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rakesh bairwa

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@rakeshbair64134
rakesh bairwa
7 hours
Smjhe kuch
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rakesh bairwa
7 hours
गांव की गलियां, आजकल उदास हो गई हैं। सुना हैं दोपहर में खेलते वो बच्चे, अब जिम्मेवार हो गए हैं।
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rakesh bairwa
21 hours
Good morning everyone
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rakesh bairwa
1 day
गाँव का बागान और बहता हुआ पानी मन को मोह लेती है ❤️😊
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rakesh bairwa
2 days
न मोबाइल था, न टीवी की लत — बस दोस्तों के साथ मिट्टी में खेलना ही खुशी थी। 😊❤️
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rakesh bairwa
3 days
वृक्षों की छाँव में, दोपहर की सुकून भरी बेला, गाँव की पगडंडी पर, जीवन का अनमोल मेला। 🌳🏠💚
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rakesh bairwa
3 days
भोर की लाली, पगडंडी पर चली, जीवन की धुन, खेतों में रंग भरी। 🌅🌾🏠️💛
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rakesh bairwa
4 days
गाँव मे इन्ही जगहो पे आके मन को सुकन मिलता है ❤️ वरना जिंदगी तो वैसे भी कट ही रही है 🙏
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rakesh bairwa
5 days
"हरे खेतों के बीच गाँव की राह — जहाँ सुकून और अपनापन दोनों साथ चलते हैं 🌾🚶‍♂️"
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rakesh bairwa
6 days
सुकून तो गाँव में आके मिलता है, शहर में तो बस शोर और दौड़ ही मिलती है। 🌿💭
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rakesh bairwa
7 days
गांव जैसे यह हरियाली कहां शहरों में मिलने वाला है इसलिए तो गांव का सुकून सबसे अलग है 😊😊
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rakesh bairwa
7 days
शहर की भागदौड़ छोड़कर जब गाँव की मिट्टी छूती है, दिल खुद-ब-खुद मुस्कुरा उठता है। 😊❤️
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rakesh bairwa
8 days
पहले गांव के घर और आंगन में जो सुकून मिलता था अब वो सुकून आज के मकानों में मिलना मुश्किल है। 🏠🙏
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@rakeshbair64134
rakesh bairwa
10 days
यही तो खूबसूरती है गाँव की, जो हमें अपनी मिट्टी, अपनी यादों और अपनेपन से जोड़े रखती है।" 🌾❤️
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rakesh bairwa
10 days
जब शहर मे काम करके मन थक जाता है तो सुकून की तलाश मे गाँव मे ही आता है 😊❤️
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@rakeshbair64134
rakesh bairwa
10 days
कभी मैदान में दिन गुजरते थे, अब दफ्तर की कुर्सी पर ज़िंदगी गुजरती है।
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