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Yunus Khan

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RJ. विविध भारती। Poet, Columnist, translator, writer an Film & Film Music Enthusiast. हम तो आवाज़ हैं दीवारों से छन जाते हैं। Retweets are not endorsements.

Mumbai
Joined June 2009
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@yunusrj
Yunus Khan
2 years
कल शाम राजकमल प्रकाशन के किताब उत्सव में नेहरू सेंटर में गुलज़ार साहब ने "जिया जले" का विमोचन किया। नसरीन मुन्नी कबीर से गुलज़ार साहब की बातचीत पर आधारित इस किताब का अनुवाद मैंने किया है। इस मौक़े पर मैंने और सलीम आरिफ़ साहब ने गुलज़ार साहब से बातचीत की।
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Yunus Khan
18 days
ये ख़ाका इसलिए कि आज चेतन आनंद की याद का दिन है। 1997 में आज ही दिन उन्‍होंने दुनिया को अलविदा कह दिया था। आनंद भाईयों की तिकड़ी का सबसे चमकीला तारा बुझ गया। नमन चेतन आनंद और हिंदी सिनेमा में उनके ज़ाहिर और छिपे हुए योगदान को।. #ChetanAnand #DevAnand #goldi #VijayAnand.#Navketan.
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Yunus Khan
18 days
चेतन उस वक्‍़त हक़ीक़त बनाने में बिज़ी थे। अबरार अलवी आते तो वहीदा चली जातीं। पेचीदा था सब कुछ। ऐसे में गोल्‍डी आये और क्‍या तो जादू रचा रूपहले परदे पर। गाइड वो फिल्‍म है जिसे आप अपने लहू में घोल लेना चाहते हैं।.
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18 days
जिसकी बातें फिर कभी। पर गोल्‍डी का कमाल देखिए--तेईस बरस की उम्र में वे 'नौ दो ग्‍यारह' बनाते हैंं। छब्‍बीस की उम्र में काला बाज़ार। इकतीस की उम्र में तो वो गाइड जैसा शाहकार रच डालते हैं। गाइड का निर्देशन कौन करेगा-- ये तय ही नहीं हो पा रहा था--.
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18 days
विनाशक जिद हमने देव के भीतर भी देखी। आखिरी सालों में वो जाने कैसी कैसी फिल्‍में बनाते रहे। लेकिन चेतन और देव की छाया तले एक और सितारा पनपा-- गोल्‍डी- यानी विजय आनंद। कमाल की बात ये है कि गोल्‍डी में भी ऐसी ही विनाशक जिद पायी गयी। उनकी जिंदगी बहुत पेचीदा रही.
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18 days
पर चेतन की ख़ब्‍त या जिद भी थी प्रिया राजवंश को लेकर।.अकूत प्रतिभा से लबालब लोगों में कहीं एक विनाशक जिद भी होती है। चेतन में भी थी। और एक दिन कामयाबी के सिक्‍के की चमक ग़ायब हो गयी। हालांकि उनकी पहल पर आनंद भाईयों का रचा 'नवकेतन' बैनर लंबे वक्‍़त तक अपनी चमक बिखेरता रहा।.
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18 days
और 'मैं ये सोच के उसके दर से उठा था' जैसे गानों में भला आप किसी भी गाने को छोड़ सकते हैं। चेतन आनंद का ही जिगर था कि उन्‍होंने वारिस शाह की कालजयी रचना 'हीर रांझा' की पटकथा कैफ़ी आज़मी से पूरी कवितामय लिखवाई और उस पर फिल्‍म बनायी। ये अपनी तरह की इकलौती ऐसी फिल्‍म कहलाई।.
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18 days
जिनकी हम एक लंबी फेहरिस्‍त बना सकते हैंं। 'हक़ीक़त' कल्‍ट फिल्‍म है। इसे आप बार-बार देख सकते हैं। कैफ़ी और चेतन की दोस्‍ती तो कमाल रही है। इससे जुड़े किस्‍से फिर कभी। लेकिन 'कर चले हम फिदा' 'होके मजबूर मुझे उसने भुलाया होगा', 'ज़रा सी आहट होती है' 'मस्‍ती में छेड़ के'.
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Yunus Khan
18 days
यानी अलाउद्दीन खां साहब के बेटे। चेतन आनंद ने जहां टैक्‍सी ड्राइवर बनायी तो सत्‍तर के दशक में इसे दोबारा 'जानेमन' के नाम से बनाने का साहस भी किया। चेतन ही हैं जिन्‍होंने हिंदुस्‍तान की पहली वॉर फिल्‍म 'हक़ीक़त' बनायी। और तमाम वॉर फिल्‍मों का रास्‍ता प्रशस्‍त किया।.
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18 days
और एक गाने की पंक्ति मेरे ज़ेहन में अकसर कौंधती है--.'तुम नस नस रस की फुहार.मैं रोम रोम मधुशाला--.मतवाला हुआ मतवाला'।.आप समझ जायेंगे ये कौन सा गाना है।.चेतन ने जब आंधियां बनायीं तो उसमें संगीत देने की जिम्‍मेदारी मैहर घराने के उस्‍ताद अली अकबर खां को दी।.
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18 days
ये कामिनी कौशल की भी पहली फिल्‍म थी। बाद में चेतन आनंद ने निकोलाई गोगोल के नाटक 'द गवर्नमेंट इंस्‍पेक्‍टर' पर एक अच्‍छी फिल्‍म बनायी 'अफ़सर' जिसमें देव और सुरैया थे। उन सात फिल्‍मों में से एक जिनमें देव और सुरैया साथ-साथ नज़र आए।.इस फिल्‍म में पंडित नरेंद्र शर्मा ने गाने लिखे थे।.
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18 days
मुझे लगता है चेतन वो सीढ़ी हैं जिनकी वजह से सभी आनंद भाईयों ने कामयाबी का महल तैयार किया! अपने इस बड़े भाई की पूरी इज़्ज़त रखी। आनंद भाईयों ने भारतीय सिनेमा को हमेशा के लिए बदलकर रख दिया। सन 1946 में चेतन आनंद की बनायी 'नीचा नगर' ने पहले कांस फिल्‍म समारोह में अवॉर्ड हासिल किया।.
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18 days
सोचता हूं--पाली वाले घर में जब दिग्‍गज कलाकार जमा होते होंगे तो क्‍या समां बंधता होगा। ये भी सोचता हूं कि अगर चेतन मुंबई ना आए होते तो क्‍या देव और फिर बाद में गोल्‍डी मुंबई आते। या वो मुकाम हासिल करते--जो इन सभी भाईयों ने हासिल किया।.
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18 days
देव ने अपनी बायोग्राफ़ी में लिखा है, चेतन आनंद का पाली हिल वाला घर कलाकारों का गढ़ होता था। उन्‍होंने इसका पूरा ब्‍यौरा भी लिखा है। मुझे चेतन आनंद के जुहू वाले बंगले पर जाने का सौभाग्‍य प्राप्‍त हुआ है। सनसनी सी हुई थी जब वहां गया था।.
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Yunus Khan
18 days
नींव अमूमन अनदेखी रह जाती है। लोग इमारत की बुलंदी की तारीफ़ करते हैं।.आनंद भाईयों में सबसे पहले चेतन ही मुंबई आए थे। और उन्‍होंने अपना मुकाम भी बनाया था। देव और विजय, चेतन आनंद को 'पापा' कहते थे। चेतन आनंद देव से दो बरस बड़े थे। और विजय यानी गोल्‍डी से तेरह बरस बड़े।
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Yunus Khan
19 days
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19 days
रविवार सुबह 10 बजे इसे आप दोबारा सुन सकते हैं।.
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19 days
अभी शाम 4 बजे आमिर खान से बातचीत। News on air app के जरिए दुनिया भर में उपलब्ध।
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Yunus Khan
1 month
#AamirKhan #आकाशवाणी #allindiaradio.#vividhbharati.
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1 month
आकाशवाणी के नेटवर्क से उनका जो लगाव है वो भी इस बातचीत में झलकता है। ये हमारे लिए बहुत गर्व की बात है। विविध भारती और आकाशवाणी का हिस्सा होना हमें हर पल गर्व से भर देता है। . तकरीबन दो घंटे का यह संवाद समय निकालकर देखिए सुनिए। आपको भी वही आनंद मिलेगा जो हमें मिला।.
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Yunus Khan
1 month
उन्होंने इसमें आकाशवाणी और विविध भारती को ख़ास तौर पर याद रखा। और हमें भी इस टोली में शामिल किया।. आमिर ख़ान से ये बहुत ही दिलचस्प बातचीत है। खासतौर पर इसलिए क्योंकि यहां वो बहुत candid हैं। बिना लाग लपेट के बात कह रहे हैं।.
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