༒꧁Aziz꧂༒
@Aziz945210
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💞🌲Fan Account 💞🌲Education is life🌲💞 Thinking creatively. Love for animals. Compassion for animals. Respect women. Respecting every human being.
India
Joined October 2025
डर मुझे भी लगा फासला देख कर, पर मैं बढ़ता गया रास्ता देख कर, खुद ब खुद मेरे नजदीक आती गई, मेरी मंजिल मेरा हौंसला देख कर।" "यूँ हर कदम पर मत लड़खड़ाओ, कामयाबी पानी है तो संभल जाओ, मत करो शोर अपने प्रयासों का, ख़ामोशी से अपनी जिंदगी बदल जाओ।"
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Today is the Period Of Struggle, Tomorrow will be the period Of Success.!
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"ये ज़िंदगी की घड़ी है, या इम्तिहान का वक़्त..." वक़्त किसी के लिए नहीं ठहरता, इसलिए शिकायतों में इसे ज़ाया न करें। जिस पर हमें नाज़ था, वो उम्र यूँही कट गई। आज का हर लम्हा आपकी ताकत है। इसे गुज़रने न दें, बल्कि जी लें। हर गुज़रता पल आपको मजबूत बनाता है। आगे बढ़िए, क्योंकि वक़्त
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आजकल वही इन्सान शरीफ है, जिसका Mobile पूरा परिवार चलाता है !! yes 👍 no 👎
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खामोशी को समझने वाले मिल जाएं तो, दुख बयान करने की ज़रूरत नहीं पड़ती...
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“जो व्यक्ति आपकी विषम परिस्थितियों में आपके साथ खड़ा रहा हो, आप भी उसकी हर परिस्थिति में उसके साथ खड़े रहें— चाहे वह किसी भी वर्ग, धर्म या समुदाय से संबंधित क्यों न हो।”
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*वो अक्सर मुझसे पूछा करती थी,* *तुम मुझे कभी छोड़ कर तो नहीं जाओगे,* *काश मैंने भी पूछ लिया होता* 💔😭❤️🩹 कुछ भी निश्चित नहीं है, ना धन, ना जीवन और ना ही परिस्थितियां..
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🌿✨ नीति ✨🌿 🔴 नियति — व्यक्ति* को हर *समस्या* से *निकलने* के लिए विकल्प अवश्य* देती है। 👉 सही चुनाव ही जीवन का मार्ग बदल देता है। 🍁🍂🍁🍂🍁🍂🍁🍂🍁🍂🍁🍂 =============================
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ग़ज़ल: 💖रूहानी- इश्क़ -की -नरम -सी दस्तक💖 अधूरी दास्तां मुकम्मल हो जाती तेरी बाहों में ख़ामोशी भी महक उठती है तेरी नरम आहों में! टूटा हुआ दिल भी फिर से मुस्कुराने लगा है जन्नत की कोई रौशनी उतरती है तेरी निगाहों में! रातें तेरे ख्यालों के रंग से अब भी सजी रहती है चांद जैसे
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"भीड़ में मत उलझो, अपने अंदर झाँको। दूसरों की कमियाँ नहीं, अपनी मंज़िल देखो!" "दूसरों की राहों पर भटकना छोड़ो! अपना रास्ता खुद बनाओ, क्योंकि कामयाबी का आईना तुम्हारे अंदर है, बाहर नहीं..!" Every new day is a fresh chance to grow, learn, and move closer to our goals.
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इस कलयुग में अजीब हालात हैं— झूठ आगे दौड़ता है, सच को धोखे का स्वाद चखाती है। . पर समय बदलता जरूर है, और सच अपनी रोशनी से सब जलाता है।
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कोशिश करिए *थोड़ा तर्किक* रहने की, *भावुक ह्रदयों* को अक्सर *छल* लिया जाता है...
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जो मिला है उसकी कदर करो क्योंकि कई लोग दो वक्त की रोटी तक के लिए संघर्ष कर रहे हैं।💞
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