@parimmalksinha
आपने पिछला लॉकडाउन को याद करा दिया. उस समय परिस्थिति ऐसा थी कि बहुत लोगों को 2 जून की रोटी नसीब नहीं हुई थी. मुझे आज भी याद है जब मैं सामाजिक कार्यकर्ता बनकर team ,चिकित्सा पदाधिकारी के साथ गांव-गांव जाकर उनका हालचाल पूछता और उनकी मदद करता था. वो बहुत भयावह और बुरे दिन थे💔🥺