घर से निकलते ही.... कुछ दूर चलते ही....
Note – शादीशुदा लोग हम जैसे सिंगल लड़कों की तरह पोस्ट करने से बचें। वरना घर जाने से पहले दर्द की दवा और चोट पर लगाने वाली कोई अच्छी दवा ख़रीद लें।
Post पर थोड़ा सा हँसना मना है।😂
The art The Artist
Ye itna viral ho jayega nhin socha tha. 😅
vaise hmare bich understanding acchhi hai, kisi baat par koi vivad nhi hota. hum ek dusre ko behtar samajhte hain.❤️
मुझे तेज प्रताप जी बढ़िया नेता लगते हैं। हमेशा इनोवेशन का काम करते हैं। अब DSS बनाने का काम किया है। आप लोग भी पहले परिभाषा सुनने का काम कीजिए उसके बाद शामिल होने का काम करना है। 😀
अगर आपको खाने को मिल रहा। सोने को मिल रहा। कपड़े खरीदने के लिए खर्च भी मिल रहा तो संघर्ष कहां है?
संघर्ष यहां देखिए। रोटी के लिए सिर पर पैर रखा जा रहा।
एक नियम बनना चाहिए। जो जिस पार्टी से चुनाव जीते उसे अगले चुनाव तक उसी पार्टी में रहना होगा। अगर वह पार्टी बदलता है तो उसकी सदस्यता रद्द हो। वहां दोबारा चुनाव हो।
बाबा साहेब ने संविधान लिखकर इस देश की व्यवस्था को बराबर कर दिया। संविधान नहीं था तो जिसके पिता मैला साफ करते थे, उसका बेटा भी यही करता। उन्होंने संविधान बनाया, सबको पढ़ने का अवसर दिया। यही कारण है कि आज मैला साफ करने वाले का बेटा डीएम-एसडीएम भी बन रहा है।
विनम्र श्रद्धांजलि।
भांजे-भांजी इतने बड़े हो गए हैं कि इनके सामने खुद बच्ची बन जाना होता है। इनके मुंह से मामी-मामी सुनकर लगता है कि अलग ही गोला में आ गए।😀
एक हमारे परमेश्वर
@askrajeshsahu
हैं, परिवार में शादी है और उन्हें ड्यूटी से ही फुर्सत नहीं। 😀
प्रेम चुनते वक्त सिर्फ़ दिल की नहीं सुनी जाती। दिमाग का प्रयोग जरूरी होता है। इस बात का भी ध्यान रखना होता है कि प्रेम चुनते वक्त कहीं परिवार तो नहीं छूट रहा!
भागकर कभी शादी मत कीजिए। मैंने 1-2 केस देखे हैं। उनके बीच अब प्रेम है या नहीं, ये नहीं पता लेकिन पछतावा और दुख अपार है।
राजनीति का स्तर कई बार बहुत ख़राब दिखता है।
लालू जी की बेटी ने अपने पिता को किडनी दी।
अब ये कोई नेता हैं कह रहे कि किडनी लेकर टिकट दिया।
ये गलत बात है।
प्रतियोगी परीक्षा को लेकर सरकार को ज्यादा चौकन्ना रहने की जरूरत है। पेपर ली��� होने से अयोग्य सिस्टम में आते हैं, फर्जी काम करते हैं।
पेपर लीक का मामला गंभीर है, जल्दी जांच करके छात्रों के पक्ष में फैसला लेना चाहिए।
#UPP_Paper_reexam
कभी-कभी सफर में इतने प्यारे लोग मिल जाते हैं कि दिन बन जाता है। ❤️
नीरज जी उन्हीं में से एक हैं। नाम पूछा और पूछा कि झोले में क्या ले जा रही हैं। बस फिर क्या हंस पड़ीं। 😀
वीडियो बिजनौर जिले की नगीना सीट के एक गांव का है।
हमें अब तक सिर्फ आश्वासन ही मिल रहे हैं। इतना तो 2014 में मोदी जी ने नहीं किया था।
अभी स्क्रीनशॉट रख लेती हूं, चुनाव के बाद सबकुछ याद करवाया जाएगा, आप भूलते बहुत जल्दी हैं।
आगरा शानदार शहर है। साफ-सुथरा। चौड़ी सड़कें। चारों तरफ हरियाली। अंडरग्राउंड बिजली के तार। चौराहों पर भव्य मूर्तियां। एक स्मार्ट सिटी को यही सब तो चाहिए।
बाकी हमने चुनावी यात्रा के बीच ताज का दीदार कर लिया।
@askshivanisahu
जी देखिए बगल में आपके लिए जगह छोड़ रखी है। 😀
हमारे पड़ोसी जिले कौशांबी की जनता बड़ी हिम्मती हो गई है जी, अपने ही सांसद से कह रही कि 5 साल तो दिखे नहीं।
बताइए, भरी बाजार जलील करने की क्या जरूरत थी। 😂
हमारी शादी में भी कोई एक ऐसे ही आए थे पैसा लुटाने।
@askrajeshsahu
जी ने उन्हें मना कर दिया।
हमने बाद में उनसे पूछा कि पैसा लुटाने से रोका क्यों? राजेश जी ने कहा- पैसा लुटाने की चीज नहीं है।
अब जब भी ऐसा देखती हूं तो ये खराब लगता है।
ऐसे सुसाइड नोट्स मन को तोड़ देते हैं। यहां सिर्फ बच्चा गलत नहीं होता, वह मां-बाप भी गलत होते हैं जो बच्चों की रुचि को बिना समझें उसपर प्रेशर डाल देते हैं।
चुनौतियों और मुसीबतों का सामना उसी तरह शांत,स्थिर और बेहतरीन तरीके से करना जैसे शोएब अख्तर की 150 किमी रफ्तार वाली गेंद को राहुल द्रविड़ डिफेंस करते थे।
एक महीने में दो बहुचर्चित परीक्षाएं हुई। दोनों में 60 लाख से ज्यादा लड़के शामिल हुए। दोनों नकल माफियाओं के चलते रद्द करनी पड़ी।
युवाओं का हजारों नुकसान, सरकार का करोड़ों का नुकसान। इज्जत अलग से गई।
पिछले 7 सालों में 10 से ज्यादा परीक्षाएं रद्द हुई। यह दुखद है।
अनमोल को कहा था कि अगर इन गोट्टियों को तुम कैच कर लोगी तो तुम जो कहोगी वो खिलाया जाएगा। दूसरे प्रयास में अनमोल कामयाब हो गई। इसके बदले बच्ची की मांग थी कि चाय पिलाई जाए।
कितने प्यारे बच्चे हैं यार। ये सड़क पर भीख मांग रहे। सिस्टम और सरकार कहीं तो जिम्मेदारी ले ले। सुधार दे इनका
यूपी के बहुत सारे गांव में सरकारी शौचालय की यही स्थिति है। सरकारी पैसा मिला तो दीवार खड़ी की और गेट लगाकर फोटो खिंचा दिया। बन गया ODF गांव।
सरकार को 12 के बजाय 20 हजार देना चाहिए। प्रधान जी को लैट्रीन का पैसा नहीं खाना चाहिए। लोगो को कुछ पैसा अपने से लगाकर अच्छा बनवा लेना चाहिए।
मजदूर दिवस के दिन मजदूरों की मौत। कारण भी वह जो पूरी व्यवस्था पर कलंक है।
देश चांद पर पहुंचे या मंगल पर, कम से कम मजदूरों के लिए वह व्यवस्था तो बना दीजिए कि किसी को सीवर में न मरना पड़े।
Bhabhi aapne khana kha liya?
Devar ji, ye vala massege na bhejiye, aapke bhaiya
@askrajeshsahu
ji hmara khyal rakhte Hain.
Bura nhin manna hai devar ji. 😃
देश की इकोनॉमी 10 ट्रिलियन क���नी है लेकिन कर्मचारी 10 हजार वाले चाहिए। वह भी ऐसे जिनसे 4 साल काम करवाकर उन्हें बेसहारा छोड़ दिया जाए। यह पूरी तरह से गलत है।
यह एक तरह से अन्याय है। सरकार से उम्मीद की जाती है कि शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे विभाग पर वह ख़ुद ध्यान दें। अगर यह निजी हाथों में जाएगा तो गरीबों से दूर होता चला जाएगा।