सुरेश मिश्र (हास्य कवि)
@sureshmishra306
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*छोटे भाई की पाती बड़े भाई को* -------------------- भउजी पूछइं फोन पे,कब अइब्या भरतार काटइ दउड़इं आजु कल,बिछिया,कंगन हार बिछिया कंगन हार, सेजरिया लागइ कांटा रहिया लखइं तोहार, अमावट, लेंड़ुवा, लाटा कह सुरेश अब सही न जाए ई अलगउझी रात-रात भर रोइ रहल भइया बिनु भउजी सुरेश मिश्र
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*लड्डू घोटाले के बाद दुपट्टा घोटाला* -------------- सिसकी बालाजी भरें, फिर तिरुपति के धाम नकली लड्डू में हुआ,घोटाला अविराम घोटाला अविराम, अरे ओ खल के जाए लिए दुपट्टे रेशम, पर, पोलिस्टर आए कह सुरेश कविराय चढ़ाए हो क्या ह्विस्की लूट मची दिन रात,भक्त सुन भरते सिसकी सुरेश मिश्र
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सिद्धू की बीबी कहे, रायशुमारी छोड़ पंजे में चलता सदा, पांच-पांच सौ करोड़ पांच पांच सौ करोड़, सुनो हे पप्पू भइया ��िया चवन्नी कभी,दे रहे सिद्धरमैया कह सुरेश हसबैंड *गुरू* है मेरा बुद्धू सीएम पद का मोल न दे पावेगा सिद्धू सुरेश मिश्र
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*बाबर-हुमायूं-ओवैसी-मोमताज* -------------------------- चर्चे में फिर बाबरी,मचा हुआ कोहराम अब मेरे बंगाल को, तुम्हीं बचाओ राम तुम्हीं बचाओ राम,हुई ममता दीवानी सनातनी से तना तनी उतरे ना पानी कह सुरेश कविराय कुटिल के मौखिक खर्चे इसके कारण आज हुमायूं के हैं चर्चे सुरेश मिश्र
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आजम खान और उनके बेटे को सात साल की सजा ---------- जो चड्ढी के कलर से, बतलाए व्यक्तित्व बचा रहे हैं आज वह, खुद अपना अस्तित्व खुद अपना अस्तित्व, सनातन के अवरोधी करते खूब विलाप, वक्त चलते अवरोही कह सुरेश अब टूट रही शैतानी हड्डी हरी हो गई लाल, मियां पहने जो चड्ढी सुरेश मिश्र
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उड़ने वाले रो रहे, हुआ इंडिगो फेल शानो-शौकत में सखा,निकल रहा है तेल निकल रहा है तेल, प्लेन की जगह किराया आसमान पर आज, नींद में दिल्ली,भाया कह सुरेश कविराय ज़ुबां पर लटके ताले छाती पीटें भाय गगन में उड़ने वाले सुरेश मिश्र
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*ये दोस्ती हम नहीं छोड़ेंगे* ------------ ट्रंप जंप कर रहा है, बीजिंग में हड़कंप सिसकी भरे मुनीर खल, जग में है भूकंप जग में है भूकंप, पुतिन-मोदी संग आए मिलने को बेताब, इधर पप्पू चिंचियाए कह सुरेश कविराय ठग हवा भर रहे पंप जिनपिंग पूछें फोन कर,अब क्या होगा ट्रंप? सुरेश मिश्र
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The latest Microsoft Research Forum episode is now available on-demand. Explore purposeful research and its real-world impact.
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इसमें कितने शब्दों का अर्थ समझ में नहीं आया -- बथत बेवाई बूढ़ पग,दरद करेजा चीर खांस-खांस सिसकी भरे,कहे न मन की पीर कहे न मन की पीर,दुबक झेलॅंगा में कॅंहरे थर-थर करत शरीर,सकल जन लागत बहरे कह सुरेश कविराय जगत में कहां दवाई कहरत भर जल नैन,रैन भर बथत बेवाई सुरेश मिश्र 9869141831
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पुतिन से मिलने चाह,वाह भाई वाह ----------------- माता को दीं गालियां,और किया अपमान वोट चोर के टैग से, रोज करें सम्मान रोज करें सम्मान,सदन में करें बवंडर लोकतंत्र पर वार, नमो कर दिए सरेंडर कह सुरेश कविराय नमूना देख विधाता चाह पुतिन से मिलें,पूत,बिटिया अरु माता सुरेश मिश्र
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करिए मिलकर पुतिन का, स्वागत बारंबार दुनिया में बस एक ही, है जिस पर एतबार है जिस पर एतबार,बुरे दिन में काम आए ट्रंप करेगा जंप, भले जिनपिंग चिंचियाए कह सुरेश कविराय नहीं दुनिया से डरिए नीर-क्षीर सा मीत, हृदय से स्वागत करिए सुरेश मिश्र
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पगलाया है देखिए फिर रेड्डी रेवंत लगता है ये करेगा, खुद पंजे का अंत खुद पंजे का अंत, कुटिल जब भी मुंह खोले दिल में जहर अनंत, सनातन पर बिष घोले कह सुरेश कविराय लगे पप्पू का भाया बेटवा-बिटिया-मॉम, सदृश रेड्डी पगलाया सुरेश मिश्र
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*पाती बिरहन की* -------------- तेल जरे,बाती जरे,जरे पतिंगा रात हिया जरे,कउड़ा जरे और जरें जज़्बात और जरें जज़्बात, ठंड में जरते सपने बिगड़ रहे हालात, रोग कब समझें अपने कह सुरेश कविराय सेज पर चढ़ी रजाई चाहत हौ जरि जाय,पिया यहिं बार लुगाई? सुरेश मिश्र
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कंचना यादव और सुपनखा भारती के रहते राजग को जिताने के लिए पप्पू की क्या जरूरत है?
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बुरे लोगों के भी अच्छे दिन आते हैं अच्छे लोगों के भी बुरे दिन आते हैं सुरेश मिश्र
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सेजिया बैरन बन रही,करे काम नित वार बाला,बिछिया,बांगणी,रोज कर रहे रार रोज कर रहे रार,हुए प्रियतम परदेसी देख अकेली नार, करें सब ऐसी-तैसी कह सुरेश कविराय नहीं बस में रहा जिया रतिया-रतिया आग लगावइ हमरी सेजिया सुरेश मिश्र
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