
Mir'khan
@iamarshadalii
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Nafrat bhaut Faili hui hai , behtar hai ! Hum sab Mohabbat ka Paigam de. ⚖️ ⚖️
Operation Theatre
Joined February 2022
शरीर 500 देकर भी मिल सकता है लेकिन पुरुष 'औरत पर लाखों 'हया और वफादारी' के खर्च करता है।
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बेवकूफ गुलाम समझ रहे है कि हम आजाद है, आज़ाद ख्याल काट रहे है सजा ' आजाद होने की।
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नेपाल के बिगड़ते हालात देखकर ऐसा लग रहा है जल्दी ह�� नेपाल में लोकतंत्र खत्म होकर राजतंत्र आ जाएगा।
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हमें गर्व है अपने मुसलमान भाइयों पर , आज हमारी मुसीबत में हमारा साथ दे रहे है , आज हमें वो कच्छे वाले नज़र नहीं आ रहे है , जो बड़ी बड़ी बात करते है।
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हर फूल का रंग खून के साए में चमक रहा है, हर परिंदा अपने पंखों की " चोट छुपा रहा है। — अरशद मीरखां
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जो जंजीरों से बहार है, आजाद उन्हें भी मत समझो जब हाथ कटेंगे ज़ालिम के ' उस वक्त कटेगी जंजीरें।
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उमर खालिद का एक ऐतिहासिक बयान , जिस पर गौर करना " देश भक्ति को जगाना है..
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गरीबों को गुमान है कि सरकार को उनकी फिक्र है इसलिए उन्हें राशन दिया जा रहा हैं, लेकिन इस बात से अंजान है कि शिक्षा को छीनकर उनके बच्चों को अपाहिज़ किया जा रहा हैं।
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बुजुर्गों की ख़ामोशी वो कफ़न है , जिसमें नस्लों की बहादुरी दफन है ।
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एक ख़्वातीन की अजमत " दुनिया के तमाम तख्त और ताज से अफज़ल है।
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तेरा तख़्त, तेरी ताक़त, तेरी तानाशाही — सब ढह जाएगी जब मिट्टी लहू पीना छोड़ देगी।
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शौक ए शहादत हो तो तोड़ दो गुलामी की ज़ंजीर मौत का खौफ़ हो तो आज़ादी की तमन्ना छोड़ दो। — अरशद मीरखां
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तुम उस मुआशरे के निकम्मे गुलाम हो, जिसका खात्मा तौहीद से किया जाएगा।
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जो जंग जीतने के लिए मासूमों को जिंदा जला सकता है, सोचो ? वह तख्त बचाने के लिए " किस हद तक जा सकता हैं और कितनी लाशें बिछवा सकता है।
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समस्या EVM मशीन की नहीं, बल्कि उस सिस्टम की है जो उन मशीनों का गलत इस्तेमाल करता है। अगर सिर्फ मशीनें बंद करदी जाएं, तो धोखाधड़ी करने वाले दूसरी चालाकियाँ निकाल लेंगे। इसलिए ज़रूरी है कि चोरी करने वालों और भ्रष्टाचार की जड़ को ही खत्म किया जाए। "न रहेगा बांस, न बजेगी बांसुरी"
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तख़्त-ए-शाही को लाशों से सजाने वाले, तुम्हारा महल भी एक दिन खून में डूबेगा। — अरशद मीरखां
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इन्हें मुसलमान मत कहो, ये तो बस लोग हैं — जिन्हें न उम्मत का दर्द है, न मक़सद की खबर।
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तू सौ तूफ़ान उठा ले, महल नहीं डोलेगा, मुर्दों के इस क़ाफ़िले में कोई नहीं बोलेगा। — अरशद मीरखां
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वह तख्त बचाने के लिए किसी भी हद तक जा सकता हैं, जो जंग जीतने के लिए ' लाशें बिछवा सकता हैं। — अरशद मीरखां
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