हज़ारों बादलों का दिल हुआ पानी बहुत मचला हिमालय धूप के आग़ोश में आकर नहीं पिघला घुला चंदा,घुला सूरज,घुलीं सौ रूप की किरणें मगर इस झील के पानी ने अपना रँग नहीं बदला! ©अंकिता सिंह #ankitasingh #hindikavita #lovepoetry #kavisammelan
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@ankitasingh882 आपका लय और तारतम्बता कमाल कि है, उसी वजह से आपकी आवाज में बकाई में जादू सा महसूस होता है, हमने आपकी कई कविताओं को पढ़ा है, और जहन में उतरा भी है, आप सच में बहुत अच्छा लिखती है, और उसको समाज के समाने रखती भी उसी अंदाज में हो।
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