@charamshukh
ऐसी संभोगरात मूर्तियां कोणार्क, अजंता एलोरा जैसे मंदिरों में भी देखी जा सकतीं हैं। प्राचीन काल में संभोग साधना प्रचलित थी जिसमें स्वयं पर नियंत्रण रखते हुए बिना स्खलित हुए मंत्र जप साधना करनी होती थी जो कि अभ्यास से ही आती थी
@Tamanna0_
चूत तो चुदाते चुदाते ढीली ढाली होकर भोसड़ा बन जाती है और लंड को वो ग्रिप या पकड़ नहीं मिलती चुदाई के टाइम फच फच करती हुई बहुत पानी छोड़ती है जिससे चूत की रही सही जकड़ भी खत्म हो जाती है