“आज लोकतंत्र का गला घुटते अपनी आँखों से देखा है, मैं नेता नहीं कॉमेडियन हूँ मैं अपना नामांकन दाखिल करने गया लेकिन नामांकन दाखिल करने नहीं दिया गया”
“प्रस्तावक भी थे, फॉर्म भी भरा हुआ था, बस कोई लेने को तैयार नहीं था, कल फिर कोशिश करेंगे” ~ श्याम रंगीला
@PoornimaM2805
@maryada_maurya
एक तन साड़ी आप बहुत हो चुका अब जनता डंडा उठा ले पूरे भारत में जहां देखो गलत बस टी क्या होगा फांसी होगा कैसे चलेगा चलने दो साले को डरते क्यों हो पूरी पब्लिक टी करो मरो धड़के