फँसा होना - आदमी निकलना चाहता हो, लेकिन हालात के मारे निकल न पा रहा हो.
छुपा होना - पुलिस जा-जा कर कह रही हो निकलो, तब भी न कोई आदमी निकल रहा हो, ना बता रहा हो कि असल में हैं कितने वो.
*जिनके समझ आ जाए अच्छा, जिनको समझना ही नहीं, उनको किसी भाषा में नहीं समझ आना!