Ali Tweets
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India
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हँसते हुए चेहरों से है बाज़ार की ज़ीनत रोने की यहाँ वैसे भी फ़ुर्सत नहीं मिलती। — निदा फ़ाज़ली 🌟
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तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो क्या ग़म है जिस को छुपा रहे हो आँखों में नमी हँसी लबों पर क्या हाल है क्या दिखा रहे हो बन जाएँगे ज़हर पीते पीते ये अश्क जो पीते जा रहे हो जिन ज़ख़्मों को वक़्त भर चला है तुम क्यूँ उन्हें छेड़े जा रहे हो रेखाओं का खेल है मुक़द्दर रेखाओं से
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हँसते हुए चेहरों से है बाज़ार की ज़ीनत रोने की यहाँ वैसे भी फ़ुर्सत नहीं मिलती। — निदा फ़ाज़ली 🌟
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तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो क्या ग़म है जिस को छुपा रहे हो आँखों में नमी हँसी लबों पर क्या हाल है क्या दिखा रहे हो बन जाएँगे ज़हर पीते पीते ये अश्क जो पीते जा रहे हो जिन ज़ख़्मों को वक़्त भर चला है तुम क्यूँ उन्हें छेड़े जा रहे हो रेखाओं का खेल है मुक़द्दर रेखाओं से
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देख भाई! हम दिन में तुमलोगों के मदद के लिए नहीं पहुंच सकते हैं क्योंकि 🤣 👇
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उम्मीद मत छोड़ना कभी, उतार चढ़ाव तों ज़िन्दगी में आते जाते रहते हैं।
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ऐ आवारा यादो फिर ये फ़ुर्सत के लम्हात कहाँ, हम ने तो सहरा में बसर की तुम ने गुज़ारी रात कहाँ। — राही मासूम रज़ा 🌆
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उम्मीद मत छोड़ना कभी, उतार चढ़ाव तों ज़िन्दगी में आते जाते रहते हैं।
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