थार के वन्यजीवों के लिए इस तरह की खैली बनाने का सिलसिला तीन साल पहले हमने शुरू किया था आज हर गाँव के सरपंच ओर युवा इसे अपनाकर वन्यजीवों के लिए पानी की व्यवस्था के प्रयास कर रहे हैं।ये तरीका हम तालछापर से लाये थे।ओर पहला सपोर्ट हमें
@INTACHIndia
से मिला था ओर महेंद्र सिंह जी ओर…
भाषा भले ना समझे एक दूसरे की पर जज्बात बहुत भावुक है मित्रों।अमेरिकी फ़ोटोग्राफ़र जब मेरे इंस्टाग्राम पेज देख के गाँव आई तो धारों के गाँवों में कुछ यूँ आवभगत ओर उत्साह था।किसी विदेशी मेहमान का पहली बार गाँव में आना ओर आवभगत मे तो हम दुनिया भर मे जाने जाते है।
थार के मरते हिरणों की आवाज को सरकार तक पहुँचाने के लिये आगे आना मित्रों।ये हिरण सोशल मीडिया पर नहीं है ओर ना ही सरकार मे कोई इनका नेता।मुझे उम्मीद है आप सब इन वन्यजीवों की आवाज को कल शाम 8 बजे #कुत्तो_से_हिरण_बचाओ पर ज़रूर बुलंद करेंगे।धन्यवाद मित्रों
जब चन्द्रयान लैंडिंग कर रहा था तोहम राजस्थान रोडवेज़ बस में सफर कर रहे थे। जैसे ही विक्रम ने चांद पर कदम रखा हम सब जूम उठे। जोश मे मेरा ओवर कांफिडेंस साफ दिख रहा है। क्योंकि आज तो पता था फतह करके रहेंगे।proud on
@isro
थार के गौपालक रबारी जिनके पास किसी गऊशाला से ज्यादा गायें है ओर शुद्ध कांकरेज नस्ल की।थार मे जहां अच्छी बारिश होती है वहाँ चराने निकल जाते हैं ओर खुले आसमान के नीचे सोते हैं बहुत बार मालवा भी जाना पड़ता है।
बहुत से लोगों को लगा ये विडियो ड्रोन से लिया गया है पर नहीं ये मेरे गाँव के हिरण है।ओर विडियो मोबाइल से लिया गया है ।इन्हें भरोसा है ये थार डेज़र्ट फ़ोटोग्राफ़ी का कैमरा है हमारे दर्द दुनिया तक दिखायेगा पर सतायेगा नहीं इसलिए ये भागते नहीं है
50 डिग्री तापमान में तपता रेगिस्तान,खाने को हरा एक पत्ता नहीं,पानी की तलाश में भटकते सांसे टूट जाती है ओर ऊपर से पानी के स्रोत पर जायें तो घात लगाये बैठे कुत्ते मार रहे हैं।सड़क पर रौंदती गाड़ियाँ,बिजली के गिरते तारों मे करंट से मौत,प्रदूषित होती नदियाँ का केमिकल पीने को…
खैली बनाने का विडियो इतना वायरल हुआ है कि अब तक सैकड़ों कॉल ओर मैसेज आ चुके है कि हमें भी ऐसी बनानी है। उस दिन में ज़बरदस्ती की ये चेहरे की मुस्कान अब वास्तविक मुस्कुराहट में बदल चुकी हैं। मै अकेला कितनी खैली बनाता जो वन्यजीवों के लिए तकनीकी रूप से सही हो पर अब लोगों ने बीड़ा…
ये है दुनिया की एकमात्र राबड़ी रोड़ जो मेरे गाँव मेलबा से धवा (लूणी-जोधपुर)के बीच बनी हुई है।हम गाँव वाले स्पलेंडर से रोज पिछले 5 साल से इस पर फ़ार्मूला वन खेलते है।ऐसी रोड़ पर गाड़ी चलाने की कोई प्रतियोगिता होती हो विश्व मे तो CM साहब हमे भेज दीजिए गोल्ड मेडल लेकर ही आयेंगे।
देवासी समाज महाकुंभ जोधपुर।पांच लाख की संख्या ओर सब अपनी वेशभूषा में।रंग है देवासी समाज को।
सभ्य ऐसे कि प्रशासन को एक सिटी तक नहीं बजानी पड़ी।आज देवासी समाज ने एक मिशाल कायम की है अन्य समाज के लिए कि वो दुनिया की सबसे खूबसूरत संस्कृति में क्यों शामिल हैं।
सफ़ाई -सजावट, मिठाई- बनावट,बच्चों को स्नेह-बड़ो का आदर।
ना पटाखे ना चाइना लाइट।गायों की पूजा।ऐसा लगता है कि आज भी सतयुग की दिवाली गाँवों में मनाई जाती हैं।ये विडियो बहुत अलग है मित्रों दिवाली के हर विडियो से जो आपने देखे हैं।
#दिवाली
फोटोग्राफी के शौक से मुझे कोई खास धनदौलत भले ना मिली हो पर INTACH NGO से जुड़कर मेरे गांव के तालाब मैंने इतना सुन्दर बना दिया जो शायद कोई नेता करोड़ों रूपए डकारने के बाद भी ना बना पाते।सौ बीघा ओरण से विलायती बबूल हटाये,तालाब को हिरणो के आने लायक स्लोप करवाया।
राजस्थान दिवस की मोकली बधाई आप सगला ने।आपणों राजस्थान घणो फूटरो है सा।लोग अक्सर विकास दिखाय ने बिने फूटरो बतावे है पण अटे उल्टो है अठे गाँव रो जीवन,संस्कृति अर प्रकृति सू सुंदरता है।के देखण जावा दुबई जद आपणो गाँव ही इतो फूटरो है।एक मिनट मे निरखो पूरे राजस्थान ने।
जोजरीनदी मे बहता केमिकल पीकर मरते हिरणों का विडियो देख रो पड़ोगे मित्रों।जोधपुर के नेता ओर प्रशासन जवाब दोगे या NGT या न्यायालय संज्ञान लेगा।अशोक गहलोत,गजेंद्र सिंह शेखावत जोगाराम पटेल महेंद्र बिश्नोई जसवंत सिह सब के सब जोधपुर से है ओर ये हालात है।शर्म आ जायेगी अपने विकास पर।
आथूणे राजस्थान में मानसून की पहली बारिश के बाद सुबह सुबह अपने खेत में पहुंचे किसान की खुशी से आंखें चलक आई।जूते उतारकर इन्द्रदेव का वंदन करते देख मैं भी भावुक हो चला था। पिछले साल अकाल का दंश झेल रहा किसान वर्ग इस बार इन्द्र देव से अच्छे जमाने की अरदास कर रहा है।
जहर देकर क्यों जिंदा मार रहे हो
@JodhpurDm
हम तो वैसे ही मर जायेगें पन्द्रह बीस सालों से हमारा सुख चैन सब छीन लिया है।आपके जोधपुर के विकास ने हमारे खुद के तालाब थे जिनसे हम पानी पीते थे सब इस जोजरीनदी के प्रदूषण के भेंट चढ गये।हमारे तो टांको में भी सेजे का यही पानी आता है ।खेत…
राजस्थानी कामकाज ।
यहाँ हमने झूंपा सझना,खरेड़ी काडना,वड़ी वटना,ऊंट की जट कातना,झूंपे की टोकी बनाना,लोहे के औज़ार बनाने जैसे कुछ कार्यों को दिखाने की कोशिश की है।ये विडियो बनाने मे चार महीने लगे हैं ओर इसमे ५ ज़िलों के दृश्य शामिल है ।
नौ से पाँच की नौकरी के इतर मेरा फ़ोटोग्राफ़ी का शौक़ मुझे मुस्कुराहट देता है।सैकड़ों किलोमीटर तक घूमने चला जाता हूँ हर वींकेंड पर बिना किसी तय मंज़िल के।जब वापस लौटता हूँ तो ये मुस्कुराते चेहरे देख खुद भी मुस्कुरा लेता हूँ।फ़ोटोग्राफ़ी मेरा खाना है मै इसके बिना रह ही नहीं सकता।
बहुत शुकुन मिलता है।ये नजारे देख के।पिछले दो तीन महिने से इस तरह की छह खैलियो को हमने कभी सूखने नहीं दिया।ये खैलिया हमने अपने सोशल मीडिया पर बनाये एक रूपये प्रति दिन वन्यजीवों के नाम वाट्सप समूह के बदौलत बनाई है ओर हमेशा भरा रखा है।दो खैली का INTACH NGO ने फंड दिया था।
मित्रों थार के हिरण कुत्तों द्वारा नोचे जा रहे हैं ओर वन विभाग सोया हुआ है।कल शाम रविवार को एक ट्विटर ट्रेंड चलाने का सोचा है आप सभी बढ चढ के हिस्सा लेवें। #कुत्तो_से_हिरण_बचाओ ट्विटर पर शाम को 8 बजे से ज़्यादा से ज़्यादा ट्विट करे।हिरण विलुप्त हो जायेगे ऐसे तो।
लापसी को राजस्थान की राज्य मिठाई घोषित किया जाये तो अतिशयोक्ति नहीं होगी।हालाँकि अ�� शक्कर मे बनाना शुरू कर दिया है जो कि नुक़सानदायक है।बाकी ये गुड़ में बनती है जो बहुत स्वादिष्ट होती हैं।
"भैरों बा" मेरे वो बुजुर्ग मित्र जिनसे दोस्ती के बाद ही मैंने ये फोटोग्राफी का फेकेड़ा पकड़ा था।हर शाम मैं आफिस से घर आते वक्त भैंरों बा से हथाई करने रूक जाता था ओर कभी कभी तो रात हो जाती उनके साथ बातें करते करते।
विडंबना ये है कि हिरणों के लिए हमने बाधाये पैदा की जाली तारबंदी विलायती बबूल तरह से कृत्रिम प्रीडियेटर बना लिये ओर इसी वजह से कुत्ते इनके प्राकृतिक प्रीडियेटर बन गए बाकी ये है नहीं।जबकि कुत्तों का कोई प्रीडियेटर अब थार में नहीं बसा है इसलिए असंतुलन बढा है
#कुत्तो_से_हिरण_बचाओ
गाँव का ओरण गाँव का आंगन है ओर इसमे खेलते ये वन्यजीव गाँव के बालक है।सरकार ऐतिहासिक धरोहर को बचाने के लिए प्रयास करती है पर मेरे गाँव के लिए तो ये हिरण ही धरोहर है
@RajGovOfficial
@ForestRajasthan
@moefcc
इनकी सुरक्षा आपके बिना संभव नहीं है #कुत्तो_से_हिरण_बचाओ
नागौरी लोगों के साथ वन्यजीवों के लिए काम करके बहुत अच्छा लगा।वाक़ई बहुत मेहनती ओर सेवाभावी है यहाँ के लोग।फ़िलहाल ये खैली बनाने का ट्रेंड जारी हैं।सरकार ने कभी भी थार के वन्यजीवों के अनुकूल खैली बनाने पर ध्यान ही नहीं दिया।मैने कई बार फोटो मे कैद किया है हिरणों जब वे सरकारी खैली…
थर के इस पेड़ के अंदर तापमान तीस डिग्री से अधिक नहीं होता।प्राकृतिक रूप से मेंटेन रहता है।ओर वन्यजीव इसी मे रहते हैं।जो खुद को लू से बचाते हैं।जोजरीनदी के प्रदूषण ने ऐसे हज़ारों पेड़ ख़त्म कर दिये हैं।
#worldenvironmentday
राजस्थान अपनी संस्कृति ओर सभ्यता के लिए विश्व में विशेष पहचान रखता है।इन 60 सेकेंड में देखिए राजस्थानी संस्कृति को ओर गर्व कीजिए अपने राजस्थानी होनो पर।तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कैमल फ़ेस्टिवल को 60 सेकेंड में देखना रोमांचित कर देगा आपको।हालाँकि बड़ा मुश्किल था एक मिनट मे समेटना
लोक कलाकारों के साथ कोलाबोरेशन की कड़ी में आज हमारे साथ हैं पश्चिमी राजस्थान के ख्यातिनाम लोक संगीतकार थानु खाँ जैसलमेर।आप मोरचंग,खड़ताल,भपंग जैसे दस से अधिक लोक वाधयंत्र बजाने में माहिर है।यूनेस्को व अनेक संस्थाओं के साथ जुड़कर आप थार के लोक संगीत को विश्व में पहचान दिला रहे हैं
सुबह सुबह गोडावण की पैट्रोलिंग कर हम थक चुके थे तो घोलियाँ गाँव के एक खेत में काचरे मतीरे खा रहे थे।तभी राधे
@RadheBishnoi__
के मोबाइल की घंटी बजी ओर सूचना मिली की जैसलमेर के पास एक हिरण का शिकार हुआ है तुरंत पुलिस ओर वनविभाग को सूचना दी ओर हम भी घटना स्थल की ओर चल पड़े।
राजस्थान के प्रसिद्ध ऊन के पट्टू आज रॉयल चीजो मे से एक है ओर दस दस हज़ार रुपये मे चैत्री मेले मे बिक रहे हैं हमारे बुज़ुर्गों की हर चीज रॉयल हुआ करती अब तरस रहे हैं युवा वेस्टर्न को अपनाकर।कितने सुंदर है वो हाथों से बनते थे।कलाकारों का हुनर राजस्थान को अलग बनाता है।
एक मारवाड़ी इस लज़ीज़ ओलण (भोजन) को कैसे खायेगा?
शर्त ये है कि एक भी आईटम चूकना नहीं चाहिए ओर एक साथ मिक्स करके एक ही बार में खाना है
उतर आसान है पर सिर्फ़ गाँव वाला ही बता पायेगा 😍
मैं बस सच्चाई बता रहा हूँ आप खुद को सही ठहराओ या मुझे गलत पर मौत की कीमत पर किसान मासूम बेचारा गरीब का रोना रोककर बच नहीं सकता। हिसाब बेमौसम बारिश ओर कई तरह से लिया जा रहा है।संभल जाओ या तैयार रहो कुदरत का कहर झेलने को।थार मे विकास करने आई कम्पनियों ने यहाँ की जैवविविधता तहस…
मेरा गाँव धवा डोली वन्यजीव क्षेत्र ओर यहाँ का कल्चर बहुत सुंदर है ।गाँव के ठाट देख के विदेशी भी दांतों तले अंगुली दबा लेते हैं।आईये कभी हिरणों को निहारने व झोपड़ों मे बैठ के देशी राजस्थानी खाणे का आंनद उठाने को।
हर सेकेंड बदल रहा है गाँव ओर जिला।राजस्थान का ग्रामीण अंचल इतना ख़ूबसूरत है कि कैमरा बंद ही नहीं होता मेरा।मित्रों इस विडियो में एक झलक दिखाई देगी आपको।बाकी पूरा विडियो फ़ेसबुक पेज पर अपलोड किया है।9-5 की जॉब के बाद जितना समय मिलता है मैं कोशिश करता हूँ कुछ अच्छा दिखा सकू।
विश्व का एकमात्र वृक्ष मेला खेजड़ली जोधपुर।मां अमृता देवी बिश्नोई व 363 पर्यावरण शहीदों की याद मे हर साल ये भव्य मेला भरता है।जहां पर्यावरण संरक्षक बिश्नोई समाज की संस्कृति व समृद्धि की झलक देखने को मिलती हैं।इस मेले व ३६३ शहीदी स्थल को विश्व धरोका दर्जा मिलना चाहिए।
थार रेगिस्तान में किसान ओर वैज्ञानिक मिलकर सोना उगल रहे हैं।एक पेड़ पर डेढ से दो क्विंटल तक फल लग रहे हैं ओर सौ से दो सौ रूपये मे बिक रहे हैं । केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान (क़ाजरी) जोधपुर का ये बगीचा आजकल खजूरों से लदा हुआ है।
पश्चिमी राजस्थान के गाँवों में आज भी हम दिवाली पर घरों को मांडणे बनाकर सजाते हैं।ना चाइना लाइट ओर ना ही अकड़ बकड़ पटाखें।घरों के बाहर दिये जलाते हैं व गाय के घी के हिरो लापी बणाते है ओर सब मिलकर ख़ुशियाँ मनाते हैं।आप सभी को हमारी तरफ़ से दिवाली की घणी घणी बधाइयाँ मित्रों।
जब एक किसान रोहिड़ा काटता है तो
@JdprRuralPolice
उस पर केस करती हैं जेल मे डालती हैं या जुर्माना लगाती है।लेकिन जोधपुर से 90किलोमीटर तक लंबाई ओर 3 किलोमीटर की चौड़ाई मे लाखो पेड़ जोजरीनदी मे बह रहे केमिकल की वजह से मरे है।क्या अब इन किसानों को मुआवज़ा देगी
@RajCMO
@RajGovOfficial
…
गोडावण_बचाओ
एक अकेला बंदा पांच साल मे दस गोडावण की मौत को मीडिया के सामने ला चुका है।वास्तविक आँकड़ा कभी नही बताता वनविभाग
@ForestRajasthan
की गोडावण बचे कितने है।गुजरात वाली स्थिति कर देगा वन विभाग यदि हम नहीं जागे युवाओं तो।
गाँव में राजस्थान सरकार की में इंदिरा गांधी स्मार्टफ़ोन योजना का लाभ लेती महिलायें व छात्रायें।सरकार ने हाल ही में इस महत्वपूर्ण योजना का क्रियान्वयन शुरू किया है।
#JanSammanJaiRajasthan
दुनिया की सबसे पर्यावरण अनुकूल ढाणी है ये।इस जीवनशैली से पर्यावरण को कोई नुक़सान नहीं लेकिन अफ़सोस विश्व भर की संस्थाये AC कमरों में बैठकर ज्ञान दे रही हैं पर इनको इनाम देकर प्रोत्साहित नहीं कर रही।ये ट्वीट पर्यावरण पर काम करने वाली संस्थाओं तक पहुँचाने मे आप सभी मदद कर सकते है
मैं बुजुर्ग से हिरणों के बारे मे उनके अनुभव पूछता रहता हूँ।बुजुर्ग कहते है साहब दिनभर हिरणों के नाम का हाका होता था कांकड में।जब आडी कांकड दौड़ते थे तो रेत का गुबार उड़ता था।इन बुजुर्गों ने अपने बच्चों की तरह पाला है हिरणों को थोड़ा लाड़ तो थोड़ी डांट।#कुत्तो_से_हिरण_बचाओ
गाँव आज भी सुंदर है शहर से।ये अपणायत ये संस्कृति बस गाँव में ही दिखते हैं।मित्रों ये कोई विडियो नही हैं ये गाँव की रियल ओर आलीशान के ज़िंदगी है जिसे जीने का मौक़ा है आपके पास भी।छोड़िए ना बहुत ज़्यादा प्रोफेशनल होकर भी क्या मिलेगा। लोग बात करना भी बंद कर देंगे।
थार के धोरों में बारिश एक उत्सव है।किस तरह से यहाँ के वन्यजीव इसको मना रहे हैं।हिरणों पर गिरती बारिश की बूंदे अमृत से कम नहीं थी।थार की सुंदरता को महसूस कीजिए मित्रों।ओर यहाँ की समृद्ध वाइल्डलाइफ़ को बचाने के लिए आगे आइये।
भीषण गर्मी मे भी ठंडा रहता था ये थार का पर्यावरण अनुकूल बुजुर्गों का बनाया झोपड़ा।हमने इस जीवन शैली को छोड़कर प्रकृति को नोचना शुरू कर दिया अब प्रकृति नोच रही हैं हमें।लोगों को वापस अपनाना पड़ेगा ये रहन सहन।
#तपता_रेगिस्तान
हिरणों के लिए जो खैली बनाने का विडियो वायरल हुआ था उसके अब सकारात्मक परिणाम आ रहे हैं।वन्यजीवों के लिए गाँव के युवाओं द्वारा चंदा करके खैलिया बनाई जा रही है जो हिरणों व सभी वन्यजीवों के लिए उपयुक्त हो।मैने सरकार द्वारा बनाई एक खैली के बाहर एक हिरण को पानी के लिए लटकते देखा था वो…
कांवड़िये भाट जनवरी की सर्दी मे सुबह पाँच बजे भीगा कपड़ा ओढ़ के गाँवों में घर घर ऐसे गीत सुनाया करते थे।अपना दान मांगने के साथ बहुत सी समाजिक सरोकार की बातें ये मीठू राग मे गाकर सुना देते थे।अब ये परम्परायें ख़त्म सी हो गई है।
ये तस्वीर है जोजरीनदी के प्रदूषित पानी पीते काले हिरण का।तस्वीरें हैरान करने वाली है।आंखे ब��द करते हिरणो को मौत का जहर पीना पड़ रहा है।वनविभाग के अधिकारी किस बात की सैलरी लेते हैं एक दिन ये पानी पीकर देखो मर जाओगे।
#कुत्तो_से_हिरण_बचाओ
@ForestRajasthan
@Sanjay4India1
@moefcc
ये है जापान की मैगुमी जो पिछले नौ वर्षों से बीकानेर आकर ऊँट उत्सव में भाग लेती हैं और उस्ता कला में माहिर हैं।ऊँट पर बाल काटकर बनाई जाने वाली कला को उस्ता कला कहते हैं। दो महीने पहले आकर ऊँट किराये लेती है ओर उस पर ये सुंदर कलाकृतियाँ उकेरती है।इस बार दूसरे नंबर पर रही मैगुमी जी
मेरे गाँव धवा डोली वाइल्डलाइफ़ क्षेत्र की यही वो जगह है जहां कल हिरण के दोनों बालको हिरा ओर गोपाल को कुत्तों ने नोच दिया ये इनका आंगन है अब आंगन मे सुरक्षित नहीं है हिरण।
#कुत्तो_से_हिरण_बचाओ
@RajGovOfficial
@ForestRajasthan
@moefcc
@Sanjay4India1
मौत का ज़िम्मेदार कौन है?
राजस्थान का विश्व प्रसिद्ध कालबेलिया नृत्य। यूनेस्को व राजस्थान टूरिज़्म द्वारा जसवंत थड़ा जोधपुर में आयोजित कार्यशाला में नृत्य सिखने की कोशिश करते विदेशी मेहमान ओर शहरवासी ।
कैमल फ़ेस्टिवल बीकानेर।ये दृश्य है मिस बिकाणा ओर मिस मरवण प्रतियोगिता के।हमारे राजस्थान की से सुंदर तस्वीरें देखिए ओर गर्व कीजिए अपने आप पर राजस्थानी होने का।
@VinoBhojak
ओर ये तालाब का ओरण 44 काले हिरणों की स्थली है।हिरण कही जा नहीं सकते बस यही छोटी सी दुनिया है उनकी।44 से ज़्यादा कुत्ते ना सोने देते हैं ओर ना ही खाने पीने।नया बच्चा जन्म लेते ही गटक जाते है यहाँ बहुत से सक्षम अधिकारी ये पोस्ट देखेगे पर अफ़सोस वो कोई मदद नहीं करेंगे।
गांवों में ये प्रेम आज भी जिंदा है।जिनके धीणा टळ गया हो वे दूसरे के यहां छाछ लेने आते जाते हैं ओर अपना सुख दुख साझा कर लेते हैं।बिनणिया कितनी सुशील ओर सेवा करती है इनकी हथाई में पता चल जाता है।आंसू टपकते देखे हैं मैंने अक्सर जब इस तरह कोई बहुओं के व्यवहार पर हथाई करती है।
थार का बचपन बहुत सुहाना था।आज के ओर हमारे मे इस खेल मे बस छोटा सा अंतर आया है ये नेकर पेंट पहने है ओर हमारे पास ऑप्शन ही नहीं था एकाद ही कारी वाली नेकर होती थी जिसे झूपड़े मे फेंक के भाग जाते थे।कल मैं भी खेल लिया थोड़ा गाड़ी रोक के।बच्चों को चिंता थी विडियो मारसाब देख लियो तो😂
हर सरकारी स्कूल ऐसे मेहनत करे ओर गाँव वालों का सहयोग हो तो प्राइवेट को भी फैल कर सकते है धोरों का ये सरकारी स्कूल रा.उ.मा.वि.गूंदियाल नाडी(जाटी भांडू)बालेसर,जोधपुर मिसाल है अपने आप मे जो शिक्षकों की कर्मठता को दर्शाता है।साथ ही ग्रामिणो का स्कूल के प्रति लगाव भी व्यक्त कर रहा है।
पर्यावरण अनुकूल जीवनशैली तो यही है जो हमारे बुजुर्ग जिया करते थे।बाकी बंगळा तो हैसियत दिखाने के लिए बनाये जाते हैं साहब। एक रसोई,एक सोने बैठने का झूंपा, बाथरूम,राख से बर्तन मांजने की वेवणी,घर के आगे वर्षाजल संग्रहण टांका ओर दो खेजड़ी।
बताईए क्या कमी है इस घर में।रोल माडल है ये।
भाई द्वारा बहन को समंद हिलोलने की परंपरा।झंवर डोली गाँव जोधपुर ।पश्चिमी राजस्थान में ये परंपरा जल संरक्षण से जुड़ी है जो गाँव की नई बिनणियो को ताला के संरक्षण से जोड़ती हैं।ये दोनों गाँव पटेल समाज के बाहुल्य गाँव है ओर अपनी सांस्कृतिक वेशभूषा व परंपराओं के लिए जाने जाते है।
भंयकर गर्मी से राहत के लिए पीलू का लुत्फ़ उठाता रेगिस्तान का जहाज।ये सुंदर नजारा थार की जैव विविधता की सम्पन्नता को दर्शाता है।सरकार को जालो के पेड़ लगाने के लिए प्रयास करने चाहिए।जोजरी नदी मे बह रहे केमिकल की वजह से लाखों जाल के पेड़ जल गये हैं ।बहुत दुख होता है कि ना आफरी आगे आ…
आज विश्व पर्यटन दिवस है ओर राजस्थान पर्यटन का गढ़ है।यहां की कला, लोकसंगीत, संस्कृति, वेशभूषा ओर ऐतिहासिक धरोहर पर्यटकों का मन मोह लेते हैं। देखिए इस एक मिनट में राजस्थान को ओर गौरवान्वित महसूस कीजिए अपने आप को।जय जय राजस्थान। आइए आफबीट टूरिज्म को बढ़ावा दें।
#WorldTourismDay
कनाडा अमे��िका से उडी फ़्लाइट ✈️ दिल्ली ओर वहाँ से ये पावणे सीधे मेरे गाँव की धरोहर काले हिरणों ओर गाँव की संस्कृति देखने पधारें तो ओर क्या खुशी होगी मित्रों।विश्व प्रसिद्ध फ़ोटोग्राफ़र हमारे गाँव पधारी।बहुत बहुत धन्यवाद मैडम।
जैसलमेर के एक गाँव के खेत में दोपहर में अंग्रेज़ खाणो जीमे हा जिते कोई आकाश में एक हेलीकोटर आयगो।अर पोज आप रे हामी है साथियों।
सिर्फ़ आपा भारतीय ही नहीं ए अंग्रेज़ भी हेलीकॉप्टर देख ने बाका फाड़िया बिना कोनी रेवे।😄😄
सेव से लाख गुणा लाभकारी है केर पर शायद इसलिए JCB से रौंदा जा रहा है कि ये फ़्री में मिल रहा है।मित्रों आधुनिक इंसान पागल हो चुका है चकाचौंध के मारे हर प्राकृतिक या पुरानी चीज उसे बेकार नजर आने लगी हैं।वो धोरों में अनार,सेव,आम के बगीचे पनपा रहा जिन्हें पानी की अत्यधिक आवश्यकता है।
चिंता दिनों दिन बढ़ती जा रही हैं मेरी।हिरण के पांच बच्चे जन्मे हैं ओरण मे ओर कुत्ते पच्चास।कुतो को डिटेन करने के लिए गया तो ओरण के किनारे एक ढाणी का मोटियार बोला इसे कहाँ ले जाते हो ये तो रात को मेरे साथ सोता है।लाज रखना प्रभु मै हार ना जाऊ गाँव के ओरण की धरोहर बचाने की ये जंग
इस भीषण गर्मी मे में अब हम कहाँ जायें।हमारे घर थे यहाँ अरणी केर कंकेड़ी मे बैठकर हम गर्मी से खुद को बचाते थे।किसानों ने हमारे घर छीन लिए।केरू पंचायत समिति के उन किसानों भगवान सजा दे जिन्होंने हमारा घर छीन लिया है।ऊपर वाले कुछ तो न्याय करना।जोधपुर ज़िला प्रशासन ऐसे किसानों को…
काले पानी की सजा भुगत रहा है बाड़मेर का डोली गाँव।जोधपुर का विकास सैकड़ों गाँवों के लिए विनाश बनकर उभरा।दो दो मंत्री है यहाँ से।पर रूंह कंपा देने वाले ये हालात दस सालों में नहीं सुधार पाए
@gssjodhpur
@KailashBaytu
“तूँबा” मेडिसिन आफ थार।
थार का सोना कहे तो अतिशयोक्ति नहीं होगी इन पीले फलों को।वर्षो से फ़ालतू मानकर जिसे जानवरों को खिलाया जाता था उससे आज शुगर जैसी बीमारी की दवाई बन रही हैं।
राजस्थान की प्राकृतिक जैवविविधता को बचाना क्यों आवश्यक है आप समझ सकते है।
राजस्थान की अर्थव्यवस्था को ऊँचाई पर ले जाने की क्षमता रखता है हमारा गोडावण।गिर मे शेर के लिए भीड़ पड़ती हैं तो क्या हम गोडावण को फिर से भरपूर संख्या में बढ़ाकर टूरिज़्म से जोड़े।
#गोडावण_बचाओ
@ForestRajasthan
थार के हिरणों मे त्राही त्राही मची हुई है।कुत्तों की बढ़ती संख्या ओर जाली तारबंदी करके हम इंसानों ने इन्हें मौत के मुंह मे धकेल दिया है।जोधपुर मे सबके गाँवों की कांकड से 90% हिरण घट चुके है ये सब जानते हैं पर कोई भी ठोस उपाय नही लिया जा रहा है आखिर गोडावण वाली स्थिति का वेट क्यों
ये मेरी आजतक की सबसे प्रभावशाली फोटो में से एक है।जहां सड़क के दोनों ओर उगी घास है तो इन दोनों के चरने के लिए ही पर इंसानी बंदिशों के चलते दोनों एक दूसरे का दर्द आंसू बहाकर समझ रहे हैं।ऊंटनी को एक ट्रक ने टक्कर मारकर एक पैर तोड़ दिया था।खैर अब दोनों ही इस धरती से विदाई की ओर है।
विश्व की दूसरी सबसे खूबसूरत संस्कृति के पुरोधा कल मारवाड़ मे अपना हक मांगने ओर सांस्कृतिक मिशाल पेश करने आ रहे हैं।स्वभाव से शांत इस समाज से मेरा गहरा नाता रहा है कुछ सालों से ऊँटों की घटती संख्या पर भी ये ऊंटपालक समाज बेह चिंतित हैं इस महाकुंभ का हम भरपूर समर्थन करते हैं।
हिरणों का टाँका जोधपुर जहां काले हिरणों को निहारने के लिए हज़ारों लोग आते थे।पिछले पंद्रह सालो में सब कुछ तबाह हो गया हिरणों की संख्या ५०% ज़्यादा घट गई।फिर जोधपुर दरबार बापजी के आशीर्वाद से दो शख़्स महेंद्र सिंह जी तंवर ओर यशोवर्धन जी ने मेरा पूरा सपोर्ट किया ओर अब ये तस्वीर है
मशीनों ने भाई की ज़रूरत ख़त्म कर दी इसलिए भाई के ऊपर ट्रेक्टर चला रहे हैं वरना भाई के बिना कोई काम ही नहीं होता था।एक भाई हल चलाता तो दूसरा बीज बोता था।आपस में प्रेम बनाये रखो मारवाड़ी भाईयो घणा फूटरा लागोला नितर मोह माया छड़ जासी पत्थर रा महलों में।
सोशल मीडिया से हमारे इस पेज ने वन्यजीवों का बहुत साथ दिया है मित्रों मुझे यक़ीन नहीं होता पर वन्यजीवों के लिए ये पेज बहुत बड़ी ताकत है।मेरा मानना इतना सा है कि पैसा अगर इंसानों के लिए सुविधायें जुटा सकता है तो इनके लिए भी सुविधाएँ जुटाई जा सकती हैं जो इनके लिए आवश्यक ओर अनुकूल हो
मैसी के देशी मिस्री।
गाँवों में मैसी के मिस्री भी अब बहुत कम होंगे जो घरों मे ही मैसी को ठीक करते थे।हर गाँव में एक बुजुर्ग तो होते ही थे जो ट्रैक्टर का घोटमाला निकाला करते थे।आजकल तो ऑयल पलटणो वे तो भी ट्रैक्टर ने गैरेज लेने जावे मोटियार।ये ना आईटीआई की है ओर ना ही पढाई।
प्लास्टिक के कैम्पर मे पानी पीने से कैंसर होता है फिर भी लोग दुकान से ख़रीद के लाते हैं ओर मटकी का पानी शुद्ध होता है फिर भी कोई बुजुर्ग यूँ बेचने को फिरता है।ऐसे बुजुर्गों को भंगार लेणो है जैसे विडियो बनाकर परेशान ना करे इनकी जीवटता का सम्मान करें।
जीवन जीणो आणो चाहिजे ,कोनी…
मारवाड़ का सागवान रोहिड़ा।
थार रेगिस्तान की बायोडायवर्सिटी का महत्वपूर्ण हिस्सा है रोहिड़े का पेड़ ये राजस्थान का राज्य पुष्प होने के साथ साथ इमारती लकड़ी के कारण मारवाड़ का सागवान भी कहा जाता है मित्रों।ओर फ़रवरी मार्च मे अपने फूलों से यहाँ के वन्यजीवों का पेट भरता है।