#AssalamuAlaikum
हमारी तहज़ीब गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड
की नहीं, "निकाह" की है! “इज्जत, हया, पाकीज़गी, ताज़ीम, पाक दामनी की है।
क्यूंकि
हम कोई ऐसै वैसे नहीं,
उम्मत ए मोहम्मदी हैं।
हमारा इस्लाम अपनी पसंद का इज़हार करने की इजाज़त देता है, मगर मां बाप की ना फरमानी की इजाज़त नहीं देता।