कोई कुछ भी कहे सच ये है कि प्रधानमंत्री
@narendramodi
ने घर के मुखिया की तरह एक आवाज़ लगाई और पूरा घर एकजुट हो गया। न धर्म दिखा, न ज़ात, न उम्र दिखी न औरत मर्द का भेद, न आम दिखा न ख़ास बस दिखा तो हिंदुस्तान। ये आवाज़ दूर तलक जाएगी... जय हिंद
बबीता ये लोग आपके नाख़ून बराबर भी नहीं हैं। जो काम और नाम आपने देश के लिए कमाया है उसका इल्म नहीं हैं इन trolls को। आज के आपके stand के बाद एक बात साफ़ है
छोरी धाकड़ है 🙏😇🤗
वाह बीएमसी ग़ज़ब मुस्तैदी दिखाई है! अब मुंबई में जल भराव नहीं होगा, ट्राफ़िक जाम नहीं होगा, सारे गड्ढे भर जाएँगे.. बारिश से कोई इमारत अब भरभरा कर नहीं गिरेगी...
‘सरकार’ आप ने बस एक इमारत गिराई है
लेकिन एक अदाकारा ने आपकी नींव हिला कर रख दी है
अर्नब से सहमत हो न हो इस बात पर हम सब को सहमत होना ज़रूरी है कि उनके साथ जो हो रहा है वो सरासर ग़लत है। असहमति के मायने अगर गिरफ़्तारी है तो आगे आपकी बारी है।
मैं राजस्थान से आती हूँ वहाँ घूँघट की प्रथा एसी थी कि आधी चूनर घूँघट में ख़त्म हो जाती थी… लेकिन कभी किसी लड़की को घूँघट में स्कूल जाते नहीं देखा.. किसी परिवार को स्कूल कॉलेज प्रशासन से ज़िद करते नहीं देखा.. ज़माना आगे बढ़ा औरतों ने घूँघट कारना लगभग ख़त्म कर दिया लेकिन 1/2
भारत सरकार ने संचार विभाग BSNL और MTNL को निर्देश दिया है कि 4G के लागू होने में जितने भी चीनी उपकरणों का इस्तेमाल होता है उसपर फ़ौरन रोक लागा दें।
@ABPNews
मैं स्तब्ध हूँ ख़ुशी से... इस बेइंतिहा मोहब्बत के लिए तह-ए-दिल से शुक्रिया। दिल था हर एक को... हर एक को आभार प्रकट करूँ। उँगलियाँ थक गई, वक्त कम पड़ गया... लेकिन आप सभी की शुभकामनाएँ नहीं थमी। मेरा वादा है मैं आपको कभी निराश नहीं करूँगी। आशीर्वाद बनाए रखिएगा
मैं जितना फ़ख़्र से अल्लाह का शुक्र करती हूँ उतना ही गर्व से शुक्र भगवान का भी करती हूँ… मेरा ईमान तुम्हारी रीढ़ की तरह कमज़ोर नहीं.. न मैं अपना ईमान छोड़ूँगी न संस्कृति…
बीएमसी की बुज़दिली पर चार लाइनें लिखते ही, ज़ंग लगे bull'trollers'
की कतार लग गई... ऐजेंडे के तहत मुंह पर लगा ताला बंद-खोल करने वालों की न कल परवाह की न आज करूंगी..
आज ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश लौटे और रात लगभग 8:45 बजे बग़ैर किसी सूचना या security details के नए संसद भवन की site पर पहुँचे और लगभग एक घंटा बिताया… थकान इनकी dictionary में सच में नहीं है
हैरानी होती है उनपर जो अरब देशों में हिंदुस्तान के सामानों पर बैन को अपनी जीत मान रहे हैं.. नुक़सान दोनों का है किसी एक का नहीं। हुज़ूर की शान में ग़ुस्ताख़ी न-बर्दाश्त-ए-काबिल है लेकिन यही भावना हिंदुओं के भगवानों पर लागू क्यों नहीं..इज़्ज़त देंगे तब पाएँगे भी।बात कड़वी लगेगी
तो सारे मुस्लिम मुल्क फ़्रांस के ख़िलाफ़ आ खड़े हुए हैं.. मुसलमानों की मुफ़लिसी पर एक नहीं हुए कभी। कट्टरपंथ, आतंकवाद के ख़िलाफ़ एक नहीं हुए। क़ौम को पढ़ाने- लिखाने के नाम पर साथ नहीं आए।
इस्लाम को बदनाम करने वालों के बचाव में सब एक हो गए। इससे बड़ा अपमान क्या हो सकता है? हद है
हिंदुत्व टेरर!! लड़ाके कहाँ है? रॉकेट लॉंचर,मशीन ग�� के साथ घूम रहे आतंकी दिखा दीजिए..मुल्क पर क़ब्ज़ा करने की कोई तस्वीर दिखा दीजिए…संस्कृत या हिंदी में लिखा वो क़ानून बता दीजिए जहां घूँघट के बग़ैर औरतों के निकलने पर पाबंदी हो.. अच्छा आप बस हिंदुस्तान से भाग रहे मुसलमान दिखा दें
We can’t be okay with Hindutva terror & be all shocked & devastated at Taliban terror.. &
We can’t be chill with
#Taliban
terror; and then be all indignant about
#Hindutva
terror!
Our humanitarian & ethical values should not be based on identity of the oppressor or oppressed.
ये तस्वीर महज़ ख़ूबसूरत ही नहीं एक संदेश भी है..
पीएम का भोज पंडितों के साथ हो सकता था, नेताओं के साथ हो सकता था लेकिन उन्होंने चुना असल हीरोज़ को..जिनके बग़ैर आज का दिन देश को नसीब न होता
हर हर महादेव
Sir I have learned a lot of things from you. The most crucial one is “Rubika never shy away from taking a stand.” आपकी और साथी पत्रकारों की सलामती की लिए ख़ूब सारी दुआएँ।
Well done
@RubikaLiyaquat
for standing up for your fellow journalists which is so rare now a days. किसी के दुःख में अपना सुख ढूँढनेवाला इंसान नहीं हो सकता।
आज माँ को भी इस अद्वितीय मौक़े पर साथ ले गई थी। 😇
राम मंदिर- भारतीयों के सब्र का प्रतीक है, 22 जनवरी न्याय की प्रतीक्षा का प्रतीक है। जब आप भारत की ख़ुशी में शरीक होंगे… भारत की आस्था को सम्मान देंगे तो एक-एक भारतीय आपको सर-आँखों पर बैठा देगा.. राजनीति तो चाहेगी कि आप इस दिव्य…
हद है बेवक़ूफ़ी की “देखा,ऑक्सीजन आ रही हैं साऊदी अरब से” बोल ऐसे रहे हैं जैसे अपने अब्बा के घर से आ रही हो.. अरे पहले भारत ने मदद की..सऊदी अरब को भारत ने 45 लाख वैक्सीन की कमर्शियल सप्लाई की थी..14 फरवरी को 30 लाख और 28 मार्च को 15 लाख। और हाँ ऑक्सीजन आ रही है अदानी के जहाज़ से
देश के प्रधानमंत्री की सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक हो जाती है और बहाना ये बनाते हैं कि रैली में भीड़ नहीं थी… अरे तो आप प्रदर्शनकारियों को हटा देते, पीएम को रैली स्थल तक पहुँचने देते..सच दिख जाता न.
आपके 10,000 सुरक्षाकर्मी एक रूट नहीं क्लीयर कर पाए.. ये स्वस्थ राजनीति नहीं कहलाती
कुवैत में नूपुर शर्मा के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करने वालों को गिरफ़्तार कर वापस उनके देश भेजा जाएगा…क़ानून के मुताबिक़ ग़ैर कुवैती लोग उस देश में प्रदर्शन करें तो अपराध है..इसी देश पर कुछ लोग बड़ा इतरा रहे थे…लोकतांत्रिक मूल्यों में भारत का कोई सानी नहीं है दिलोदिमाग़ में बसा लीजिए..
कुछ तस्वीरें आपकी रूह ख़ुश कर देती हैं… ये वैसी ही तस्वीरें हैं…अब वो ज़माने नहीं जब व्यक्तिगत पसंद पर सम्मान दिए जाते थे… हिंदुस्तान को जिन्होंने सम्मान दिलाया पुरस्कार उनके संग आया… इन के हाथों में पद्मश्री देख कर दिल कह उठता है पद्मश्री नहीं श्री श्री पद्मश्री 🙏
घर की प्रधान थी मां और जब देश के प्रधान ने उनका हाल लिया वो पल और मेरी प्यारी माँ की आँखों की चमक कभी नहीं भूलूँगी।आपका ख़त पढ़ के पापा की आंखें भर आई।मुश्किल घड़ी में परिवार के साथ रहें..घर के बड़े की तरह माँ का हालचाल लेते रहे।प्रधानमंत्री जी दिल से शुक्रिया
@narendramodi
जी
आप कर लीजिए लाख कोशिशें…
- प्राण प्रतिष्ठा पर सवाल उठा लीजिए
- मंदिर पूरा है कि अधूरा है पर बहस कर लीजिए
- घड़ी शुभ है,नहीं है पर घंटो चर्चा कर लीजिए
- निमंत्रण नहीं मिला, ठुकरा दिया कर लीजिए
- कहते रहिए कि धार्मिक है कि राजनैतिक है..
कोई फ़र्क़ नहीं पड़ेगा
ये देश…
वो बिहार की बेटी है, निडर है, सशक्त है, सक्षम है.. वो अकेली ही काफ़ी है… एक तरफ़ वो है दूसरी तरफ़ सैकड़ों की भीड़.. एक तरफ़ संयम है दूसरी तरफ़ जहालत की इंतिहा..
More power to you dear
@anjanaomkashyap
👊💪
एक बेटी को उसकी मर्ज़ी के ख़िलाफ़ दरिंदे नोच डाला,अंग-अंग पर प्रहार कर कचोट डाला फिर बेशर्मी से हाथरस पुलिस परिवार की मर्ज़ी के ख़िलाफ़ बेटी का दाह संस्कार कर देती है... दरिंदों ने जीते जी ज़बरदस्ती की,वर्दी ने मौत के बाद ज़बरदस्ती की... फ़र्क़ कहाँ रहा?
@myogiadityanath
जी।
कभी कभी बड़ा ताज्जुब होता है... मानो मोदी कोई Keyword हो…लिखो-बोलो या केवल एक फ़ोटो ही डाल दो और फिर देखो कितने-कितनों को और कहाँ कहाँ तक current लगता है… अरे भई एसी भी क्या जलन कि देश के प्रधानमंत्री को दुनिया मान रही है लेकिन हम नहीं मानेंगे? हद है
मैंने इनको पहले कभी सुना नहीं लेकिन जो बात हिंदुस्तान के मौलवियों को समझानी चाहिए थी वो पाकिस्तान के इंजीनियर मोहम्मद अली मिर्ज़ा साहब ने समझा दी…शुक्रिया मिर्ज़ा साहब
राम जी के साले हैं इसलिए बड़े निराले हैं…. कह रहे हैं- राम जी के महल में मुझे भी रख लो, झाड़ू-पोंछा लगा लूँगा… राम के प्रेम में डूबे हिंदुस्तान की आस्था की ग़ज़ब कहानियाँ है 🙏😇
मेरी टाइम लाइन पर घटिया सोच की उल्टियाँ करने वालों इस आपदा के वक्त में मदद करने वाला हर एक शख़्स मेरा फ़रिश्ता है और उस लिस्ट में हर पार्टी की विचारधारा रखने वाला है.. BJP भी कांग्रेस भी समाजवादी पार्टी भी AIMIM भी.. मैं हर दरवाज़ा खटखटाऊँगी, बग़ैर हिचक और झिझक के..
पिछले साल घर पर साक्षात लक्ष्मी मौजूद थी मेरी प्यारी माँ… हर साल माँ ऐसे ही घर रोशन करती थी… अब माँ मुझमें हैं तो इस परंपरा को मैं आगे बढ़ाऊँगी… आप सभी को
#HappyDeepawali
आज का दिन बहुत बड़ा है... किसी पार्टी के लिए नहीं देश के लिए... दुनिया का सबसे बड़ा अभियान कोरोना के ख़िलाफ़ शुरू हुआ है ...एक मुबारकबाद का ट्वीट ही कर दिया होता तो अच्छा लगता... विरोध के ट्वीट थमते नहीं और फ़ख़्र का एक ट्वीट दिखता नहीं। जलन बड़ी चीज़ है
जब सारे चरण में थे
मेरे महाराणा रण में थे
मेवाड़ की शान महाराणा प्रताप की जयंती पर शत शत नमन… मेरा सौभाग्य कि मैं राजपूतों के सबसे बड़े योद्धा की धरती से निकली हूँ… धैर्य, साहस, आत्म सम्मान का पर्याय हैं महाराणा प्रताप..
इसे बैन करना नहीं, इसे डरना कहते हैं
इसे पत्रकारों का बहिष्कार नहीं सवालों से भागना कहते हैं
आपको आदत है हाँ में हाँ मिलाने वालों की
वो न कल किया था न आगे करूँगी
बैन लगाने की हिम्मत उन नेताओं पर लगाइए जो मुहब्बत की दुकान में कूट कूट कर भरी नफ़रत परोस रहे हैं…
सवाल बेलौस…
“न वहां कोई हमारी सीमा में घुसा हुआ है, न ही हमारी कोई पोस्ट किसी के क़ब्ज़े में है।लद्दाख में हमारे 20 जांबाज शहीद हुए, जिन्होंने भारत माता की तरफ आँख उठाकर देखा था, उन्हें वो सबक सिखाकर गए”
-पीएम मोदी
फारुख अब्दुल्ला एक चैनल पर रो पड़े कहा मेरे कश्मीर को क्या कर रहे हैं।शरीर से रूह निकाल रहे हैं हिंदू-मुस्लिम को एक तरफ़,बौद्ध को दूसरी तरफ फेंक रहे हैं।
काश आप तब रोए होते जब आतंकवादी कश्मीर की रूह को नोच रहे थे। जब कट्टरपंथी,कश्मीरी पंडितों को उन्हीं के घर से बाहर फेंक रहे थे
देश के प्रधानमंत्री हैं वो, हादसा किसी के भी साथ हो सकता है, लेकिन पीएम की तस्वीर पर भद्दी टिप्पणी करना, हा हा ही ही करके मज़ाक़ बनाना बताता है किस हद का मानसिक दिवालियापन है। एक बार फिर साबित कर दिया कि परेशानी मोदी से है मुद्दों से नहीं।