बीजेपी ज़मीनी सेंटीमेंट्स को समझती है. वहाँ विदेशी यूनिवर्सिटियों में पढ़कर आए पैटी बुर्जुआ एक्टिविस्टों के बजाय ज़मीनी केडर की बात सुनी जाती है. फीडबैक देने वाले लोगों को कुछ पता होता है.
कर्पूरी ठाकुर और चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देना यही से निकलकर आया है. बाक़ी नीतीश और…