pandit Akash Shankdhar
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बात 1994 की है. मैसूर में इंजीनियरिंग के दौरान अखिलेश जी के एक सहपाठी नीरज थे. तस्वीर में जो दो लोग रेलवे प्लेटफार्म पर बक्शा पकड़े है....एक नीरज है, दूसरे अखिलेश जी है.अखिलेश जी उन्हें विदा करने के लिए मैसूर स्टेशन के प्लेटफार्म पर आए हैं। नौजवान अखिलेश , नीरज का बक्��ा उठाकर