सु💙नील
@sunil54gupta
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Veteran Infantry Captain, amateur writer of verses , narratives and prose.
Delhi, India
Joined August 2013
सर्दी की नरम धूप आराम कुर्सी खिड़की से नजारा चाय की चुस्की उमड़ते-घुमड़ते ख्याल बच्चे विदेश में वीडियो काल से बात काकू के कागज एक संदूकची में बेतरतीब क्रमबद्ध करने की आदत नहीं अगले हफ्ते आ रही है संदूकची के साथ मेरा काम शुरू उसकी चिंता समाप्त और एक बार !!! #Wo5Shabd
"वो 5 शब्द" चैलेंज इस सप्ताह 5 शब्द: खिड़की, कुर्सी, सर्दी, चाय, धूप आपको एक टवीट में, एक प्रसंग, प्रकरण, क़िस्सा, या कविता लिखनी है, और 16.11.25 तक, हैशटैग #Wo5Shabd के साथ पोस्ट करनी है। इन 5 शब्दों का सबसे सुंदर उपयोग करने वाले 10 सर्वश्रेष्ठ/श्रेष्ठ लेखक विजयी घोषित होंगे !
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छाई थी एकमुश्त उदासी बेपरवाह आचार पेड़ से कूक रही कोयल करती नहीं निहाल रौनक-ए-बाजार जुंबिश ली #मुस्कान उधार #आँसू पी लेंगें उफ ना करेंगे मौके की दरकार ~ सुनील #बज़्म_काव्य_मंच #बज़्म
#बज़्म_काव्य_मंच में आज 14/11/2025 का दैनिक विषय - #आँसू #मुस्कान कवितायें, कहानियाँ, शेर, ग़ज़ल, गीत, नज़्म कुछ भी लिखा जा सकता है ।। #बज़्म 👈 लगाना अनिवार्य है ।।
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साँवली सी शाम थी... और मन था आधा बुना स्वेटर सा... मुलायम धागों में उलझा जाड़ों के सफ़र पर निकला... पहचाने रास्तों पर भटका... अंतर्मन में लौ की मानिंद जलती रहीं स्मृतियाँ... कितना अँधेरा ले कर आती हैं कुछ रौशनियाँ...!! #नीलम Pic credit- @Pinterest
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पंखों की फड़फड़ाहट में परिंदों की उड़ान बेपर्दा #परवाज़ थी बेआवाज़ बाज का आसमा पे कब्ज़ा झूठी शान बघारते लोग नतीजा शशोपंज गहरा जिनकी बाजुओं में दम अकारण करते नहीं चर्चा ~ सुनील #बज़्म_काव्य_मंच #बज़्म
#बज़्म_काव्य_मंच में आज 13/11/2025 का दैनिक विषय - #परवाज़ / #उड़ान कवितायें, कहानियाँ, शेर, ग़ज़ल, गीत, नज़्म कुछ भी लिखा जा सकता है ।। #बज़्म 👈 लगाना अनिवार्य है ।।
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रात भर जगराता उनींदा तय किया सफ़र बोझिल आंखें सुबहा झपक रही पलक सब्र की इंतहा नींद कौसों दूर मगर रात फिर उनींदा अश्क सूख गये बेहद ~ सुनील #नयनपट #eyelid #पलक #छोटा_दरवाज़ा #Aperture_Of_Dreams
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❣️पलकों की छांब.... मे❣️ दुनियाँ का कायदा दुनिया का असूल के 2nd winner @sunil54gupta Ji हैँ ❣️ Sunil ji को उम्दा प्रस्तुति के लिए बधाई❣️👌❣️ ❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️
@singhlaxmi4016 दुनिया का कायदा दुनिया का उसूल मुखौटा पहना हुआ चापलूसी भरपूर मुलम्मा धुल गया आकस्मिक पड़ी बूंद #एहसास गुमशुदा मिला नहीं सुकून #पलकों_की_छांब_में
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दीवानेपन की हुई इन्तहा हर शख्स #दीवाना चाँद का कहता नहीं थकता आशिक चाँद सी खूबसूरत आप हो ~ सुनील #छोटा_दरवाज़ा
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समझौतों की लंबी फेहरिस्त एक समझौता और सही निकल पड़ा मैं बस्ता उठाये मंज़िल का अता पता नहीं ट्रेन की सीटी मेरा जीवन सफ़र में बीती जिंदगी रुकें ना कदम हमारे चलते रहना ही जिंदगी ~ सुनील #बज़्म_काव्य_मंच #बज़्म
#बज़्म_काव्य_मंच में आज 12/11/2025 का दैनिक विषय - #कैप्शन कवितायें, कहानियाँ, शेर, ग़ज़ल, गीत, नज़्म कुछ भी लिखा जा सकता है ।। #बज़्म 👈 लगाना अनिवार्य है ।।
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@Lekhni_ @AarTee33 @pareeknc7 तालीम आदमियत की कमी संगदिल इंसान खिदमत हो माँ बाप की शराफत का पैगाम #तालीम #लेखनी
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#स्पर्श से गर्मजोशी अनुभूति दिल हुआ गुलफाम ऊपर से मुस्कान मनोहर बना दिया दिन कमाल हम तेरे मुस्कान के आशिक बहाना ढूंढते हजार एक बार फिर मिलो गर तो मौसम हो खुशगवार ~ सुनील #सरस
💗काव्य ग्रुप सरस 💗 तारीख - 11/11/2025 आज का विषय हैं 👉#स्पर्श आप इस विषय पर कोई लेख कविता ग़ज़ल गीत कुछ भी लिख सकते है बस शब्द को # टैग अवश्य कीजिए और 𝓉𝓌𝑒𝑒𝓉 के अन्त मे..#सरस का प्रयोग अवश्य करें
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मेरे दिल को छू गया, तेरा पहला #स्पर्श ! रोमांचित मुझे किया, बिम्ब जेहन में दर्ज ! मिले हम ना दोबारा, दिल चाहता तेरा दर्श ! लाख दिल को समझाया, दूरस्थ बना हुआ संपर्क !! ~ सुनील #बज़्म_काव्य_मंच #बज़्म
#बज़्म_काव्य_मंच में आज 11/11/2025 का दैनिक विषय - #स्पर्श कवितायें, कहानियाँ, शेर, ग़ज़ल, गीत, नज़्म कुछ भी लिखा जा सकता है ।। #बज़्म 👈 लगाना अनिवार्य है ।।
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@BimlaVerma6 @Transfinitum @Officeofdarknes @Bharatibindoo2 @aquietsnowfall @ShivinaSaksena @aashi_871 @AkankshaKaAks बिरला ही इंसान आँगन जिस के पास धूप गई हवा गई घिर गया मकान खुद से ही जिरह खुद से ही सुलह परिदृश्य बदल रहा #अदृश्य सोपान #छोटा_दरवाज़ा
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बज़्म काव्यमंच — साप्ताहिक #सर्वश्रेष्ठ कवि सम्मान हर सप्ताह कई कलमकार अपनी रचनाओं से इस मंच को आलोकित करते हैं पर कुछ रचनाएँ ऐसी होती हैं जो दिलों पर गहरी छाप छोड़ जाती हैं। First @Medilipjoshi @your_lost_love @A_shiv_ki_ganga @sunil54gupta @Jameelsayyed @Radhya_S
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आईना में दिखता वो अधूरा सच दिखता कुछ अलग होता मतिभ्रम चंद दिवस पहले निकला पूरा चांद चमक उजली पर नज़र आया दाग नूर-ए-नज़र हम गलत हमारा ख्याल चमक फीकी हुई वक़्त वक़्त की बात उजला चांद अभी लेकिन घटा आकार दाग कम हुआ शक शुबहा बिन आधार ~ सुनील #भ्रम #छोटा_दरवाज़ा
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*CHINTAN* or *CONTEMPLATION* call the way you like... CHURNING MILL in the BRAIN leaves scar on your mind REASONS you enumerate no need to HIBERNATE... MULTIPLE reasons you'll gaze for being *HAPPY* in the maze #Hope
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