Chhattisgarh Police
4 years
एक दीवाली ऐसी भी
जाना, फिर जाना,
उस घर पर भी जा कर दिया जला आना,
जिनका सपूत झुका नहीं डरा नहीं, राह से हटा नहीं,
संभावना त्रिकाल तू,तुझको नमन है,
जाना, फिर जाना,
उस घर भी जा कर दिया जला आना,
स्नेह की दो बूँद भी तो तुम गिराओ,
आज फिर से तुम बुझा दीपक जलाओ।