
रामलाल
@Ramlal
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दीपोत्सव का महापर्व आपके एवं आपके स्वजनों के लिए सुख-शांति, समृद्धि से परिपूर्ण हो। रामायण में सेतु निर्माण के समय गिलहरी का योगदान सर्व विदित है, हम भी उसी निष्ठा के साथ राष्ट्रहित में कार्य करने का संकल्प लें। #HappyDiwali #दीपावली #Deepotsav2025
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॥अरण्य कांड॥ राका रजनी भगति तव राम नाम सोइ सोम। अपर नाम उडगन बिमल बसहुँ भगत उर ब्योम॥ भावार्थ- आपकी भक्ति पूर्णिमा की रात्रि है, उसमें 'राम' नाम यही पूर्ण चंद्रमा होकर और अन्य सब नाम तारागण होकर भक्तों के हृदय रूपी निर्मल आकाश में निवास करें॥ #RamCharitManas
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“Your mind is like a garden, whatever you plant in it will grow” #ThoughtForTheDay
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“अगर हम अपने सामर्थ्यानुसार कार्य करना प्रारम्भ कर दें, तो हम स्वयं को भी अचंभित कर देंगे” #ThoughtForTheDay
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॥अरण्य कांड॥ जद्यपि प्रभु के नाम अनेका। श्रुति कह अधिक एक तें एका॥राम सकल नामन्ह ते अधिका। होउ नाथ अघ खग गन बधिका॥ #RamCharitManas
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आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वंतरि के प्रादुर्भाव दिवस 'धनतेरस' की शुभकामनायें। यह पर्व सभी के जीवन में सुख, समृद्धि लेकर आये। स्वस्थ शरीर ही असली धन है अतः #धनतेरस के अवसर पर सभी अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग होकर एक स्वस्थ राष्ट्र व समृद्ध समाज के निर्माण का संकल्प लें। #Dhanteras
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॥अरण्य कांड॥ जन कहुँ कछु अदेय नहिं मोरें। अस बिस्वास तजहु जनि भोरें॥तब नारद बोले हरषाई। अस बर मागउँ करउँ ढिठाई॥ भावार्थ- मुझे भक्त के लिए कुछ भी अदेय नहीं है।ऐसा विश्वास भूलकर भी मत छोड़ो।तब नारदजी हर्षित होकर बोले- मैं ऐसा वर माँगता हूँ, यह धृष्टता करता हूँ-॥ #RamCharitManas
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“व्यक्ति जितना वृहद परिवर्तन करना चाहता है, उसे उसी अनुपात में परिश्रम भी करना होता है” #ThoughtForTheDay
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“निष्काम भाव से कार्य का संपादन भी पूजा के समान हो जाता है” #ThoughtForTheDay
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“Do not disturb yourself by imagining your whole life at once” #ThoughtForTheDay
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॥अरण्य कांड॥ जानहु मुनि तुम्ह मोर सुभाऊ। जन सन कबहुँ कि करऊँ दुराऊ॥कवन बस्तु असि प्रिय मोहि लागी। जो मुनिबर न सकहुँ तुम्ह मागी॥ #RamCharitManas
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॥अरण्य कांड॥ सुनहु उदार सहज रघुनायक।सुंदर अगम सुगम बर दायक॥देहु एक बर मागउँ स्वामी।जद्यपि जानत अंतरजामी॥ भावार्थ- हे रामजी! सुनिए। आप सुंदर अगम और सुगम वर देने वाले हैं।हे स्वामी!मैं वर माँगता हूँ,वह मुझे दीजिए,यद्यपि आप अंतर्यामी होने के नाते सब जानते ही हैं॥ #RamCharitManas
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॥अरण्य कांड॥ स् नाना बिधि बिनती करि प्रभु प्रसन्न जियँ जानि। नारद बोले बचन तब जोरि सरोरुह पानि॥ भावार्थ-बहुत प्रकार से विनती करके और प्रभु को मन में प्रसन्न जानकर तब नारद कमल के समान हाथों को जोड़कर वचन बोले॥ #RamCharitManas
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