vikas_pandittt Profile Banner
बनारसी 🍂 Profile
बनारसी 🍂

@vikas_pandittt

Followers
5K
Following
69K
Media
2K
Statuses
33K

पहाड़ों से इश्क़ करने वाला एक आम सा लड़का 🏔️☺️ #कॉर्पोरेटगुलाम🥲

दिल में, जो भारत है ☺️🇮🇳
Joined December 2017
Don't wanna be here? Send us removal request.
@vikas_pandittt
बनारसी 🍂
3 years
ये दिन जब थका देता हैं… वो शाम को फ़ोन कॉल पे तेरी मीठी आवाज़,फिज़ाओं की तरह… मेरे सारे थकान को उड़ा ले जातीहैं… “माँ”……!!.
11
184
391
@vikas_pandittt
बनारसी 🍂
5 hours
शराब और सिगरेट ये अक्सर उस खालीपन के जवाब बन जाते हैं जिसे हम खुद भी ठीक से समझ नहीं पाते। कुछ देर का सुकून लगता है,लेकिन फिर वही मन का शोर,वही असंतोष,और एक बार फिर खुद से नज़रें चुराने की आदत। खुद से निपटना सबसे कठिन है,लेकिन जब यही आ जाता है, तब दुनिया से लड़ना आसान हो जाता है।.
0
2
6
@grok
Grok
6 days
What do you want to know?.
448
284
2K
@vikas_pandittt
बनारसी 🍂
6 hours
एक फूल, एक पक्षी, एक गीत, या कभी-कभी खुद की ही परछाईं से।.जब मन स्थिर होता है, तो भाव गहराई से आते हैं। और उन्हीं भावों में प्रेम की सबसे सुंदर अभिव्यक्ति छुपी होती है बिना बोले, बिना माँगे, केवल महसूस करने के लिए।.
0
1
0
@vikas_pandittt
बनारसी 🍂
6 hours
जैसे सुबह की पहली किरण, जैसे किसी चुप दोपहर में अचानक आई हवा की सरसराहट। मन जब भावों से भरता है, तो उसमें प्रेम अपना घर बना लेता है।.कभी-कभी हम सोचते हैं कि प्रेम सिर्फ दो लोगों के बीच होता है। लेकिन असल में, प्रेम मन की वह स्थिति है जहाँ हर चीज़ से जुड़ाव महसूस होता है।.
1
5
8
@vikas_pandittt
बनारसी 🍂
6 hours
मन एक निर्मल झील की तरह है। शांत, गहरा और रहस्यमय। उसमें जो भी गिरता है, उसकी लहरें दूर तक जाती हैं। प्रेम जब मन को छूता है, तो वह केवल एक भावना नहीं रहता; वह जीवन की सबसे कोमल, सबसे शक्तिशाली अनुभूति बन जाता है।.प्रेम कोई मांग नहीं करता, न ही कोई शर्त रखता है। वह बस होता है।.
0
2
6
@vikas_pandittt
बनारसी 🍂
11 hours
शहर की सुबह में एक अजीब सी हलचल होती है नींद से अधजगा आसमान, दूधवाले की साइकिल, पार्क में दौड़ते लोग और ट्रैफिक की पहली आवाज़। सब कुछ भाग रहा है, लेकिन फिर भी कहीं न कहीं सुकून बाकी है।.
0
3
6
@vikas_pandittt
बनारसी 🍂
1 day
कभी मैं बादलों को ओढ़ लेता हूँ, जैसे कोई बचपन का खेल खेल रहा हो। हवा के झूलों में झूलता हूँ, बचपन की मासूमियत को जीता हूँ मैं बरगद के पेड़ के कांधे पर बैठकर धरती के इस छोर तक आता हूँ जैसे जीवन के किसी सफर पर निकल पड़ा हूँ लेकिन भीतर कहीं एक डर है उसी डर के साथ मैं जी रहा हूँ।.
0
4
6
@vikas_pandittt
बनारसी 🍂
1 day
तुम्हारी दुनिया अब मुझसे अलग है,.और होनी भी चाहिए।.तुम्हारे रास्ते पर अब शायद कोई और साथ चल रहा हो .और अगर ऐसा है,.तो मैं दुआ करता हूँ कि वो इंसान तुम्हें हमेशा वैसे ही देखे.जैसे मैं देखा करता था .लेकिन शायद मुझसे बेहतर निभा पाए।.
0
0
0
@vikas_pandittt
बनारसी 🍂
1 day
तुम्हारी यादें अब भी अच्छी लगती हैं।.पर अब उन यादों को पकड़कर जीने की ज़रूरत महसूस नहीं होती।.मैंने तुम्हें अपनाने की जगह तुम्हें समझना सीख लिया है।.तुम्हें खो देने के दुख से ज़्यादा,.अब तुम्हारे लिए सुकून की दुआ करना अच्छा लगता है।.
1
6
14
@vikas_pandittt
बनारसी 🍂
3 days
अगर फिर भी इनबॉक्स में आना है, तो आओ… मगर फूल लेकर मत आना। यहाँ काँटों की ज़मीन है, और मैं खुद भी अब किसी की ज़िंदगी में ख़ुशबू नहीं, बस चुभन बनकर रह गया हूं।.
1
1
4
@vikas_pandittt
बनारसी 🍂
3 days
मैं झूठा हूं… हां, बेहिचक मानता हूं। फरेबी भी हूं, और कभी-कभी तो अपने ही जाल में फंस जाता हूं। हर रोज़ खुद को तौलता हूं, और हर रोज़ थोड़ा और गिर जाता हूं पर ये सब कह देने से मैं अच्छा नहीं बन जाता। और न ही ये शब्द तुम्हारे लिए कोई चेतावनी हैं ये मेरे लिए एक आइना हैं।.
1
0
1
@vikas_pandittt
बनारसी 🍂
3 days
मैंने मोहब्बत की है, बेइंतिहा की है, मगर सिर्फ एक से। और उससे भी इस तरह निभाई कि अब खुद से नज़रें मिलाना मुश्किल हो गया है। जितना दिया, उससे कहीं ज़्यादा तोड़ दिया। जो करीब आया, उसे और दूर कर दिया। जो समझना चाहता था, उसे उलझनों में धकेल दिया।.
1
2
7
@vikas_pandittt
बनारसी 🍂
3 days
हृदय के तलहटी में दफनाने को बहोत से ख्वाब और बहोत सी बातें हैं। मेरी एक पुरानी आदत है जिस पर बोझ बन जाऊं उसे छोड़ देने की। इसलिए जब भी कभी मुझसे रुठना तो मेरे मनाने भर की कोशिश से मान जाना।.
0
0
0
@vikas_pandittt
बनारसी 🍂
3 days
यहां किसी के पास फुर्सत नहीं तुम्हारी हर वक्त की बड़बड़ सुनने का इसलिए हम लिखना चुनते हैं। मैं अपने बारे में बताता हूं। मैं खैरात में मिले हमदर्दी के सिक्के को मोड़ देता हूं। ग़म तो इतना है कि कभी कभी लगता है हृदय धकधक करते बाहर आ गिरेगा। अब जरा सी खुशी भी मेरे पास ठहर नहीं पाती।.
1
3
6
@vikas_pandittt
बनारसी 🍂
4 days
अच्छा लिखना कोई चरित्र प्रमाणपत्र नहीं होता। ये मत समझो कि शब्दों की मिठास से इंसान भी मीठा होता है। मैं वो नहीं हूं जो दुनिया को दिखता हूं। और अगर तुम मुझसे शराफ़त, वफ़ादारी, या पवित्रता की उम्मीद लेकर आए हो… तो ये शुरुआत से ही तुम्हारी भूल है।.
0
7
12
@vikas_pandittt
बनारसी 🍂
4 days
मौके थे, मगर मैं मोड़ पर रुक गया,.ख़ुद से मिलने का वक़्त… यूं ही छूट गया।.
0
1
3
@vikas_pandittt
बनारसी 🍂
5 days
मगर नहीं,.मैं खुद को जर्जर नहीं कहूंगा,.अब भी कुछ है .एक आख़िरी कविता,.एक भूला हुआ सपना,.या शायद एक और यात्रा,.जो मेरे अंदर अब भी ज़िंदा है।.मैं टूटा नहीं हूं,.बस थोड़ा सा रुका हूं,.साँस ले रहा हूं.एक और सफ़र से पहले।.
0
1
1
@vikas_pandittt
बनारसी 🍂
5 days
दिन ब दिन.घुमक्कड़पन मेरी साँसों में उतरता जा रहा है,.हर मोड़, हर रास्ता .जैसे कोई अधूरी कहानी कह रहा हो।.बादल,.कभी दूधिया शांति में लिपटे,.कभी घनघोर चुप्पियों से भरे,.इनके बीच मैं .कहीं खुद को खोजता,.कहीं खुद से ही छुपता जा रहा हूं।.
1
4
8
@vikas_pandittt
बनारसी 🍂
6 days
लिखने के लिए बहुत बार कुछ नहीं होता लेकिन लिखना पड़ता है फिर चाहे वो कोई पेपर हो या फिर ऐसा ही कोई पोस्ट, ठीक वैसे ही बहुत बार ऐसे हालात आएँगे जब जीने के लिए भी कोई ख़ास वजह नहीं होगी आपके पास लेकिन जीना होगा; है की नहीं?.
0
7
14
@vikas_pandittt
बनारसी 🍂
7 days
तुम्हारी कल्पनीय बातें सिहरन पैदा करती हैं,.तुम्हारे अनछुए स्पर्श दे जाते हैं गुलाबी नील,.तुम्हारी अनदेखी परछाई ढक लेती हैं यूँ,.जैसे बादल नहीं ढँकता चांद.घूंघट नहीं ढँकता चेहरा.ना सीना ढँकता हैं आंचल ।.
0
0
4
@vikas_pandittt
बनारसी 🍂
7 days
मै लौटकर इस शहर मे आऊँगा और कहूँगा की देखो ये मुझसे कैसे छूट सकता है तुम कहोगी की प्यार मेरे मै भी तो कहती थी की हम कोई प्रेम की दुनिया नही बसाएँगे प्रेम हमारा छोटे से पहाड़ी शहर सा होगा आधा झील आधा बादल और मै भागकर पगडण्डी पर उतरे बादल मे खो जाऊँगी. बादल धीरे से मुझे छिपा लेगा।
0
2
3