अतीक अहमद की हत्या होती है संविधान खतरे में आ जाता है ।
लेकिन कमलेश तिवारी,कन्हैया लाल , पाल घर के साधुओं महंत सुशील गिरी, महंत कल्पवृक्ष गिरी की खुलेआम हत्या कर दी जाती है, हमारे देश में सर तन से जुदा के नारे लगते है तब कोई संविधान और न्याय व्यवस्था खतरे में नही आती ?