
KALPESH K.K.
@I_AM_Kalpesh_K
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मालूम है कोई मोल नहीं मेरा,फिर भी कुछ अनमोल लोगो से रिश्ता रखता हूं में🌹🙏 I know that I have no value, yet I keep relations with some precious people 🌹🙏
Rajkot (Gujrat)
Joined December 2013
चलते रहेगे क़ाफ़िले मेरे बगैर भी यहाँ.एक तारा टूट जाने से फ़लक सूना नही होता. #बज़्म.#शायरांश.#लेखनी.#हिंदी.#शब्दनिधि #शब्द_श्रृंखला.#शायरी_शृंखला
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तुम हँसो तो दिन निकले चुप रहो तो राते है.किस का ग़म कहाँ का ग़म सब फ़ुज़ूल बाते है.ज़रा इक तबस्सुम की तकलीफ़ करना .कि गुलज़ार मे फूल मुरझा रहे है.मुस्कुराहट है हुस्न का ज़ेवर .मुस्कुराना न भूल जाया करो .#बज़्म.#बज़्म_काव्य_मंच.
#बज़्म_काव्य_मंच.में आज 13/8/2025. का दैनिक शब्द - #मुस्कान. कवितायें, कहानियाँ, शेर, ग़ज़ल, .गीत, नज़्म कुछ भी लिखा जा सकता है ,. #बज़्म 👈 लगाना अनिवार्य है ।।
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जंगल जंगल ढूंढ रहा मृग अपनी कस्तूरी, कितना मुश्किल है तय करना,. खुद से खुद की दूरी, भीतर शून्य, बाहर शून्य, शुन्य चारो ओर है,.मै नही मुझ मे फिर भी मै मै का शोर है. #बज़्म.#बज़्म_काव्य_मंच.
📅 दिनांक – 12/ 08 / 2025🎯 विषय – #जंगल. #जंगल सिर्फ़ पेड़ों का समूह नहीं, बल्कि प्रकृति की सबसे पुरानी कविता है। वो जो कभी पक्षियों की चहचहाहट में गीत गाता है तो कभी हवाओं की सरसराहट में राज़ सुनाता है।. #जंगल एक निःशब्द संसार है/जहाँ हर पत्ती, हर बूंद/और हर छाया में जीवन की.
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RT @Officeofbazm: आईए, मनांए, रक्षाबंधन, बज़्म काव्य मंच के संग !.हमारे 'तीन दिन, तीन शब्द' में अपने स्नेह, अपने उद्गार, अपने भाई/बहन के लि….
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RT @BazmKavyamanch: #बज़्म_काव्य_मंच.में आज 7/8/2025. का दैनिक शब्द - #चुनरी. कवितायें, कहानियाँ, शेर, ग़ज़ल, .गीत, नज़्म कुछ भी लिखा जा….
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