व्यक्ति, परिवार,समाज और धर्म
देश सुरक्षित सब सुरक्षित
अनुयायी नहीं सहयोगी बनिये। हमारे विचार अलग हो सकते हैं ,देश नहीं।फौलोबेक 100%
अनफॉलो को 100% अनफॉलो
मेरे सेलिब्रिटी सिवाय प्रभु के और कोई नहीं।
न मोदी न शाह न योगी तब खड़गे सोनिया राहुल तो हो ही नहीं सकते।मेरा सेलिब्रिटी वो है जिसे मैंने फोलो किया है और उसने मुझे। बिल्कुल वैसे ही जैसे विष्णु के आराध्य शिव है और शिव के विष्णु।
बस इसी विचारधारा से मैं जीता हूं । 🙏🙏
@janakraj13
आदमी कुछ भी हो जाए कितना भी संभलकर बोले कुछ भी करे लेकिन अन्दर जो वास्तविक प्रकृति का कीड़ा होता है वह बाहर कभी न कभी झलक दिखला ही देता है। अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अपने नाम की वजह से यह शर्मिंदा हो चुका है और इस फ्रस्ट्रेशन को वह इस जीवन में तो कभी भूला नहीं सकतामाइ नेम इज खान 😀
@janakraj13
कौआ है यह जो पेड़ की सबसे ऊंची शाखा पर बैठ कर सबकी निगरानी कर रहा था। दिल्ली और पंजाब का चयन भी इसकी मंशा दर्शाता है। वैसे जिस तरह से यह माहौल देखकर यह राजनीति में आया इसकी तैयारी इसने पहले नौकरी के दौरान करली थी।आम आदमी इसके खतरनाक मंसुबे नहीं जान पाता लेकिन देश का भाग्य ठीक था
@ocjain4
एक ब्राह्मण कन्या जब एक जूता बनाने वाले से प्रेम विवाह करके घर आती है तो हर तरफ चमड़े की बदबू से परेशान हों जाती है लेकिन कुछ महिनों बाद कहती हैं मेरे आने से घर की बदबू चली गई।पति बोलता है बदबू तो वैसे ही हैं बस तुम्हें आदत हो गई है।
शायद बदबू आज भी वैसे ही आ रही है लेकिन हमारी
@janakraj13
यह बात सत्य है क्योंकि जब भी कोई शत्रु सीधे शत्रु न हो कर भीतर घात शत्रु होता है तो सर्वप्रथम उन कारकों को देखा जाता है जिनके माध्यम से वह नुकसान पहुंचा रहा है फिर उनके बराबर नई रचनाएं करके वहां से उन को चुनौतियां दी जाती है साथ ही उसकी रसद को काटकर उन्हें कमजोर किया जाता है। कूट
@AlkaAgrawal_ef
@ocjain4
सुपर कोठा जब तक बदला न जाए हर काम" नो दिन चले अढ़ाई कोस"ही सिद्ध होगा। ऐसा नहीं कि ये लकीर के फकीर है बल्कि ये अच्छे से जानते हैं कि सत्य क्या है और उसे किस तरह दबाना है निचले स्तर के १०० रू शीर्ष पर अरब बन जातें हैं यह बात हम सभी जानते हैं कुल मिलाकर बदलना है तो
अबकी बार 400पार
@janakraj13
समझ लिजिए अगर बदलना है तो एक पीढ़ी विश्राम नहीं करेगी जब तक बदल न जाए और जिस दिन बदल गया फिर कई पीढ़ियां लग जाएगी वापस बदलने में।बस यह होंसला कम नहीं होना चाहिए। क्यों कि मार्ग में रुकना मतलब अपने वर्तमान से भी और पीछे जाना है जो और भी भयावह हो गा।
@ocjain4
आज अयोध्या में भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा और प्रभु के आगमन के साथ ही वे लाखों महान आत्माएं जिन्होंने कभी अपना शरीर इस प्रांगण के लिए बलिदान किया वो प्रभु के दर्शन कर परम धाम को लौटी है।
उन सभी पुण्यात्माओं को कोटि कोटि प्रणाम।
@ocjain4
पर मल्लू खड़ग सिंह कि एक बात आप बताना भूल गए।जब ��डग सिंह ने कमरे का नजारा देखा तो देखकर हैरान हो गया और सोचने लगा साला हगास तो ठीक है धोती मैंने भी कई बार धोई है पर पप्पुआ ने यह डिजाइन बनाया कैसे जरूर इसके पास विदेशी टेक्नोलॉजी है। वरना ऐसे..... उल्टा हो कर .,.....नहीं बना सकते।
@ocjain4
भेड़िया हो या शेर सभी अपने नौनीहालों को शिकार करना ही सीखाते हैं। ठीक वैसे ही जैसे ब्राह्मण या पंडित अपने बच्चों को पूजा पाठ कर्मकांड ज्योतिष सीखाता है। जो कोई कहता है की जाति और धर्म से कोई फर्क नहीं पड़ता तो वह गलत है। संस्कारों की शुरुआत घर से होती है और परिणाम समाज भुगतता है
@ocjain4
मुझे तो इंटरनेट में हाइपरलिंक का कॉन्सेप्ट भी सनातन से चुराया हुआ ही लगता है। अपनी धार्मिक कथाओं में किसी भी कथा का लिंक
पूर्व काल की किसी भी कथा से जुड़ जाता है और उसमें कोई गतिरोध भी उत्पन्न नहीं होता।
अगर कोई इसे कोरी कल्पना बताएं तो इतनी लाखों कथाओं को आपस में जोड़कर दिखाएं
@ocjain4
धर्म का अगर राजनीतिकरण किया जा सकता है तो राजनीति का धार्मिकरण क्यों नहीं किया जा सकता। दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं। दुनिया में कोई एक देश बताईए जिसका एकीकरण धर्म के आधार पर न हुआ हो।सच तो यह है कि एक तरह की विचारधारा को मानने वाले लोगों ने ही साथ रहने के विचार को जन्म दिया और उसी
@ocjain4
प्रभु रिटर्न गिफ्ट देते हैं लेकिन सर्विस इतनी तेज होगी और वो भी इसी जीवनकाल में यह काबिले-तारीफ है। वरना लोग तो सीधा कहते हैं आगे की आगे देखेंगे। ईश्वर को थोड़ा समय और तेज करदे तो आदमी के पापों में कमी आएगी।
@ocjain4
यूं कहो ना मिक्स सब्जी बनाई थी। अब जिसकी कटोरी में जिस सब्जी का टुकड़ा आया उसने वही समझ कर उसको खा लिया। अब आपस में लड़ रहे हैं कि आज सब्जी किसकी बनी थी। 😝😝
@ocjain4
सारा खेल दिमाग का है,पर उससे भी ज्यादा हाजिर जवाबी का है। जवाब जितना तेज दिया जाए सामने वाले उतना तेज तर्क करें उससे पहले ही वह नया जवाब तैयार रखता है।रही बात जाट की पहले तो बिना जरूरत दिमाग लगाता ही नहीं और जब लगाता है तब सुक्ष्म बुद्धि के साथ। आख़िर स्वस्थ और फ्रेश जो है।😀😀
@ocjain4
नमन इस न्याय को । कहते हैं अच्छा वक्त जब आना होता है तो बुराई पुरजोर उसका विरोध करती है ,एक बार तो तोड़ देती है पर जो लड़ता है मकसद के साथ वह जीतता अवश्य है।अब इनके पास मक़सद भी है, दर्द भी है, तरीका भी है और सत्ता का सहारा भी। अपने जैसे किसी पीड़ित का सहारा बनना अब आसान हो गया।
@ocjain4
पाकिस्तान मेंच हारने पर भारत पर काला जादू का आरोप लगा सकता है तो क्या हम अब्दुल पर नहीं लगा सकते। क्योंकि उनके नजरिये से तो काला जादू होता है।🥴🥴🥴
@janakraj13
अब्राहम जिसे प्रथम पैगम्बर माना है इसी की शाखाओं में यहूदी ईसाई और इस्लाम तीनों आते हैं और तीनों ही एकेशवरवाद में विश्वास करते हैं। अब्राहम के बेटा इसहाक और पोता जैकब जिसने इजरायल बसाया था। यरूशलेम मुख्य केन्द्र हुआ।इसी वंश में मुसा हुए और सारे नियम कायदे बनाए फिर इसा फिर मुहम्मद
@janakraj13
भारतीय जनता में जो जागरूक हैं अगर वो इस बात को समझ पाएं तो कि केजरीवाल का पुरा प्रकरण देश में विघटन कारी शक्तियों को पहचानने में नींव का पत्थर साबित होगा क्योंकि जो पहले से स्थापित ताकतें हैं उनकी जड़ें गहरी है लेकिन इसने अपडेट वर्जन की तरह सभी हथकंड़े कम समय में काम में लिए है
@janakraj13
@ocjain4
वैचारिक क्रांति का सुत्र पात है विचार बदल रहे हैं तो व्यवहार और व्यवस्था भी बदल रही है।यह अच्छी शुरुआत है जिसे जीवित और सुचारू रखना हमारा दायित्व है और अन्त्योदय वाले विचार की तरह चलाना होगा।
#अन्त्योजागृतम
@ocjain4
पहले समझते थे अज्ञात केवल लिखता है क्योंकि हर जगह लिखा होता था अज्ञात।
अब लिखने वाले ज्यादा हो गये जैसे जनक जी ओशीन जी तो अज्ञात भाई ने दुसरा काम ले लिया 😀😀
@ocjain4
कईयों को तो सांड और बैल का फर्क भी नहीं पता होगा ।सपा भाजपा सबको पता है।😆😆
कल तक जो सांड बने फिरते थे उनकी गोलियां
कहीं ईडी, कहीं सीबीआई तो कहीं कोर्ट-कचहरी में रखी पड़ी है। वहां से छूटे तो सांड बने।😃😃
@ocjain4
विश्व रिकॉर्ड ही है जब देश का सबसे निचला और सबसे उंचा व्यक्ति धन और पद हर तरह से सिर्फ एक भक्त था,एक प्रांगण में साथ खड़ा था,हर आंख में खूशी के आंसू थे,और विशेष सिर्फ राम थे।और वहां पर सिर्फ राम ही होंगे।
@ocjain4
जब कभी कोई बड़ा ट्रांजेक्शन आता है एक दो दिन में फोन आ ही जाता है ।सर उस बैंक से फलाणी बोल रही हूं लोन की रिक्वायरमेंट है क्या।उसको फिर वही जवाब जो फिगर तुमने अभी देखा है वो लोन ही तो था।
@ocjain4
मी= मोदी जी मी लॉर्ड मानते नहीं उन्हें हटा दो
मोदी= यह तो आप ही कर सकते हो मैं नहीं
मी =पर कैसे हम क्या कर सकते हैं
मोदी =अरे कुछ नहीं करना केवल मुझे 400 सीट की ताकत दो सब हटा दुंगा
@ocjain4
जी मतलब यह शंकराचार्य नहीं है यह है जनाब शक्कर चराचरय । वैसे भी देश में इतने ढोंगी है । कोई जगह नहीं छोड़ी। गडरिया वाली कहानी सबने सुनी होगी, स्थिति एसी हो गई है कि कोई सच में चिल्लाएं तों भी कोई सुनेगा नहीं और यह सब तब तक चलेगा जब तक कोई एक पक्ष पुरी तरह हार मान कर न बैठ जाएं।
@ocjain4
अन्नामलाई भारत की दो महा संस्कृतियों का पुल होंगे एक दिन क्यों कि ये जमीन,गरीबी, सभ्यता, संस्कृति, सिस्टम, संगठन और सरकार सभी को इतना करीब से जानते हैं जितना अक्सर कोई नहीं जान पाता। यूं समझिए हिरा अपनी चमक बिखेर रहा है और जल्दी ही सुरज की तरह चमकेगा।
@Modified_Hindu9
@DevendraJadeja3
चबुतरे पर थापना करके भी पुजा की जा सकती है यह बात पुरा भारत जानता है और करता भी है।इसके लिए उसे किसी शंकराचार्य से पूछने की जरूरत भी नहीं पड़ती।
@ocjain4
चरित्र वहां आंकें जातें हैं जहां चरित्रवान लोग हो। अगर मांसाहारी जानवर शाकाहार पर चर्चा करे तो चर्चा के बाद किसी जानवर की बलि निश्चित ही है। बैठक के बाद भोज तो होता ही है वैसे ही ये ज्ञानी लोग सब तरह के सुखों से गुजर कर ही इतना कहने कि हिमाकत करते हैं।
@ocjain4
अ अमेरिका वह मदारी है जिसके पास अपने बंदर नहीं है और अक्सर दूसरे को बंदर बनाकर खेल खेलता रहता है। लेकिन एक बात भूल गया है कि भारत में अब राजनीति में बंदर नहीं है मदारी आ गए हैं बड़े-बड़े। अब अमेरिका अपना कहीं और देखें। उसकी सीआइए और रमन मग से यहां नहीं चलेगी।
@ocjain4
समस्या का मूल, जिसने पारिवारिक मूल्यों को समाप्त कर दिया, बेशुमार पैसा, फिल्म और राजनीतिक जगत में कमाया हुआ नाम है जिस कारण भारतीय जीवन शैली को त्याग कर विदेशी जीवन शैली को अपनाना भी एक कारण है आजकल सत्ता के भोगी लालची धर्म और संस्कृति के वाहक नहीं होते यह दायित्व गरीब के पास ह
@ocjain4
कथाएं काल्पनिक हो सकती है लेकिन सत्य उसमें से भी निकल ही आता है।जब कभी हम सोचते हैं कि अगर देव,दानव और मनुष्य हुआ करते थे तो मनुष्य तो है पर वे कहां गए। उत्तर मिलता है समाहित हो गए।एक ही तरह के मनुष्य शरीर में तीनों का वास है जिसे उनके कर्मों द्वारा ही पहचाना जा सकता है।
@ocjain4
ज्योतिष एक आईना है जो मार्ग सुझाती है शुद्ध विज्ञान। इसे भविष्य के रुप में नहीं मार्ग के रुप में ही देखना चाहिए। ज्योतिष कभी ग़लत नहीं होती बल्कि ज्योतिषी का विश्लेषण ग़लत हो सकता है।रही बात हरि की तो सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड उनकी इच्छा पर है तो उनकी कृपा सभी विधाओं से उपर है।
@ocjain4
युद्ध के पश्चात जब अर्जुन को अपनी शक्ति पर घमंड हो जाता है तो कृष्ण उसे बताते हैं कि जिस रथ पर मैं और महाबली हनुमान स्वयं विराजमान होने पर भी कर्ण के बाणों ने नेस्तनाबूद कर दिया हो एसे महाबली कर्ण का सामना तुम अकेले कभी न कर पाते। हनुमान जैसे ही पताका रथ से हटाते हैं रथ चकनाचूर
@ocjain4
अच्छा है भाजपा का ही नाम लिया बाइडेन या पुतिन का नहीं लिया।😄😄 वैसे आजकल हर तरह के हथकंडे अपनाए जाने लग गए हैं।जब सारे मार्ग बन्द हो जाएं तब। वैसे एक मार्ग बचा हुआ है और हमेशा रहता है सरकारी गवाह बन जाना कुछ सजा कम हो जाती है तो कुछ पाप धुल जाते हैं।
@ocjain4
गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वति।
नर्मदे सिन्धु कावेरी जलऽस्मिनसन्निधिं कुरु।
पूर्वज तो दिन रात इस मंत्र का जाप करते ही थे।नदी हमेशा जीवनदायिनी मां के रूप में ही पुजी गई है।
@ocjain4
इनके एक भाई भी है भीम ज़ी उनका भी कहना है कि मकान नहीं मिलता किराए पर।अब भाई को कौन समझाए कि मीम वाले के साथ रहोगे तो रंग नहीं तो गुण आएंगे आखिर संगत से भी तो आदमी की पहचान की जाती है। बाकी दोनों है ड्रामेबाज।
@ocjain4
नई सीरीज आ गई है,लड्डन सकीना झोलवी और वो में वो की जगह इस बार श्याम मीठा की धमाकेदार एंट्री।
यह सीरीज निश्चित रूप से मजेदार होगी क्योंकि इसमें वो की जगह हमेशा एक नया किरदार आने वाला है 😄😀
@ocjain4
वह प्रजा अलग थी और आज प्रजा ही अलग है जो चाहती है कि राजा राजकोष से बस जनता में बांटे और वह बिना मेहनत के खाए।आज राजा खुद को सेवक बता रहा है तो भी जनता उसके चरित्र को ढोंग बता रही हैं।
@ocjain4
लड्डन को पथरी की शिकायत थी लेकिन अक्सर उत्तेजना वाले खुराखार में निकल जाती थी।
उधर सकीना को भी पेट दर्द था। झोलवी ने चार डाक्टर बदल लिये लेकिन जवाब था पथरी बनती है लेकिन बनती क्यों है रिसर्च जारी है जवाब पाने के लिए जुड़ते रहिए और पढ़ते रहे
सकीना, लड्डन, झोलवी और वो।
😄😄😄🙏
@ocjain4
दीमक की सबसे बड़ी विशेषता पता है यह न तो नया पुराना देखता है और न ही सस्ता महंगा सबको एक सिरे से ख़ाना शुरू करता है और एक जैसा कर देता है।एक जैसा मतलब अपने जैसा ताकि वह रह सके, पैदावार बढा सके।
इसलिए नमी (नरमी) रखना, इलाज नहीं करना, मैटेरियल (कानून)चुनकर नहीं बनाना तकलीफ देह होगा
@ocjain4
कुछ ग्रह चाल बदल रहे हैं,कुछ योग निकट आ रहें हैं। दुनिया बदलेगी निश्चित रूप से कई काले बादल मंडरा रहे हैं।बचना हो तो बचा कर रखना एक वही है जो सबको बचा रहे हैं।
@ocjain4
पोस्ट को समझना उतना आसान नहीं है जितना दिखाई देता है। अर्थ इतना ही है कि किसी समर्थ का मनोबल यह कहकर तोड़ दिया जाए कि वह नहीं कर सकता तो वास्तव में वह चल नहीं पाएगा। भारतीय अर्थव्यवस्था में समभाव्य उत्पादन और वास्तविक उत्पादन का गेप इसी मनोवृत्ति का परिणाम था जिसे अब दूर किया है
@parasj1389
कौन कमबख़्त गालियों से डरता है ।दिल मजबूत और कान बन्द करके ट्विटर पर आएं वरना फेसबुक और इन्स्टाग्राम वाले तो आज भी कह रहे हैं आ जाओ।😀😀 वैसे सुना है मीठा सुखराम में बड़ा ख़ुश हैं आजकल।😀😀
@ocjain4
बात यहां तक हो तो ठीक उससे थोड़ा आगे बढ़िए
2004 में दिहाड़ी थी 240 रू कारीगर (भवन निर्माण) मजदूर 100 मतलब आठ लीटर तेल 19 किलो शक्कर
आज है 1200रू कारीगर 750 रू मजदूर मतलब 12लीटर तेल 29 किलो शक्कर।आय और व्यय दोनों का व्यक्तिगत अनुभव जगह जोधपुर राजस्थान
बहुत महंगाई है साहब 😅😅
@ocjain4
अजी गरीबों ने ही जिन्दा रखा है आस्था को वरना पैसे वालो ने तो अधिकतर व्यापार ही किया है
सांवरिया थारी कांइ मनवार करां सांवरिया थारी कांइ मनवार करां
ना ही अन्न है ना ही धन है बैठा हां पराई झूंपड़ी।
चार पानड़ा लो हरा धनियां का आस्यूं ही पेट भरां
सांवरिया थारी कांइ..........
@ocjain4
दोषी सरकार है साफ़ तौर से।एक आदमी करोड़ों की प्रोपर्टी खरीद रहा है बिना किसी बिजनेस के और बिज़नस कर रहा है तो भी कितना कमा रहा है कया सरकार को पता है नहीं क्योंकि भुमि खरीद फरोख्त का कोई ढंग का कानून देश में है ही नहीं।काला धन का बहुत बड़ा हिस्सा इस भुमि खरीद में ही जाता है।
@ocjain4
नागरिक क्या होता है इसकी दुनिया में सिर्फ एक नजीर है इजरायल। बिना नागरिकों के राष्ट्र की कल्पना नहीं कर सकते तो बिना राष्ट्र भावना के राष्ट्र का वजूद स्थाई नहीं रहता। अगर कोई कहे कि धर्म को राजनीति से पृथक रखना चाहिए तो कोई बताएं कि इजरायल का संघर्ष क्या केवल जमीन के लिए है?
@ocjain4
सकीना रो रही थी। झोलवी ने पुछा तो पुरी बात बताई कि मैं ख़ुश थी बड़े बड़े सरदार मिलेंगे। हां तो मिलेना अब क्यों रो रही है। सकीना बोली सरदारों ने भी धोखा दिया वहां भी सर कटे टोपीदार सरदार थे मुऐ सब डुप्लीकेट।,😀😀
@ocjain4
बच्चे की जुबान बड़ी काली थी। स्कूल में मास्टर जी ने क्या मारा मुंह से निकल गया कि मास्टर को उठा ले। मास्टर एक्सीडेंट में निकल लिया। ऐसे ही एक दिन पड़ोसी निकल लिया। लोगों ने बाप को कहा कि भाई बच्चे को घर पर ही रखो कब किसको बुरा बोल दे। बच्चा परेशान बाप भी परेशान तो बच्चे को खूब 👇
@ocjain4
क्या लोग आज़ भी अंधे हैं या सिर्फ सोर्टस ही देखते है। पहले तो कसूरवार मां बाप ही है क्योंकि भेड़िये तो हर जगह है। फेसबुक इन्स्टाग्राम पर रील देखना बन्द करों और चलाने की हिम्मत है तो आओ ट्विटर जैसे सामाजिक और राजनैतिक मंच पर ताकि भयानक सत्य को जान पाओ।
@ocjain4
सेम पितरों दा जी का भला हो जो उन्होंने आंखें खोल दी की जो कमाओ खा जाओ इकट्ठा मत करो वरना सरकार का कोई भरोसा नहीं।
लेकिन सज्जनों यह याद रखना कांग्रेस में विश्वास करने वाले शत प्रतिशत वोट करेंगे इन फोकट की योजनाओं के लिए और तुम अपनी संख्या बल से सोते रहना सुनहरे सपनों में।
@ocjain4
कर भला तो हो भला।हर कोई उपरी मुकाम हासिल करके चीजों को हाईजैक करना चाहता है।और यह प्रवृत्ति बढ़ती ही जा रही है। प्रतिभा ही काम नहीं आती खैल को छोड़ना ही पड़ता है एक दिन और तब आपका चरित्र और व्यक्तित्व ही है जो उम्र भर आपको पद,मान, ओर काम दिलाता है।
@ocjain4
अयोध्या का कोई कोना नहीं जहां राम के पांव न पड़े हो। भक्तों यह मन्दिर जब पुरा तैयार हो जाए तो एक पलोट और ले लेंगे उनके वाला।इस बात पर बोलो
जय श्री राम
@ocjain4
काली दाल में से एक एक दाना उठा उठा कर उसके काले होने का सबूत दिया जा रहा है फिर भी लोग हैं कि पुरी दाल को काला मानने से इंकार कर रहे हैं।वाह भाई वाह।
लगता है इसे ढोलना ही पड़ेगा।समझ गये होंगे।
@realwajidkhan
जब तक आप लोगों के नेक इरादे पता नहीं थे सबको लगता था कि सब ठीक है लेकिन जब से पर्दे के पीछे की हकीकत और मंशा जानी और विश्वभर में आपकी खुबियां और खुबसूरती देखी तभी से अपने धर्म की अच्छाइयो को आत्मसात करने की इच्छा ने इस स्थिति को पैदा किया हेअब अतिक्रमण सहिष्णुता का मैल सम्भव नही
@ocjain4
9 दिन अखंड नवरात्र करने वाले लाखों मिल जाएंगे
कुछ लोग जीने के लिए खाते हैं , कुछ खाने के लिए जीते हैं नेता तो खाने के साथ और भी बहुत कुछ खाना चाहता है हालांकि अधिकांश ऐसे हैं लेकिन कांगिऐ ,आपिए हो तो लेवल बहुत बढ जाता है। वास्तव में इनकी तकलीफ कुछ और है।
कूठौड दूखणू ससूर जी वैद
@ocjain4
आस्था का उच्च स्वरुप मेहनत की कमाई का ऐसा दान जिसमें लेशमात्र भी अशुद्ध आय का एक कतरा भी ना हो। राम जन्मभूमि पर परिश्रम से गिरे पसीने के मोती से नाम की सार्थकता सिद्ध हो गई हो।काया को कष्ट देकर सन्त साधना करते हैं भगवत प्राप्ति हेतु पर यहां भी काया कष्ट देकर आत्मसंतुष्टि
@sarikatyagi97
सिवाय कानून के कोई इलाज नहीं। कानून भी मामूली नहीं बल्कि बड़े स्तर पर जो बिना पुर्ण विशेष बहुमत के सम्भव नहीं है। क्योंकि गठबंधन होना और अकेले बहुमत में होने में फर्क है। जों लोग वाकई बदलाव चाहते हैं उन्हें ४०० पार क्यों जरूरी है यह समझ कर अन्यों को समझाना होगा।
@sarikatyagi97
संविधान बदलता रहा है और बदलता रहेगा लेकिन यह बदलाव बहुसंख्यक समुदाय के लिए लाभकारी है या नुकसान देह बस इस बात पर ध्यान देना चाहिए।अब तक तो पुरानी सरकारों ने हिन्दूओं के पांव ही काटे हैं इसलिए हर लड़ाई कोर्ट में हारे हैं या नतीजा नहीं मिला।
संविधान दस्तावेज नहीं आपका जीवनाधार है।
@ocjain4
हर समस्या की जड़ है लचीली कानून व्यवस्था अनुसूचियां, केन्द्र राज्य सम्बन्ध,अधिकार ज्यादा कर्तव्य कम, न्याय पालिका में अलोकतांत्रिक व्यवस्था, राज्यों का संप्रभु व्यवहार, घुसपैठ, बढ़ती जनसंख्या, संसाधनों का अत्यधिक विदोहन,अति उपभोग, भ्रष्टाचार।
हल एक है समय के साथ संवैधानिक बदलाव
@ocjain4
सच्चाई सब जानते हैं बस स्वीकार कर ने में देरी हो रही है । अभी जब तक दुसरे रास्ते खुले हुए हैं तब तक तो स्वीकार नहीं करेंगे जिस दिन यह रास्ते बन्द हूए सब मुख्यधारा के साथ कनेक्ट हो जाएंगे।
@badri_dk
मेरे गांव में राना बाई (हरनावा, नागौर, राजस्थान)के गुरु खोजी जी महाराज की समाधि ५०० बरस से है वहां अब उनका भव्य मन्दिर बना है जिसकी सार संभाल पुरा गांव बिना भेदभाव करता है।उस में भी पहला और ऊंचा दान एक बहुत गरीब गडरिये का है (बंकट नायक)।उसकी आस्था ऐसी कि मन्दिर बिना रुकावट बना।
@ocjain4
कहानी सीख देती है लेकिन अब हो उल्टा रहा है।अब तो मंत्री के साथ सेल्फी लेकर भी लोग उसका नाजायज फायदा उठाते नजर आ रहे हैं। राजा से नजदीकी बता कर अवैध काम किए जा रहे हैं।और कहीं कहीं उसके दामन पर लगें छींटे राजा तक जा रहें हैं। सेल्फी वाला फोटो
दिखा कर पाप में भागीदार बता रहे हैं।
प्रेम का सौदा
मित्रों
जो आज छोटा है कल को किस उंचाई पर जाएगा कुछ नहीं कह सकते। सोशल मीडिया पर मित्रता एक प्रेम का सौदा है। मेरे फोलोंवर और फोलविग दोनों साथ रहे किसी को अकेला
न छोडू यही मेरा प्रयास है। इसलिए अगर आप कोई परमानेंट FB नहीं देना चाहते तो साफ़ मना करदे । जय श्री राम
@ocjain4
कलियुग है घनघोर राजा बन बैठे हैं चोर
धणी है ठेठ गंवार तो धणियाणी भी है ढोर
गांव गांव डंका बजे राम नाम का मचा है शोर
कर्महीन नर ना भजे रहे हमेशा टोंटी चोर
@ocjain4
कथ्य,तथ्य और सत्य। तीनों का एक क्रम होता है।जब किसी बात को हर किसी से सुनते हैं और ध्यान उस तरफ जाता है तो यह कथ्य कहा जाएगा।जब तथ्यों की कसौटी पर इसे रखा जाए तो ही सत्य निकल कर बाहर आता है। लेकिन इसके लिए उसे जानने की मंशा,मेहनत और फ़िर विश्वास की हिम्मत भी चाहिए ।
@kunal492001
हे मानव
रिलायंस आई है से क्या मतलब है यह तो भाजपा से पहले से स्थापित है।
नीता अम्बानी का ख़ुद का ट्विटर चलाने के लिए आदमी रख रखा है।
आज जो अरबपति मोदी के साथ दिखते हैं वे पहले मनमोहन जी, वाजपेई , इन्दिरा जी के साथ दिखते थे।
कल को को कोई और प्रधानमंत्री होगा तो उसके साथ दिखेंगे
@ocjain4
सुना है झोलवी के गृहनगर में सकीना के सामने लड्डन का खड़ा किया गया है।
टक्कर काटे की है लेकिन जीत दो तरफा और झोलवी का हारना तय माना जा रहा है।आप क्या कहते हैं।
तो पढ़ते रहिए
लड्डन,सकीना,झोलवी और वो।
@newsSChaudhry
@IYC
@INCIndia
कौन सी स्कूल में पढ़ा है भाई 5 किलो गेहूं 25र प्रति किलो मतलब 125रू और 12 महिने 1500 रू प्रति आदमी होता है तेरा तो पहला सवाल ही ग़लत आगे की कोपी चेक नहीं हो गी।
10 रु किलो में चावल कहा मिलते हैं थोड़ा बताना। जरूर
सिलेंडर प्रति आदमी नहीं प्रति परिवार है।
@janakraj13
लोगों को केजरीवाल की गिरफ्तारी दिखाई देती है लेकिन पीछे कितना होमवर्क करना पड़ता है क्या पता है किसी को। भारत के इतिहास में अगर एक सिटिंग मुख्यमंत्री गिरफ्तार हुआ है तो पीछे चुनाव नहीं देशहित का मुद्दा है चुनाव तो ऐसे ही जीत जाएगी लेकिन सीमाएं सुलग गई तो??
खालिस्तान
पंजाब
दिल्ली
@ocjain4
आजादी चाहिए महारानी जी एक लमफट से जब यह तार ब्रिटेन गया तो खलबली मच गई। उधर चर्च भी इल हो गया तो आखरी एंठ ली तब रेड क्लीप ला कर सुनहरी जुल्फों को उस ठरकी भंवरें से आजादी का फरमान सुनाना ही पड़ा। लेकिन नियति ने पीछा नहीं छोड़ा और भंवरें के साथ अधनंग भी राज मुकूट तक जा पहुंचा।😄😄
@ocjain4
मेरे हिसाब से जब जाति व्यवस्था कर्म के आधार पर थी तब हर वर्ण में जो कर्महीन मनुष्य थे वह पतित होते चले गए और उनका स्थान नगर के बाहर या गांव के बाहर हो गया। धीरे-धीरे यह व्यवस्था जन्म आधारित हो गई। आज अगर जाति व्यवस्था कर्म के आधार पर हो जाए तो इनकी बाढ़ आ जाएगी।
@janakraj13
कुछ भी मत मानो क्यों कि अगला तो यह भी नहीं कहता कि उसे कोई मोदी जी कहे।
लेकिन ज़मीर वालो की नजर में वो बहुत कुछ है और देश को उनकी जरूरत है बाकी नालायको को चरित्र और शिक्षा की।