Just Astrology
@justAstrologer
Followers
11K
Following
50
Media
466
Statuses
2K
ॐ Astrology, Divinity, Stars, Planets, Tantra, and More Unveiling... Lifting the darkness, one chart at a time, and content.
Joined November 2017
आज मंगल 182 दिन के लिये अस्त होने लगा है जो कार्य वर्षों से रुके थे, आगे बढ़ने लगेंगे... धैर्य का फल अवश्य मिलेगा उम्मीदों का दामन थाम रहे हो तो हौंसला कायम रखना, क्योंकि जब नाकामियां चरम पर हों तो कामयाबी बेहद करीब होती है.
5
30
274
अचानक तुम्हारी बारी आएगी और तुम्हें वो सब मिल जाएगा जिसके तुम हक़दार हो
9
37
474
This may be the final walk in SCG, yet it undoubtedly represents the most exceptional welcome experience ever observed. The whole of #India and #SCG came alive to welcome @imVkohli in #Sydney
#INDvsAUS #AUSvIND #ViratKohli #ViratKohli𓃵 #RohitSharma #India
@BCCI
0
1
8
*दिल्ली में दीपावली पूजन समय* (21.10.2025) *घर पूजन आरंभ करने का समय* 1. गोधूलि वेला 17:40 to 17:53 (मेष लग्न वृषभ नवांश), अमावस्या 17:58 तक है 2. 19:54 to 20:07 (वृषभ लग्न वृषभ नवांश) 3. 21:15 to 21:28 (मिथुन लग्न वृश्चिक नवांश)
🪔🚨वृषभ लग्न और वृषभ नवमांश में माँ लक्ष्मी की पूजा को देवता भी तरसते हैं क्यूंक�� माँ लक्ष्मी जी घरों में आश्रय लेने के लिए भ्रमण करती हैं। 🎀 इसिलए आज घरों को भली-भांति अलंकृत, प्रकािशत और उत्सवपूर्ण रखना चािहए। ✨यह मुहूर्त आज केवल १३ मिनट के लिए अति शुभ वेला मैं होगा। यह
1
3
31
🪔🚨वृषभ लग्न और वृषभ नवमांश में माँ लक्ष्मी की पूजा को देवता भी तरसते हैं क्यूंकि माँ लक्ष्मी जी घरों में आश्रय लेने के लिए भ्रमण करती हैं। 🎀 इसिलए आज घरों को भली-भांति अलंकृत, प्रकािशत और उत्सवपूर्ण रखना चािहए। ✨यह मुहूर्त आज केवल १३ मिनट के लिए अति शुभ वेला मैं होगा। यह
6
28
111
ज्योतिष अनुसार दिवाली का सही पूजन-अर्चन मुहूर्त 21.10.2025 आज रात्री और तंत्र पूजा-अर्चन किया जा सकता है गृह और व्यापार पूजा का मुहूर्त प्रात: काल में है
3
2
79
🪔🎀लक्ष्मी पूजा की गुप्त विधि 🕯️ 🚨अनुभव से सिद्ध, शीघ्र सफलता के लिए दीवाली के 12 सरल नियमों का संग्रह, जो पौराणिक, शास्त्रीय और तांत्रिक विधियों से लिए गए हैं। 🧨 इनका पूजा में उपयोग करने से लक्ष्मी पूजा का परिणाम एक माह में दिखने लगता है और लक्ष्मी प्राप्ति शीघ्र होती है।
267
254
506
इसलिए, लक्ष्मी को केवल धन की देवी न मानें। इस दीपावली, विधिवत पूजन कर उनके अष्ट रूपों को घर में विराजमान करने और सन्मार्ग पर चलने का आशीर्वाद मांगें। अंत में, धन लक्ष्मी के भौतिक उदाहरण से समझें: यदि हम स्त्री को सोने की चौकी पर बिठाकर पूजा करें, पर उसका उपयोग न करें या दुरुपयोग
0
2
3
कलियुग में लक्ष्मी का वास नारी में माना गया है। कन्या के जन्म पर कहा जाता है कि लक्ष्मी पधारी हैं। यदि कन्या के अवतरण पर निराशा हो, तो लक्ष्मी भी लौट जाती हैं। नारी का सम्मान करने वाले घर में लक्ष्मी की कृपा रहती है, और अनादर करने पर लक्ष्मी का पलायन होता है।
1
2
6
लक्ष्मी के हाथ से धनवर्षा होती है, जो दर्शाती है कि धन का संग्रह ही नहीं, बल्कि मानव सेवा और धर्म कार्यों में दान भी करना चाहिए। लक्ष्मी ने भगवान विष्णु को पति रूप में चुना, जो उच्च चरित्र का प्रतीक है। यह दर्शाता है कि ऐश्वर्य उत्तम चरित्र वालों के पास ही टिकता है।
1
0
1
लक्ष्मी के हाथ में कमल है, जो ज्ञान, आत्म-साक्षात्कार, और मुक्ति का प्रतीक है। शास्त्र हमें जलकमलवत रहने की शिक्षा देते हैं, अर्थात ऐश्वर्य में रहकर भी मन को निर्लिप्त रखना। लक्ष्मी का वाहन उल्लू है, जो अंधेरे में देख सकता है, अर्थात उनकी कृपा से दुख के अंधकार में भी हम सही
1
0
0
लक्ष्मी की उत्पत्ति समुद्र मंथन से मानी गई है। वे विभिन्न देवताओं की शक्तियों का मूल स्रोत हैं। पुराणों के अनुसार, लक्ष्मी ने अग्निदेव को ऊर्जा, वरुण को विशाल साम्राज्य, सरस्वती को पोषण, इंद्र को बल, और बृहस्पति को पांडित्य का वरदान दिया। इससे सिद्ध होता है कि उनकी कृपा से
1
0
0
पुराणों में अष्ट लक्ष्मी के रूप हैं: आदि लक्ष्मी, धान्य लक्ष्मी, वीर (धैर्य) लक्ष्मी, गज लक्ष्मी, संतान लक्ष्मी, विजय लक्ष्मी, विद्या लक्ष्मी, और धन लक्ष्मी। इससे स्पष्ट है कि लक्ष्मी का प्रभाव केवल धन तक सीमित नहीं है।
1
0
0
अथर्ववेद में लक्ष्मी को शुभता, सौभाग्य, संपत्ति, समृद्धि, सफलता, और सुख का समन्वय बताया गया।
1
0
0
प्राचीन ऋषियों का तप, ध्यान आदि शुभता और आध्यात्मिक समृद्धि के लिए होता था। तब लक्ष्मी का अर्थ था जीवन के चार आयामों—धर्म, अर्थ, काम, और मोक्ष—के समन्वय से जीवन को उच्चतम मार्ग पर ले जाना। ऋग्वेद में लक्ष्मी को शुभता और सौभाग्य की देवी कहा गया, न कि केवल धन की देवी। धन की
1
0
0
श्री लक्ष्मी चरित भाव बिना भक्ति एवं पूजा नहीं होती इसलिए लक्ष्मी प्राप्ति और पूजा से पहले यह महत्वपूर्ण ज्ञान होना अनिवार्य है। इस लेख माँ की लिए भाव उत्पन्न करने के उस्द्देश से लिखा है क्युकी अधिकांश जान येह नहीं जानते की क्या हम लक्ष्मी जी की सही उपासना कर पाते हैं?
1
4
15
स्थिर लग्न स्थिर धन दिवाली पूजा में सिर्फ मुहूर्त का ही महत्त्व होता है। सही लग्न में पूजा आरम्भ करने से माँ लक्ष्मी शीघ्र प्रसन्न होती हैं और आपके कुटुंब को सुख समृद्धि और सौभाग्य का आशीर्वाद देती है। अगर स्थिर लगन के साथ स्थिर नवमांश में पूजन किया जाये तो श्री गणेश और
1
1
32