@EkKhwabSiBanker
ये सृष्टि अनगिनत अनसुलझे रहस्यों का एक तिलिस्मी और पेचीदा जाल है। और इस सृष्टि का हर इंसान अपने मस्तिष्क की किसी न किसी अवस्था पर पागलपन का शिकार हुआ रहता है !©