Utkarsh Pandey ☀️
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...miles to go before I sleep... #BlessedChildOfShivShakti
Lucknow, India
Joined May 2024
स्तुति करने के उपरान्त भगवती से कहे कि जहां जहां आपके काली रूप की स्थापना हो , वहां मेरे हृदय पर चरण रखे हुए इस रूप की भी स्थापना हो। आप संसार में शववाहना महाकाली के नाम से विख्यात होंगी। ~ स्वामी सदाशिव ब्रह्मेन्द्रानन्द सरस्वती
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शिवजी भाव-विह्वल होकर भूमि पर लेट गए और उन देवी के चरण को अपने हृदय पर रखकर अत्यंत शान्त चेष्टा शून्य होकर शव की भांति होकर भगवती को देखने लगे। पुनः अपने एक अंश से पंचवक्त्र रूप से सम्मुख स्थित होकर सहस्रनाम से भगवती की स्तुति किये।
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फिर कामदेव को नष्ट क्यों कर दिया? पार्वती ने कहा मैं वही सती हूं जो दक्षयज्ञ के समय आपको छोड़कर अन्तर्धान हो गई थी। तब शंकरजी ने कहा कि यदि आप वही हैं तो वही विकराल रूप दिखाइये जो दक्षयज्ञ विध्वंस के लिए आपने धारण किया था। तब पार्वती ने वही महाकाली वाला रूप प्रकट किया।
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भगवती प्रत्यक्षतः उनकी सेवा कर रही थीं फिर भी उनका ध्यान नहीं टूट रहा था। देवताओं ने कामदेव के माध्यम से ध्यान भंग कराया।कामदेव को भस्म कर दिए फिर भी पार्वती को नहीं पहचाने। तब पार्वती जी ने कहा - मुझे पत्नी रूप में पाने के लिए आपने दीर्घकाल तक तप किया,
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#शववाहना महाभागवत के अनुसार यह नाम भगवान् शिव ने पार्वती जी को दिया । शिव जी पार्वती को पाने के लिए तपस्या कर रहे थे। हिमाचल ने पार्वती को उनकी सेवा में नियुक्त कर दिया था। किन्तु शिव तपस्या और ध्यान में इतने लीन रहते थे कि जिसके लिए तपस्या कर रहे थे वही
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In Nishith Kaal ( midnight ) of Sharad Purnima, Lakshmi, the giver of boons, roams around with the feeling that whoever is awake, She will give wealth to the one who is awake.. 🌸✨️ #KojagariPurnima
#KojagariLaxmiPuja
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सूतपुत्र कर्ण के गुरू थे द्रोणाचार्य, कृपाचार्य और परशुराम कर्ण ने भगवान परशुराम को अपना गोत्र भार्गव और खुद को ब्राह्मण बताया था।
Which mahabharata edition and which year written your referring? Then why Karna got killed in Mahabharata, why he couldn't remember his vidya? Why eklavya thumb was asked as gurudakshina?
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दुर्गति-नाशिनी दुर्गा जय जय, काल विनाशिनी काली जय जय। उमा रमा ब्रह्माणी जय जय, राधा-सीता-रुक्मिणि जय जय॥
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विद्यावन्तं यशस्वन्तं लक्ष्मीवन्तं जनं कुरू। रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि ॥
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गिरिवरराज के किशोरी, हे मइया पइयां तोरी परीं जय हो महेश मुख चंद्र चकोरी, पइयां तोरी परीं जय हो गजानन खड़ानन के माता, चंद्र बदन सोहे भाग्य विधाता 🎵 Pic Credit : @obsolete_utopia
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जय शंभूनाथ दिगम्बरम् करुणाकरं जगदीश्वरम् हे दक्षयज्ञ विनाशकम् हे कामदाहन कारणम् श्री गणेश स्कंद नमस्कृतम् करुणाकरं जगदीश्वरम् हे आशुतोष शशांकशेखर चंद्रमौलिमृतुंज्जयम् तवपादकमल नवाम्हम्, करुणाकरं जगदीश्वरम् जय शंभूनाथ दिगम्बरम् करुणाकरं जगदीश्वरम्
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