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Ayush Sharma

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Manuvadi

मृत्युलोक
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@ayusharma_bh
Ayush Sharma
1 year
सैकड़ों मन सैकड़ों विचार। आपको किसी विषय पर क्या लगता है, इससे कोई अंतर नहीं पड़ता है। उस विषय को ठोस आधार प्राप्त होना चाहिए तभी वह मान्य है।. ऐसा है, वैसा नहीं है. किसके आधार पर? मन के? आपका मन हम क्यों मानें? शास्त्रों के आधार पर चर्चा हो या भौतिक-जीवादि विज्ञान ही मानें।.
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@ayusharma_bh
Ayush Sharma
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अभिव्यक्ति*.
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@ayusharma_bh
Ayush Sharma
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तर्क किया जाता है कि जिसे जो पहनना खाना है, उसे करने दिया जाए अर्थात अभियक्ति की स्वतंत्रता है। वस्तुतः पूर्वकाल में जो वस्त्र धारण करते थे, वे आज नहीं करते हैं। क्यों?. आपको भ्रम है कि मेरा भोजन वस्त्र आवास मेरे अनुरूप है जबकि वह व्यवस्था के द्वारा आपके मस्तिष्क में डाला गया है।.
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@ayusharma_bh
Ayush Sharma
22 hours
AI के जानकार सज्जन इसके बारे में बतायें। साथ ही इससे समाज और व्यक्तिगत जीवन पर कैसा और कहाँ तक प्रभाव पड़ेगा, इस विषय पर भी प्रकाश डालें।.
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Ayush Sharma
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@ayusharma_bh
Ayush Sharma
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@ayusharma_bh
Ayush Sharma
2 days
यह भारत के दस मुख्य अपराध और उनके प्रतिशत की सूची है।. उल्लिखित सभी अपराध जीविका सुरक्षित नहीं होने, अनियंत्रित संग्रह वैध्य होने, मद्यपान को बढ़ावा देने, समय से विवाह नहीं होने के फलस्वरूप जन्में हैं।
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@ayusharma_bh
Ayush Sharma
2 days
बड़े-से-बड़ा नास्तिक भगवान राम-कृष्ण आदि को myth कह सकता है परंतु वह कभी स्वयं को मिथ्या नहीं मानता है। मैं के होने का प्रमाण क्या है?.
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@ayusharma_bh
Ayush Sharma
3 days
एक दिल, दिल के टुकड़े हुए हजार, एक इधर गिरा एक उधर गिरा।. आज अधिकांश गीत इसी के आधार पर बनाए जाते हैं। इस समाज में सम्बन्धविच्छेद की बाढ़ उमड़ रही है। जिन्होंने अपना दिल टूटा मान लिया, उनसे कैसे जुड़े हुए स्वस्थ समाज निर्माण की अपेक्षा रख सकते हैं? दुखिया कैसे सुख फैला सकता है?.
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@ayusharma_bh
Ayush Sharma
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@ayusharma_bh
Ayush Sharma
4 days
अब प्रेमानंद जी महाराज को घेरा जा रहा है। विचित्र दशा है कि समाज की यथास्थिति कहना पर विरोध हो रहा है। आज भी भारत की वृद्ध माताएँ यही कहेंगी जो दोनों ने कहा है।.
@ndtvindia
NDTV India
4 days
अनिरुद्धाचार्य के बाद लड़कियों के चरित्र पर ये क्या बोल गए प्रेमानंद महाराज . #Premanand | #Aniruddhacharya
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@ayusharma_bh
Ayush Sharma
4 days
केवल वेदज्ञ ब्रह्मनिष्ट मनीषी ही सुसंगत अपवर्ग के मार्ग पर प्रशस्त करने वाली लेखनी प्रकट कर सकते हैं। आज हर कोई लेखक हो जाता है, इसी के कारण विसंगति व्याप्त है इसलिए तत्वज्ञ अथवा भगवद्परायण शास्त्रज्ञ ब्राह्मण को ही लेखक होना चाहिए।.
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@ayusharma_bh
Ayush Sharma
4 days
इतिहास में रावण को महान पाप करने वाला तथा शत्रु बताया गया परंतु साथ ही बताया कि वह विष्णुजी का प्रिय द्वारपाल था। इस कारण जनमानस में उसके प्रति कोरा वैमनस्य नहीं रहा।. जो लेखनी आपके मन में राग द्वेष लोभ भय कोरीभावुकता अविवेक उत्पन्न कर दे, उसे पढ़ने से उत्कर्ष कैसे हो सकता है?.
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@ayusharma_bh
Ayush Sharma
4 days
राजपूत, मराठा, मुगल आदि किसी के भी राज को लेकर लिखी गई history सदैव विवादास्पद ही रहेगी। यहाँ तक कि कोई biography भी सदैव विवादास्पद रहेगी।. इसलिए ब्रह्मवेत्ता ऋषि व्यासजी आदि ने कभी history नहीं लिखी। दार्शनिकपक्ष विहीन घटना का उल्लेख किस काम का? इतिहास का वास्तविक अर्थ जानें।.
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@ayusharma_bh
Ayush Sharma
4 days
ईश्वर, इन्द्र, यमराज, चित्रगुप्त, दिग्पाल, कुलदेवी आदि का अपने जीवन पर प्रभाव को समझें और तदनुकुल व्यवहार करें।. इन सभी को नहीं मानेंगे तब अच्छे-बुरे राजाओं का शासन होना स्वाभाविक है।.
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@ayusharma_bh
Ayush Sharma
4 days
शास्त्र के अनुपालन का क्या अर्थ है?. पुण्य की प्राप्ति और पाप के भय से प्रमादरहित होकर अपना कर्म करें, नारकीय यातना के भय से अधर्म ना करें, कंठ से गाली बोलकर सरस्वती जी का अपमान ना करें। सतयुग में इसी दृढ़ मान्यता के कारण कोई शासक (राजा) नहीं होता है।.
@ayusharma_bh
Ayush Sharma
4 days
कोई भी शासन या शासक आए, प्रजा कुछ ही समय में उससे ऊब जाती है इसलिए शास्त्र का अनुपालन आवश्यक है।. किसी शासन या शासक की नहीं अपितु शास्त्र की प्रधानता हो। जब जनमानस शास्त्र का अनुपालन नहीं करते हैं तब शासक का उदय होता है।.
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@ayusharma_bh
Ayush Sharma
4 days
कोई भी शासन या शासक आए, प्रजा कुछ ही समय में उससे ऊब जाती है इसलिए शास्त्र का अनुपालन आवश्यक है।. किसी शासन या शासक की नहीं अपितु शास्त्र की प्रधानता हो। जब जनमानस शास्त्र का अनुपालन नहीं करते हैं तब शासक का उदय होता है।.
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@ayusharma_bh
Ayush Sharma
4 days
इसलिए पूज्यपाद कहते हैं। पुनः श्रवण करें।.
@ShivamKeshavam
Shivam Keshavam(ଶୀବମ୍/शिवम्)
3 years
हिन्दू अभी बहुत कष्ट पाएगा, इसको सब रौंधेंगे। सभी अवश्य सुनें। .Follow @govardhanmath and it's YouTube channel. 🙏🙇🚩
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@ayusharma_bh
Ayush Sharma
4 days
इनसे अधिक साहस रुचिका शर्मा के पास है। वह शिक्षण संस्थान में अध्यापिका के रूप में नौकरी करती हैं फिर भी सरकार की शक्ति, जन सामान्य की भावना जानते हुए भी अपना धाराविरुद्ध मत रखने से पीछे नहीं हटती हैं।. नौकरी जाएगी, ग्राहक नहीं मिलेंगे, चंदा नहीं आएगा. कोई भय नहीं!.
@ayusharma_bh
Ayush Sharma
4 days
जिसमें त्याग का बल होगा, वह राज करेगा। वीर भोग्या वसुंधरा।. अनिरुद्धाचार्य जी को भय है कि कहीं कथा मिलना बन्द ना हो जाए, कहीं विरोध प्रदर्शन होने से आश्रम में जन आगमन बन्द ना हो जाए, कहीं दान में कमी ना आ जाए।. यही कारण है कि अपने सत्योचित मत पर अडिग नहीं रह पाए।.
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