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डॉ. सिंह ज्योति Profile
डॉ. सिंह ज्योति

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नेट /जे.आर. एफ. किताबों से निकलकर जो दिल में उतर जाए, वही इल्म है जो किरदार में नज़र आए।

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@freesoul1990
डॉ. सिंह ज्योति
1 month
क्रोधित होता पुरुष दरवाज़ा नहीं, अपने भीतर का द्वार पटकता है जहाँ शब्द नहीं पहुँचते, वहाँ वह अपने ही विचारों के शोर में शांति खोजने निकल पड़ता है। वह चाहता है कोई न छुए उसकी चुप्पी को, न कोई बाँटे उसकी अग्नि का ताप; बस एकान्त उसे घेर ले जैसे कोई मौन साधना। पर जब स्त्री
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डॉ. सिंह ज्योति
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हर शब्द कहीं न कहीं कुछ बोलता है वह कभी आग कभी काला धुआँ कभी धुएँ का अहसास होता है आओ, इस शब्द को जलती आग-सा जिएँ --अचल वाजपेयी
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डॉ. सिंह ज्योति
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#नज़दीक यह दूरी का उल्टा नहीं, यह मन की वह दशा है जिसमें कोई हमारे भीतर अपनी उपस्थिति छोड़ जाता है। #नज़दीक वह नहीं जो कदमों से नापा जाए, यह वह है जो भीतर की शांति में अचानक किसी का नाम बनकर गूंज उठे। कभी-कभी #नज़दीकी उपस्थित होने में नहीं, अनुपस्थित होने के बाद भी किसी के बने
@BazmKavyamanch
#बज़्म тмg
1 day
#बज़्म_काव्य_मंच में आज 28/11/2025 का दैनिक विषय - #नज़दीक कवितायें, कहानियाँ, शेर, ग़ज़ल, गीत, नज़्म कुछ भी लिखा जा सकता है ।। #बज़्म 👈 लगाना अनिवार्य है ।।
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डॉ. सिंह ज्योति
1 day
सुमन जी, जब आप लिखते हैं- ‘जब आज मेरे सामने है रास्ता इतना पड़ा, चलना हमारा काम है’ तो लगता है जैसे आप आज भी हमें पुकार रहे हों। आपके शब्द थके पथिक को फिर से उठाते हैं, और मंज़िल तक पहुँचने का संकल्प जगा देते हैं। आपकी पंक्तियों में वह तप है,जो हार को एक ठहराव बनाता है- ‘यह हार
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डॉ. सिंह ज्योति
1 day
हरिवंश राय बच्चन एक नाम नहीं,भावनाओं का वह गहरा महासागर हैं जहाँ हर लहर में जीवन का गीत धड़कता है। उनकी कविता में जैसे एक अदृश्य हाथ होता है जो टूटे मन को सहारा देता है,बुझती उम्मीदों में फिर से लौ जगा देता है। ‘अग्निपथ’ की गर्जना आज भी वही साहस देती है कि चाहे कितनी अग्नि हो,कदम
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डॉ. सिंह ज्योति
1 day
क्या है मेरी बारी में। जिसे सींचना था मधुजल से सींचा खारे पानी से, नहीं उपजता कुछ भी ऐसी विधि से जीवन-क्यारी में। क्या है मेरी बारी में। ---- हरिवंशराय बच्चन
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डॉ. सिंह ज्योति
1 day
यह हार एक विराम है जीवन महासंग्राम है तिल-तिल मिटूँगा पर दया की भीख मैं लूँगा नहीं । वरदान माँगूँगा नहीं ।। स्‍मृति सुखद प्रहरों के लिए अपने खण्डहरों के लिए यह जान लो मैं विश्‍व की सम्पत्ति चाहूँगा नहीं । वरदान माँगूँगा नहीं ।। --'शिवमंगल सिंह सुमन
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डॉ. सिंह ज्योति
1 day
जो बीत गई सो बात गई जीवन में एक सितारा था माना वह बेहद प्यारा था वह डूब गया तो डूब गया अम्बर के आनन को देखो कितने इसके तारे टूटे कितने इसके प्यारे छूटे जो छूट गए फिर कहाँ मिले पर बोलो टूटे तारों पर कब अम्बर शोक मनाता है जो बीत गई सो बात गई ---- हरिवंशराय बच्चन
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डॉ. सिंह ज्योति
1 day
पानी में जो आया है तो गहरे भी उतर जा , दरिया को खंगाले बिना गौहर न मिलेगा। दर-दर यूँ भटकता है अबस जिसके लिए तू, घर में ही उसे ढूंढ वो बाहर न मिलेगा। ----अखिलेश तिवारी
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डॉ. सिंह ज्योति
2 days
परि‍वर्तन की एक नई आधारशि‍ला रखना है। न्‍याय मि‍ले बस इसीलि‍ए आकाश हि‍ला रखना है। द्रवि‍त हृदय में मधुमय इक गु़लजार खि‍ला रखना है। हर दम संकट संघर्षों में हाथ मि‍ला रखना है। ---गोपाल कृष्‍ण भट्ट 'आकुल'
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डॉ. सिंह ज्योति
2 days
न हारा है इश्क और न दुनिया थकी है, दिया जल रहा है हवा चल रही है। चारागो के बदले मकान जल रहे है, नया है ज़माना नई रोशनी है। ----ख़ुमार बाराबंकवी
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डॉ. सिंह ज्योति
2 days
दौड़ में आगे रहना काफ़ी नहीं, मंज़िल अक्सर वही पाता है जो सही वक़्त पर सही जगह खड़ा हो। --- डॉक्टर ज्योति आलोक @KavyaKutir
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डॉ. सिंह ज्योति
2 days
ठहराव भी ज़रूरी है, तभी तो सफ़र का अर्थ मिलता है; लगातार चलने वाला रास्ता भी कभी-कभी रुककर खुद को पढ़ता है। --- डॉक्टर ज्योति आलोक #बज़्म @BazmKavyamanch
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डॉ. सिंह ज्योति
2 days
26 नवंबर हमारे राष्ट्रीय जीवन का एक ऐतिहासिक दिन है।इस दिन भारत के #संविधान को अपनाया गया था। संविधान सिर्फ़ एक कानूनी दस्तावेज़ नहीं, बल्कि स्वतंत्र भारत की आत्मा, आकांक्षाओं और आदर्शों का महान घोषणापत्र है। डॉ. भीमराव अंबेडकर के नेतृत्व में बनी संविधान सभा ने एक ऐसा संविधान
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@freesoul1990
डॉ. सिंह ज्योति
3 days
#निंदा में अहम् की आग होती है, जो रिश्तों की धूल उड़ा देती है, पर #आलोचना सत्य की खोज है, जो मन के आईने को साफ़ कर देती है। -- डॉक्टर ज्योति आलोक
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डॉ. सिंह ज्योति
3 days
#रोशनी वही नहीं जो आँखों को दिखे, असली उजाला तो वह है जो मन के अँधेरों को मिटा दे। --- डॉक्टर ज्योति आलोक
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@freesoul1990
डॉ. सिंह ज्योति
3 days
ऐसा ही होता है । समय में भागता अश्वत्थामा भूल जाएगा कि वह क्यों भागता है, भागना ही बच जाएगा, सब ख़त्म हो जाएगा । ----आस्तीक वाजपेयी
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@KavyaKutir
काव्य कुटीर
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इतिहास में कई बार तानाशाहों का अंत कई बार हो चुका है, लेकिन इससे उन पर कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता क्योंकि उन्हें लगता है कि वे पहली बार तानाशाह हुए हैं। - मंगलेश डबराल🌷
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@freesoul1990
डॉ. सिंह ज्योति
3 days
सोशल मीडिया पर तस्वीरें हटाना हमेशा किसी रिश्ते के टूटने का संकेत नहीं होता। स्मृति हों या पलाश ।दोनों की निजी ज़िंदगी का सम्मान करना चाहिए। बिना किसी आधिकारिक बयान के अटकलें लगाना न तो सही है और न ही उचित। अभी जो खामोशी है, वह केवल इतना बताती है कि वे अपनी बात दुनिया के सामने
@_vatsalasingh
Vatsala Singh
3 days
Smriti Mandhana ने अचानक अपनी प्रोफाइल से शादी की सभी तस्वीरें हटा दीं…और थोड़ी देर बाद लोगों ने देखा कि उनके कई करीबी क्रिकेटर दोस्तों ने भी उन्हीं पोस्ट्स को अपनी-अपनी प्रोफाइल से मिटा दिया। बस फिर क्या था—सोशल मीडिया पर सवालों का तूफान आ गया। कहीं Palash Muchhal और Smriti के
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@Officeofbazm
#बज्म ®️
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बज़्म काव्यमंच — दैनिक प्रतियोगता 🗓️ तारीख़: 25/11/2025 #बज़्म_सम्मान 🌟 @freesoul1990 #Tweet_Of_The_Day 🌹 आपका योगदान दिल से क़ाबिले-तारीफ़ है , आपका बहुत बहुत धन्यवाद।🙏
@freesoul1990
डॉ. सिंह ज्योति
3 days
ज़िंदगी क्या है…? शायद वक़्त की हथेली पर रुक-रुककर फिसलती कोई रौशनी, जो पकड़ में भी आती है और फिर भी मुट्ठी से निकल जाती है। ये कुछ अधूरे ख़्वाबों की गर्म आहें भी है, और कुछ पूरे सपनों की ठंडी तसल्ली भी। कभी सवाल बनकर चुभती है, कभी जवाब बनकर सिरहाने सो जाती है। ज़िंदगी एक सफ़र
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@freesoul1990
डॉ. सिंह ज्योति
3 days
#धर्म-ध्वजा के फहराते ही अयोध्या की धरती जैसे पुकार उठी, और हृदय में एक मधुर, पवित्र स्पंदन सहज ही उमड़ पड़ा। #धर्म_ध्वजा #अयोध्या
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