मुझे तुमसे, मुहब्बत है,,,,
ये, कहना चाहती हूँ, पर,,
अगर कह दूँ,, तो शायद तुम..l
मुझे उतना "न"चाहोगे,,
न, ख़्वाबो में सजाओगे,,
न, सपनों में बुलाओगे...,
तभी तो हम भी,
चुप हैँ, तुम से कहने को
ये राजे-ए -दिल
जताओगे ना जब तक तुम
बताएंगे ना तब तक हम...!
🐠🐦🦋शुभरात्रि 🦋🐦🐠
उठो लाल अब आँखें खोलो
पानी लायी हूँ मुंह धो लो
बीती रात कमल दल फूले
उसके ऊपर भँवरे झूले
चिड़िया चहक उठी पेड़ों पे
बहने लगी हवा अति सुंदर
नभ में प्यारी लाली छाई
धरती ने प्यारी छवि पाई
भोर हुई सूरज उग आया
जल में पड़ी सुनहरी छाया
नन्ही नन्ही किरणें आई
फूल खिले कलियाँ मुस्काई
🌄🙏
जरा सा दिल की,
क्या बोले,
तुम्हारी आँख भर आईं
अगर दिल खोल देंगे हम
तो दरिया, मत बहा देना,,,
अभी तो दास्तान- ए -दर्द के पन्ने हजारों हैँ ,
अभी से बोलते हो रहने दो मैं सुन न पाऊंगा,,
मुझे गम मेरा प्यारा है
मुझे तुम गम में रहने दो
मुझे मालूम है गम देने वाला कौन था मेरा.!
🌃🙏
Goodnigth sunday♥️
देख कर मेरी ये निगाँहे कातिल,,,
Aaaaah निकले, तो दिल जोर से दबा लेना,
हर तरफ चर्चे हैँ, मेरी शराफत के,,
तुम मोहल्ले में अफवाह ना उड़ा देना,,,,
#पगली
शुभरात्रि 🙏
हमें शांति के लिए उतनी ही बहादुरी से लड़ना चाहिए, जितना हम युद्ध में लड़ते हैं। मैं किसी दूसरे को सलाह दूं और उसे मैं खुद पर अमल ना करूं तो मैं असहज महसूस करता हूं। देश की ताकत और मजबूती के लिए सबसे जरूरी काम है लोगों में एकता स्थापित करना।
- लाल बहादुर शास्त्री
गुजर रहीँ थी, आज उस तरफ
जहां लिखा था मधुशाला,,
इस बैरन, पापिन, सौतन ने
घर घर में डांका डाला..
कँगन लुटे, पायल लूटी
घर तो चौपट कर डाला,,
बच्चों के भविष्य को लूटा,
लूटा मेरा घर वाला..
लूटने को सिंदूर देख लो
मचल रही है मधुशाला...!
शुभरात्रि 🙏जरा सोचो मैं गलत नहीं
#sorry
मन मे सहसा, उठी हूक,
हृदय गदगद करती...
हाय,,
भला गलती क्या थी, अनुसुइया दुर्बल की,
गौतम का गर रूप शचीपति ना धरते,
कैसे पतिव्रत भंग भला वज्री करते,
थी क्या इतनी ताप भला मघवा मुख मंडल में,
हिल जाता नारित्व, किये बिना छल के,,
-रूबी मिश्रा
शुभरात्रि 🙏
लो तुम ने आज फिर,,,
मेरा दुखाया दिल,,
मुझे क्या,, हम तो रो लेंगे.,,
मगर इतना यकीँ रखना...,
तुम्हारे बाद मेरा कुछ नहीं...
सदियां गुजारूँ गी तुम्हारी याद में
रहोगे तुम हमेशा मेरी सांस में,,
तुम्ही को ख्वाबों में लाके,,
हजारों रात यूं ही सो लेंगे...,!
शुभरात्रि 🪷🙏
हिंदी की अलख जगाने को,
भटकोँ को राह पे लाने को,
बीती गुत्थी सुलझाने को ,,
चाणक्य नीति समझाने को
चेतक की गति, राणा की क्षमता,
से तुमको
अवगत करवाने को,,
अर्जुन के गांडीव,,,
और...
कारमुख की क्षमता समझाने को
मैं तत्पर हूं,,
गर तुम छोड़ो..
A b c d e f g h
शुभरात्रि 🙏
मोहब्बत आज मैं शायद,
खत्म करती तो तुमसे भी.,
मगर तुमने दिया ना धोखा
मुझको उस कदर यारों,.
तड़पता छोड़ कर मुझको,
चला वो इस कदर देखो.,
कि मानो,..
मैंने उसको लूटा हो
अक्सर सफर में ही,,,,!
शुभरात्रि 🙏
चलो, इक बार फिर,
हम तुम अलग हो जाएँ,,,
अगर, तुम रह लो तो.,
ये ना समझो मुझे चाहत है,
तुम से बिछड़ने की,
जो तुम कहते हो,
वो शह लो तो,
मेरी कोई नहीं ख्वाहिश,
तुम्हारी खुशियों से ज्यादा.,
मुझे गम में अकेला छोड़ के,
खुश रह लो तो,,
चलो हम तुम अलग हो जाएं.!
शुभरात्रि 🙏🪷
ते पितु मातु कहहु सखि कैसे।
जिन्ह पठए बन बालक ऐसे॥
राम लखन सिय रूपु निहारी।
होहिं सनेह बिकल नर नारी॥
पथिक अनेक मिलहिं मग जाता।
कहहिं सप्रेम देखि दोउ भ्राता॥
राज लखन सब अंग तुम्हारें।
देखि सोचु अति हृदय हमारें॥
जय श्रीराम 🚩
शुभप्रभात 🙏
मुझे मालूम है,,,,
आओगे ना तुम मेरे अहाते में.....,
यहां कोई नाचने वाली नही,,,,
इज्जत की बस्ती है..,
बड़े बेखौफ से रहते हैं,
हम छोटी दीवारों में....,
मेरा ईमान अच्छा है
सभी इंसान अच्छे हैं..!
🦌शुभरात्रि 🦌
🐠🐦🦋 🙏 🦋🐦🐠
सूर्य के प्रकाश को पछाड़ दे
हास्य से,विनोद को प्रसार दे
गर करे वो व्यंग लगे शूल सा
प्रेम पथ चले तो लगे फूल सा
बिरहा मैं बने तो अश्रु पाहनों
वीर हो तो मात्र एक तीर में
स्वर्ग से महेंद्र को उतार दे
कल्पना भी कल्पना न कर सके
इस तरह वो कल्पना को हार दे,
-रूबी मिश्रा
शुभसंध्या 🙏
गुजर रहीँ थी, आज उस तरफ
जहां लिखा था मधुशाला,,
इस बैरन, पापिन, सौतन ने
घर घर में डांका डाला..
कँगन लुटे, पायल लूटी
घर तो चौपट कर डाला,,
बच्चों के भविष्य को लूटा,
लूटा मेरा घर वाला..
लूटने को सिंदूर देख लो
मचल रही है मधुशाला...!
🦋शुभरात्रि🦋
कच्ची-पक्की जस मिलि जाई
हियनै रहिकै खइबा
हम ना सहरै जइबा।
जो-जो सहरै गवा सो वापिस
लउटि न घर का आवा
हुवैंके हुइके रहिगे सबियों
का लरिकवा-बिट्यावा
जहाँ न जंगल अउरु चिरइया
हम कै दिन रहि पइबा।
- भारतेंदु मिश्र
सब जनन को
🙏🙏🙏🙏
को तुम्ह स्यामल गौर सरीरा।
छत्री रूप फिरहु बन बीरा ॥
कठिन भूमि कोमल पद गामी।
कवन हेतु बिचरहु बन स्वामी॥
मृदुल मनोहर सुंदर गाता।
सहत दुसह बन आतप बाता ॥
की तुम्ह तीनि देव महँ कोऊ।
नर नारायन की तुम्ह दोऊ॥
जयश्री राम 🚩🚩
शुभप्रभात 🙏🙏
मुझे अफसोस है,,,,,,
तुमसे कुछ दिन बिछड़ने का.,
मगर मैं क्या करूं परिवार तुम,
परिवार ये भी है,
भरी मुट्ठी है, सरसों से दबाने से सरकती है,
जो ढीला कर दिया तो बिखर जाएंगे सभी रिश्ते,
न कम समझो निभाना
जिंदगी में जिम्मेदारी को..!
शुभसंध्या 🙏
सखी वो "शब्द" न बोलो,,
जहिते अमृत बिष बन जाये..
जरे गात, हिय डोलो..
सखी वो "शब्द" न बोलो,,
"शब्द "प्रेम रस भरे मधुर,
जेहि सुनि जिय हर्षाये,
अइसे "शब्द" कहो मेरी प्यारी
मन आंनद अघाये,
"शब्द" कहे रानी द्रोपदि ने
भाई से भाई भिराए,,
"शब्द" कहे जानकी लखन सोँ
बादि म जनि पछिताये,
पद कमल धोइ चढ़ाइ नाव
न नाथ उतराई चहौं।
मोहि राम राउरि आन दसरथसपथ
सब साची कहौं॥
बरु तीर मारहुँ लखनु पै
जब लगि न पाय पखारिहौं।
तब लगि न तुलसीदास नाथ
कृपाल पारु उतारिहौं
सुनि केवट के बैन प्रेम लपेटे अटपटे।
बिहसे करुनाऐन चितइ जानकी लखन तन||
जय श्री राम 🚩
सुप्रभात 🙏🙏
शब्दों में बात समझने,,
की हुआ करती है
आंखों में बात.,
उलझने की हुआ करती है---
और बात जो मन की है.....
वो होती ही नहीं...,,,,,,,
वह तो सिर्फ मन में.,
समझने की हुआ करती है...!
🦋🐦🐠शुभरात्रि 🐠🐦🦋
🐠🙏🐠
लाज शरम इक क्षण को सखी मैं ना छोडूंगी
घूँघट मैं ना ओड़ूगी,,,
हाँ मैं देखूंगी नीला सा अंबर चाँद सलौना
मर्यादाओं के पथ से पग एक हिलेना
ना उतरन दूंगी सर से चुनरिया
ना झुकने दूँ बाबा तोरी पगड़िया
सावन की पहली बौछार को मैं छोडूंगी..
घूँघट मैं ना ओड़ूगी,,,
-रूबी मिश्रा
शुभरात्रि 🙏
इश्क का बुखार भी
उतर जाएगा तुम्हारा,,
चांद तारों की खैर
बात ही छोड़ो,
जब आएगा परिवार
का बोझ कंधे पर,,
सावन में हरी चूड़ी
और करवा चौथ पर
एक साड़ी ला देना,,,,,!
जय माँ 🚩
शुभसंध्या 🪷
जो तुम को है पसंद,
वो बात कह न पाऊँगी,,
हाँ मगर तुम्हारे चेहरे की
ख़ामोशी भी सह न पाऊँगी
क्यों तुम चाहते हो सुनना,
अपने मन की बात,,
मैं बिना अपने मन की कहे,
रह न पाऊँगी!
शुभसंध्या 🙏
कहीं, दिल लग गया,तो
लगा दिल, अलगा न पाओगे,
अभी आजाद फिरते हो,
चुंगते हो दाने,बिखरे छतों पे..,
कैद हो जाओगे भंवरे की तरह कमल में
मटरगस्ती निकल जायेगी सारी,
सारी सारी रात फिर मुस्करा न पाओगे,
ख्वाब भी उसके और ख्वाबों में वही होगी,
ये जिंदगी फिर दोहराना पाओगे
शुभसंध्या
-रूबी
निगाहों से पिलाते थे, गम ए उल्फत के मौसम में
न वादों की कमी महसूस होने दी न प्यालो की,
मोहब्बत की महक आती है तन्हाई के लम्हों से,
मेरे तकिया में खुशबू रह गई है उनके बालों की
🌹🦋शुभरात्रि 🦋🌹
लिखूं तो लिखूं क्या लिखा कुछ ना जाये ,,
लिखूं प्यार तो बेवफा शब्द आये.,
तेरी बेवफ़ाई मेरी जान लेगी....
मगर बेवफा तुझको कह भी ना पाये 🦋
मुझे शर्म आती है तेरी कहानी,,
सुनाते हुए चंद लोगों को अब तो..,
मगर दिल तो दिल है ये सुनता कहां है
गमे दास्तां हम भी कब तक छुपायेँ 🐠
🐦
देखूँ पिय की ओर,
आश की डोर लगाये,,
पिय पिय रटूं शब्द"कुछ और न मुँह मे आयें,,
"शब्द" बड़े निर्भीक अगर मैं मुँह खोलूँ गी,
शब्दों" से ही आप को निज वश मे कर लूँगी..
शब्दों के ही जाल बिछा, शब्दों के शर से..
शब्दों" से आकर्षित कर, शब्दों "के डर से,,
बचपन छूटा,,
सखियाँ छूटी.,
छूटे खेल, खिलौने
बाबुल तेरा आँगन छूटा,
छूटा माँ का दामन.,
गलियाँ छूटी, रंगरलियां छूटी,
सावन का झूला भी छूटा,
मिट्टी का चूल्हा भी छूटा,
गुड़िया का दूल्हा भी छूटा,
बुढ़िया के बाल,बाल भोग, मेले की टिक्की
कब की छूटी,इन हांथो
से घूमने वाली फिरकी 😔
🌃🙏
तलाशो गे मेरे जैसा,,
तो तुमको मिल न पाए गा.,
मुझे मत ढूंढो इन गुमनाम गलियों में
मेरे हमदम,,,
हमें जो चाहते हो, तो ठिकाने पे मेरे आओ,
मगर मत पूंछो, हम रहते कहाँ हैँ,,,
तंग गलियों में.!
Plz फॉलो
@kirti_012
,
@arunesamisra1
💯%फ़ॉलोबैक with love 😍
जय हो 🚩
लक्ष्मी,सावित्रीबाई,भीकाजी
पद्मिनी कहां से लाओगे ?
अब भी जागो, सुर में रागो,
भारत मां की संतानों!
बिन बेटी के, बेटे वालों,
किससे ब्याह रचाओगे?
बहन न होगी, तिलक न होगा,
किसके वीर कहलाओगे?
सिर आंचल की छांह न होगी,
मां का दूध लजाओगे।
🪷बेटी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं🪷
💐♥️💐
रोज उगता है सूरज,,
ढल जाता है......
शाम के रंग से,,
मेरा दिल मचाल जाता है..
रोज ख्वाबों में
परियों के शहर में जाना,
चाँद को छूना
तारों को कतार में लाना,
बिना पंखो के
आसमां घूम के चले आना
माँ की आहट से
सुबह ख्वाब का फिर धूल जाता है,,,,,,!
शुभसंध्या 🙏
दर्द पलता रहा चोट खाते रहे,
पर अधर ये मेरे मुस्कराते रहे।
मेरी कोशिश अंधेरों से लड़ने की थी,
स्नेह भरकर दिये में जलाते रहे।
पाँव घायल हमारे हुए भी तो क्या,
सारा जीवन उन्हें हम छिपाते रहे।
दर्द की हिमशिलाएँ पिघलती नहीं,
हम स्वयं को शिला सी बनाते रहे।
शुभसंध्या 🙏
पास हमारे आकर तुम,,
बेगाना से क्यूँ हो
चाहो तो हम फिर.,
कुछ दूरी पर छोड़ आएँ तुम्हें,
ख़ुद को पाने की तलब में,
आरज़ू उस की भी थी
मैं जो मिल जाता तो.,
उस में आबरू उस की भी थी.!
🐠🦋🐦🦋🐠
🐠🦌🐠
🫒🐦🫒
🦋🙏🦋
शुभरात्रि
जिस्म से जिस्म का मिल जाना इश्क नहीं होता,
हर किसी को देख के बहेक जाना
इश्क नहीं होता,
दिल के मसले को तुम खुद ना संभाल सके,,
हुस्न की आग में इसका पिघल जाना इश्क नहीं होता.......!
🙏
रोज उगता है सूरज,,
ढल जाता है......
शाम के रंग से,,
मेरा दिल मचाल जाता है..
रोज ख्वाबों में
परियों के शहर में जाना,
चाँद को छूना
तारों को कतार में लाना,
बिना पंखो के
आसमां घूम के चले आना
माँ की आहट से
सुबह ख्वाब का फिर धूल जाता है,,,,,,!
-रूबी मिश्रा
शुभरात्रि
लगा के आग सीने में,,,
तड़पता छोड़ ने वाले.,
तुम्हे मिल जाये जब आ राम..,
तो इतना बता देना,,
मेरी बर्बादी से तुमको सुकूँ,
मिलती है,तो,ख़ुश हूँ..,
नहीं तो,,, आ भि जाओ.,
मैं तुम्हारे बिन अधूरी हूँ....!
शुभरात्रि 🙏🌾
#पगली
सर्वज्ञे सर्ववरदे सर्वदुष्टभयंकरि।
सर्वदुःखहरे देवि महालक्ष्मि नमोऽस्तुते॥
सब जानने वाली, सारे वर देने वाली,
सब दुष्टों को भयभीत कर देने वाली,
सब दुःखों को हरने वाली देवी महालक्ष्मी,
तुम्हे नमन है।
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं!
जय श्री राम🚩
जय महालक्ष्मी🚩
🎇🎆
कुलवंति निकारहिं नारि सती।
गृह आनहिं चेरि निबेरि गती॥
सुत मानहिं मातु पिता तब लौं।
अबलानन दीख नहीं जब लौं॥
ससुरारि पिआरि लगी जब तें।
रिपुरूप कुटुंब भए तब तें॥
नृप पाप परायन धर्म नहीं।
करि दंड बिडंब प्रजा नितहीं॥
जय श्री राम 🚩
सुप्रभात🚩
मैं तो गिरधर के घर जाँऊ,
गिरधर मोरे सांचे प्रीतम,,,
उन सँग प्रीत निभाऊं..,
जिनके पिया परदेस बसाये,
राह तकत नैना थक जाँये,,
मोरे पिया मोरे मन में बसत हैँ..
नित नित दरसन पाऊँ..,
जय श्री राम 🚩
शुभसंध्या 🙏
जब भी कान पे ,,
मक्खियाँ भिंनभिनाती हैँ...
मुझे वो कच्ची कोठरी याद आती है..
माँ का हांथो से सर सहलाना
जेठ की गरम दुपहरी में भी
चैन से सो जाना,
झींगुरों की झनझनाहट स्वर
में भी सकून पाना,
भंवरे की याद,,
दिल को गुदगुदाती आती है,
जब भी कान पे...!
-रूबी मिश्रा
शुभरात्री 🙏
हे सर्वशक्ति मैया मेरी,
मुझ पर भी, इक उपकार करो,
मेरे दोषों को क्षमा करो,
और दुखों से बेड़ा पार करो,,,,,!
मैं इस दुनिया से दूर बहुत
तेरे चरणों में रहना चाहूं
मां दयानिधी जग जननी कोई
ऐसा मुझ पर उपकार करो........!
प्रार्थी-रूबी मिश्रा 🙏
शुभसंध्या 🪷
जलन,सीने की तो साहब,
जलाती है मुझे हरदम,,
मुझे तो दीप सा जलना,
पतंगे सा नहीं जलना.,
मैं तेरी चाह की खातिर,
बनूंगी स्वाति की बूंदे
तुम्हें भी सीप के जैसा
मेरे खातिर तड़पना है,
अगर हम तुम मिले तो
बन ही जाएंगे कभी हीरा,
जलेंगे जिसको जलना है
जलेंगे हमको क्या करना.,!
बनाया मैंने था.
जिसको ,,
उसी ने इस कदर.
तोड़ा,,
जहां का ख्वाब ना देखा,
मुझे उस मोड़ पर छोड़ा,,
कर्म कोई रहा बाकी, जो मेरे साथ ना करता,,
जरा सी नींद क्या आई,तमाशा कर दिया मेरा,
कभी जो जान कहता था
अभी वो जान ले ले तो,
बड़ा क्या,,
उसकी ये, फितरत पुरानी है...!)
सच तो ये है, कि अभी सम्भल भी न पाई थी...
तुमने फिर से उन्ही नजरों से मुझे देखा है..,
जिसमें बह के, मिटा आई हूँ अपनी हस्ती..,,,
तौबा, तौबा मुझे उस दरिया से डर लगता है...!
🦋🐠शुभरात्रि 🐠🦋
🌹🙏🌹
मुझे मालूम है,नजरअंदाज करते हो.,
अंदाज बदल गया, अब वो बात कहां..,
तड़पते थे, कभी रात दिन मेरी खातिर.,
हम,,,, जरा सी धूप में क्या निकले,
तुम तो,, श्याम हो गये.....)
शुभरात्रि 🙏
तसल्ली मिल गई तुमको,
मुझे इस हाल में लाकर..,
बड़ी ही शान, से तुमने मेरे दिल को मरोड़ा है,,
नजर रुख से हटाई क्या,
कि सौदा कर दिया तुमने..
मेरा दिल तोड़ कर के
किसी के साथ की खातिर,,
मुबारक हो,, मुबारक हो,
मुझे कुछ गम नहीं साहिब
पता तो चल गया कि तुमने
दिल में क्या छुपाया था!
मम गुन गावत पुलक सरीरा।
गदगद गिरा नयन बह नीरा॥
काम आदि मद दंभ न जाकें।
तात निरंतर बस मैं ताकें||
🚩जय जय श्री राम 🚩
🦋शुभप्रभात 🦋
{फॉलो
@iamr12345678
💯%
फ़ॉलोबैक की गारंटी🦋}
नजर से नजर जो मिलानी नहीं थी,,
पुकारा मुझे क्यों सरेराह तुमने
मोहब्बत मोहब्बत मोहब्बत मोहब्बत
कहे जा रहे हो,,मोहब्बत कहां है,,
मुझे करके रुसवा, तुम्हें क्या मिलेगा,
वफा को दगा देने वाले सितमगर,,
अगर दम है तो तुम भी करके दिखाओ
मोहब्बत मोहब्बत मोहब्बत मोहब्बत!
शुभरात्रि
सजना तो, पे सजूँ..
मन को भाऊँ,
नैनो में अंजूँ..,
फिर फिर दर्पण देखूँ,
तोरे मन को भाऊँ, ना भाऊँ
सोचूँ.
काजल, बिंदी, कुमकुम, सवारूँ
तुम पे वारूँ,
स्व तन निहारूँ
विचारूँ..
तोरे मुख की, चमक घटी, जो मोरे मुख को देख
पिया जन्म मैं हारुँ.!
करवा चौथ की शुभकामनाएं 🙏
मैया मोरी मैं नहिं माखन खायो,
भोर भयो गैयन के पाछे,
मधुवन मोहिं पठायो
चार पहर बंसीबट भटक्यो,
साँझ परे घर आयो
मैं बालक बहिंयन को छोटो,
छींको किहि बिधि पायो
ग्वाल बाल सब बैर परे हैं,
बरबस मुख लपटायो
तू जननी मन की अति भोरी,
इनके कहे पतिआयो
श्री गणेशाय नमः 🚩
शुभप्रभात 🙏
प्रातकाल उठि कै रघुनाथा।
मातु पिता गुरु नावहिं माथा॥
जेहि बिधि सुखी होहिं पुर लोगा।
करहिं कृपानिधि सोइ संजोगा॥
बेद पुरान सुनहिं मन लाई।
आपु कहहिं अनुजन्ह समुझाई||
अनुज सखा सँग भोजन करहीं।
मातु पिता अग्या अनुसरहीं॥
जय श्री राम 🚩
जय हो मर्यादा पुरूषोत्तम 🚩
शुभप्रभात 🙏
न देख मुझको, गैरों की तरह
पराया समझ के,,,
हम तो तेरे दम पे , ही दम भरते है.....
तनिक ध्यान मुझ पर भी कर,
मेरे अमूक प्रियतम.....
हम तो तुम पे, सोलह सिंगार करते है....!
शुभसंध्या 🙏
#मिश्राइन
कोई पूँछो तो,
कि वो मेरे लिए क्या है?
जवाब दूं.,
शराबी की शराब जैसे,
भिखारी की भीख जैसे,
गरीब को धन जैसे
विधवा को सुहाग जैसे
बांझ को पुत्र जैसे
माँ का पुत्र जैसे
भक्त को भगवान जैसे
हरिश्चंद्र को सत्य जैसे
कर्ण को दान जैसे
कृष्ण की गीता जैसे,
और बहुत कुछ...,
🙏
त्वमात्मा त्वं ब्रह्म
त्रिगुणरहितं विश्वजननि
स्वयं भूत्वा योषित्पुरुषविषयाहो
जगति च।
करोष्येवं क्रीडां
स्वगुणवशतस्ते
च जननीं वदन्ति त्वां लोका: स्मरहरवरस्वामिरमणीम्।।
जय माता दी 🚩
शुभप्रभात 🙏🪷
परसत पद पावन सोक नसावन
प्रगट भई तपपुंज सही ।
देखत रघुनायक जन सुखदायक
सनमुख होइ कर जोरि सही ॥
अति प्रेम अधीरा पुलक सरीरा
मुख नहिं आवइ बचन कही ।
अतिसय बड़भागी चरनन्हि लागी
जुगल नयन जलधार बही||
जय श्री राम 🚩सुप्रभात🙏
जो लड़कियां होती हैं
वह अपनी फोटो और वीडियो कभी नहीं डालती जैसे मेरी दीदी
@Ravimishr14
जी
और जो डालते हैं लड़कियों की तरह तरह की फोटो वह किसी विशेष प्रजाति के प्राणियों के वंशज हैं
खैर.....