पढ़ो और देखो गंगा-जमुनी तहजीब के लंबरदारों : "मैंने साजिद और जावेद को 5000 रुपये दिए क्योंकि उनके घर की एक महिला गर्भवती थी। मैंने उन्हें चाय भी दी और फिर भी उन्होंने आयुष और पीयूष का गला रेत दिया" - दो बच्चों की माँ।
कहानी का सार - आप उनकी मदद करते हैं, आप उन्हें खाना खिलाते…
जो भी मुल्ला आज आपको यह ज्ञान दे कि साजिद द्वारा छः और 13 वर्ष के बच्चों की उस्तरे से गला रेत कर की गई हत्या ‘संपत्ति का विवाद’ है, उसे कायदे से पेलिए।
सोचिए कि कौन पढ़ाता होगा इन्हें? ये मस्जिद जाते होंगे तो वहाँ क्या करते होंगे? ये रोजा रखने वाले मुसलमान हैं जो रमजान के महीन…
@mamaa_shakunii
@ajeetbharti
Are yr sirf 5000 rs. Hi kyu diye....saari property un jihadiyo ke name kar dete...or karo janwaro par vishwas anjam ek hi hoga 😡😡😡😡
@mamaa_shakunii
@ajeetbharti
Wo sala M
@darch
@d
h
@rami
chup hi baithega abhi.
ये सब एक जैसे हैं, फर्क इतना है कि कुछ ने झूठा भाईचारे का नकाब पहन रखा है।
जिसको बचपन से सिखाया जाए कि काफिर को ज़बा करने से @ल्लाह ख़ुश होता है और शबाब मिलता है, वो मौका मिलने पर ये सब ही करेगा।