कहा था सिसोदिया सुप्रीम कोर्ट खुलवायेगा, खुल गया और आज, अभी सुनवाई होगी , क्या गरीब आदमी के लिए भी सुप्रीम कोर्ट इसी तरह सीधा खुल जाता है ?वाह रे न्याय ?
राजनैतिक पार्टियों का गठबंधन एक दूसरे की मज़बूरी होती है पर हमेशा एक दूसरे के दरवाजे खुले होते है, हाँ समान विचारधारा की तलाश रहती है और यदि कोई किसी को खत्म करना चाहे तो वो उसकी चाह से नहीं बल्कि जनता की चाह से है, चिराग की आशीर्वाद यात्रा मे आ रहा हुज़ूम किस बात की गवाही है
जातिगत जनगरणा के डेलिगेशन जो आज प्रधानमंत्री से मिलेगा उसमे चिराग पासवान को क्यों नहीं जोड़ा जबकि वो लो. ज. पा. के राष्ट्रीय अध्यक्ष है, सांसद है औऱ पार्टी बिहार मे रिकॉगनीज है, इतनी ब्यक्तिगत दुश्मनी, राजनीती मे जनता के मुद्दा अहम् होता है
क्या रजिस्टर्ड ट्रेड मार्क होने के बाद कोई दूसरा उस नाम का इस्तेमाल कर सकता है, जबाब हैँ नहीं, इसलिए अब समय आ गया है कि अब हम इस उदंडता पर लगाम लगाए औऱ इसलिए पलटवार शुरू, जै रामविलास पासवान
दलितों पिछड़ों की आवाज़ बुलंद रखने वाले लोकप्रिय नेता #श्रीरामविलासपासवान जी का निधन पूरे देश के लिए अपूरणीय क्षति है।
प्रभु दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें एवं परिवारजनों व समर्थकों को इस गहन दु:ख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें। ॐ शांति
#RamVilasPaswan
#LJP
प्रधानमंत्री जी आज जिस हेल्थ आई. डी. की शुरुआत कर रहें है वो सपना स्वर्गीय रामविलास पासवान ने सन 1985 के आस पास देखा था औऱ हमेशा पार्टी के घोषणा पत्र मे भी रहा, हम सभी खुश है कि आखिरकार उनका एक औऱ सपना इस सरकार ने पूरा किया है, जै हो
पशुपति पारस जी को राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने पार्टी से निकाल रखा है इसलिए उन्हें लोकजनशक्ति पार्टी के क्रिया कलापो में दखल नहीं करना चाहिए, कृपया किसी से सही जानकारी ले ले अन्यथा लोकसभा की सदस्यता से भी जायेंगे.
नीतीश कुमार तो मुख्यमंत्री भी नहीं बनना चाहते थे, मगर हर लकीर को तोड़ कर मुख्यमंत्री बन जाते है , वो जो कहते नहीं उसे वो सारे सिद्धान���तों को तोड़ कर करना चाहते है पर इस बार वो नाक रगड़ रगड़ कर कोशिश कर ले कुछ होने वाला नहीं है, ये मोदी है जनाब
धर्म संसद, हरिद्वार मे जिस तरह की बयान दिए गए हैं, पैगामे इंसानियत उसकी कड़ी निंदा करता है औऱ सरकार से गुजारिश करती है कि फ़ौरन कानूनी कार्यवाही कर इस तरह के ढोंगियों को गिरफ्तार करे
केसरिया रंग किसी एक की बपोति नहीं है या इसको पहनने का कोई नियम या रोक अभी तक नहीं है तो फिर दीपिका पादुकोण पर एतराज़ क्यों और यें वेबक़ूफ़ी भरी बयानवाजी क्यों ?
कुछ लंगडे -लूले ब्यक्ति एक हस्ट पुस्ट ब्यक्ति को दौड़ मे नहीं हरा सकते है इसी तरह आज का विपक्ष है, भ्रस्टाचार के बैग पीठ मे बांध कर कैसे मोदी को टक्कर देंगे
एक राजनेतिक दल हर राजनेतिक पार्टी मैं झगड़े करवा कर बटवारा करता है, राज्यो मैं झगड़े करता है, समाज मे झगड़े कराता है और फिर राष्ट्रप्रेम की बात करता है, यह कैसी विडम्बना है??? पहचानो तो जाने।
उद्धव ठाकरे की पार्टी किस तरह तोड़ी जा रही है ये देख कर हमें अपनी पार्टी को तोड़ने का घिनोना कृत्य याद आ गया.., वाह री सत्ता लोलुप्ता और लोकतंत्र की दुहाई……
सरकारों को सख़्त होना होगा, जो भी मस्जिद पर किसी तरह के बदलाव की माँग करता है उसके ख़िलाफ़ फ़ोरम प्लेसेज़ ओफ़ वरशिप ऐक्ट 1991 के तहत फ.आइ. आर. होनी चाहिए फिर सब शांत हो जाएगा
भाजपा ने धीरे धीरे अपने सभी गठजोड़ वाली पार्टियों को मार गिराया परंतु नीतीश बाबू को मार गिराने में इतना समय क्यों लग रहा है, शायद वक़्त आ गया है और हाँ गठबंधन धर्म की मर्यादाएँ तार तार कर दी, वाह री सत्ता
Abp न्यूज़ चैनल ने बिहार शराब बंदी पर जो खुलासा किया है उससे साफ़ हो गया कि नीतीश कुमार पर हत्या का मुक़दमा दर्ज होना चाहिये क्यों की 70 मोतो के ज़िम्मेबार मुख्यमंत्री खुद है
इतने धोखेवाज, अपने आप को समाजवादी कहने वाला मुख्यमंत्री पर शरद पवार, ममता दीदी, सोनिया गाँधी, के. सी. आर. , केजरीवाल शरीके नेता केसे यक़ीन कर प्रधानमंत्री की दोड में उतार देंग़े क्योंकि सब उनसे ज़्यादा बिस्वसनीय और बड़े है, देश की जनता ने मोदी को 2024 के लिए माना हुआ है
नीतीश बाबू रोक सको तो रोक लो, काम से काम कांटेदार तारे हाई लगवा लो, और चेक करो सबसे क़रीबी कौन है क्योंकि सिंदे उद्धव के सबसे क़रीबी थे और वही…..? ? ? जागते रहो …,
क्या राजस्थान की सरकार भी हिन्दुओं से डरती है क्यों नहीं अभी तक एफ.आइ.आर. की जो अजमेर दरगाह की खुदाई कराने की गुहार लगा रहा है और झूट बोल कर माहोल को ख़राब कर रहा है ? ?
श्रीमान संजय जायसवाल (BJP) का शराब -बंदी औऱ 36 मोतो पर दिया गया बयान नीतीश बाबू को सुनाई दिया कि नहीं, पहले तो बात बात पर इस्तीफा देते थे अब क्या बिहार का गृह मंत्री औऱ प्रदेश का मुखिया चिकना घड़ा हो गया है, सारी शर्म सत्ता को कुर्बान, वाह नीतीश बाबू अब तो गरीब गुरबाऔ की मौत भी??
ममता दीदी,शरद पवार, व अन्य क्षत्रप वर्तमान सत्ता का विकल्प नहीं हो सकते है अव तो विकास और धर्म के नाम पर पेर्टोल 120 रुपये बर्दास्र नहीं इसलिये नया विकल्प युवा नेतृत्व जो सबका आशीर्वाद ले सभी वर्गो,जातियों और समप्रदाओ को साथ ले कर आगे बढे, शायद उसकी तलाश जारी है ???
यदि 1983 के किसी फ़िल्म के एक सीन को रीट्वीट करना अपराध है तो फिर ट्विटर कम्पनी को ही बंद करना चाहिए और साथ ही कोई क़ानून बना कर ट्वीट करने का अधिकार छीन लेना चाहिए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो सपना 2014 मे भारत के लिये देखा था वो शायद पूरा नहीं हो पा रहा है एसा क्यों, शायद कहीं घिर गए है या फिर फैसले लागू करने की कमी, मंथन जरूरी.... या फिर ऐसे ही ठीक......?
ये क्या मज़ाक़ है ज़रा सी गिरफ़्तारी पर एक नेता या सिलेब्रिटी जब मर्ज़ी सुप्रीम कोर्ट खुलवा सकता है पर यह सुविधा एक गरीब के लिए भी होना चाहिये, ध्यान रहे
शायद देश की चिंता सिर्फ बिपक्ष की बढी पार्टियों के गठबधन से ही खत्म होगी, छोटी छोटी पार्टियों को कोई नहीं पूछ रहा है,लोकतंत्र का मजाक बनाना ठीक नहीं...।।
सत्ता में रहना कोई भाजपा से सीखे, साम, नाम, दण्ड,भेद हर तरह से युद्ध कला से जीतना है, गुजरात, हिमाचल और दिल्ली सभी जीतेंगे क्योंकि भारत को विश्व गुरु बना दिया है, जै हो प्रभु ? ?
भारतीय राजनीति में स्वर्गीय श्री रामविलास पासवान जैसा राजनेता कोई और नहीं हुआ, हमेशा ग़रीबों,पिछड़ो,दलितों के लिए सोचना और उनके हित के लिए पोलिसी बनवाना और उनको हमेशा संगरक्षित करना, और आज इसीलिए जनता उनको अपने दिल में संजोये बेठी है, जै रामविलास पासवान
हमारा देश लिखित संबिधान से चलता है और बहुमत मिलने पर मुस्लिम प्रधानमंत्री भी बन सकता है, यह जनता को डिसाइड करने दो आप क्यों अपनी नाक फँसाते हों, काहे को धर्म के ठेकेदार बनते हों, जै हो हिंदुस्तान जै हो
ज्ञानवापि मस्जिद पर किसी तरह का आदेश जो मुस्लिम समाज की भावनाओं को आहत करने वाला आता हाई तो इसका मतलब सांप ने रास्ता देख लिया है जो देश के लिये हर द्र्रस्ट्री से घातक हो सकता है, कृपया संभलें
उत्तरप्रदेश की पुलिस ने क्या योगी को बदनाम करने की ठान ली है, जब पता था की किसान आंदोलित है तो ब्यबस्था का ठीक इंतज़ाम क्यों नहीं किया गया, काश 5 किसानो की जान न जाती, मुखिया को औऱ चोकन्ना होना पड़ेगा, सारी संवेदनाये मृतक किसान परिबारों के साथ.
जब तक tv चेनलो पर उदयपुर कांड जैसे विषयों पर बहस कराने के लिए केस दर्ज नहीं होगा तब तक इस तरह के सम्वेदन-शील विषय से समाज में विघटन होगा, येसे गंभीर विषयों पर बहस करना और कराना दोनो गंभीर अपराध है एसा ही सुप्रीम कोर्ट का सोचना है
लोकजनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यच्छ श्रीमान चिराग़ पासवान जी और सभी साथियों को नागालैंड में दो बिधायक जीतने पर बधाइयाँ और प्रणब बाबू को उनकी मेहनत के लिए शुभकामनाएँ और आशीर्वाद