सैफ अली खान की फिल्म
“आदि पुरुष” का बहिष्कार क्यों न हो?
कल सैफ अली खान की फिल्म “आदि पुरुष” रिलीज़ हो रही है और प्रश्न वही है कि इस खान की फिल्म का बहिष्कार क्यों न किया जाए - इस फिल्म का प्रोडूसर भूषण कुमार है जिसके पिता गुलशन कुमार की जिहादी मानसिकता के लोगों ने निर्मम 👇
हत्या की थी और फिल्म में मुख्य किरदार रावण का सैफ अली खान निभा रहा है -
पिछले दिनों फिल्म का विरोध होने पर भले ही कुछ बदलाव किए गए हों परंतु सबसे बड़ा प्रश्न यही है कि यह फिल्म भी उसी गिरोह द्वारा बनाई गई है जो The Kashmir Files औरThe Kerala Story पर खामोश रहा और उस गिरोह के लोग
ऐसी फिल्मों को झूठ पर आधारित कहानी कहते नहीं थके थे - और आगे आनी वाली “Ajmer 92” का भी ये गिरोह विरोध करेगा और फिल्मों को Promote करने वाला दलाल कपिल शर्मा पहले की तरह इस फिल्म का भी Promotion नहीं करेगा - फिर ऐसी विधर्मियों की फिल्म का बहिष्कार क्यों न किया जाए -
ये Bollywood
का मुस्लिम परस्त और हिन्दू विरोधी गैंग देश विरोधी ताकतों के साथ मिलकर हिन्दू समाज और देश को नुकसान करने में लगे हैं - इनकी फ़िल्में बायकाट करने पर ये लोग धमकी देते हैं और Bollywood को आज ड्रग्स का सुपर मार्किट और एक “भांडवुड” बना दिया है जिसमें सुशांत सिंह राजपूत जैसे अनेक युवा
कलाकार बलि चढ़ गए लेकिन बड़े बड़े सुपर स्टार माने जाने वाले मुंह में दही जमा कर बैठे रहते हैं - खुद की चादर मैली, अपनी थाली में 75 छेद लिए दूसरों को कहते हैं कि जिस थाली में खाते हो, उसमे छेद करते हो - ये हाल है उन लोगों का जो खाली जेब लिए Bollywood में आए थे और फुटपाथों पर रूखी
सुखी खा कर गुजर बसर करते थे - आज उन्हें पैसे का नशा सिर चढ़ कर बोलता है
Bollywood के ऐसे ही दबंग आज सिर में लगाने और मालिश करने का तेल बेचते हैं, बड़े बड़े दुम्बे पान मसाला बेच रहे हैं, कोई चॉकलेट बेच रहा है, कोई डिटर्जेंट पाउडर और कोई तरह तरह के Toilet Cleaner बेचते फिरते हैं
कोई सोने के आभूषण बेच रहा है या प्राइवेट कंपनी से सोना खरीदने के लिए लोन दिला रहा है - बस किसी सुलभ शौचालय को उत्तम बताने का विज्ञापन आना रह गया है जिसमें ये कलाकार शौचालय के बाहर बैठे होंगे
इन लोगों का दोगलापन देखिए कि मुस्लिम बन कर सैफ अली खान की बेगम बनने के बावजूद आजकल एक
विज्ञापन में उसकी माँ नीतू सिंह करीना को “कपूर”बता रही है
ऐसे लोगों को समाज और देश से कोई मतलब नहीं है चारों खान अपनी अपनी कमाई चाहते हैं चाहे उसके लिए हिंदुओं को कितना भी नीचा दिखाना जरूरी क्यों न हो जाए यह सब ये लोग इसलिए करते हैं क्योंकि इनकी विज्ञापनों की कमाई बंद हो जाती है
इस रहस्य पर से पर्दा उठाया पिछले महीने कंगना रनौत ने जब उसने एलन मस्क के साथ एक इंटरव्यू साझा करते हुए इंस्टाग्राम पर लिखा और हैडिंग दिया -
"यह एक चरित्र है, सच्ची स्वतंत्रता और सफलता, हिंदू धर्म के लिए बोलना, राजनेताओं / राष्ट्र-विरोधी / टुकडे गैंग के खिलाफ बोलने के लिए मुझे
20-25 ब्रांड एंडोर्समेंट की कीमत चुकानी पड़ी, उन्होंने मुझे रातोंरात छोड़ दिया और इससे 30 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ- 40 करोड़ प्रति वर्ष
हिंदुत्व और देश के लिए आवाज़ उठाने वाली एक महिला कलाकार को ऐसे दंड दिया जाए और फिर भी Bollywood के दरिंदों की फ़िल्में देखी जाएं, यह नहीं हो
सकता - इसलिए “आदि पुरुष” का भी बहिष्कार अत्यंत जरूरी है - Bollywood के इस्लामिक पाखंड को जवाब देने के लिए हिन्दू समाज को खड़ा होना ही होगा -
“जय सत्य सनातन धर्म की”
@PRPathak2
ise rilise hi kyo hone diya jaye .yah hamare aaradhyoo ki galat chhvi hamari pidhi par chhoregi. hamare ardhyoo ka apman kyo hone siya jaye
#BanAadipurush
@PRPathak2
आदिपुरुष में रावण के रोल में अनफिट सैफ़ को भूषण कुमार ने किस मजबूरी में कास्ट किया था, यह तो वही जाने, लेकिन एक बात तय है, फिल्मी दुनिया और उसकी बिजनेस के समझौते सिर्फ और सिर्फ निजी स्वार्थ में होते हैं, जिसमें मान-अपमान की कोई गुंजाइश नहीं होती है!
@PRPathak2
श्री राम और माता सीता की जो छवि हमारे हृदय में है हमे उसे खराब नहीं करना हमारे आराध्य ने ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करते हुए ऋषि मुनियों के सानिध्य में वनवास काटा था वन में हनिमून मनाने नहीं गए थे जैसा इन निर्लज्ज लोगों ने दिखाया है,
@PRPathak2
जो खुद मरने के लिए कब्र में पांव लटकाये बैठा है उस मारकर क्या फायदा।इतनी घटिया मूवी है कि बॉक्स ऑफिस में ही दम तोड़ देगी। तो पाठक जी मक्खी मारकर काहे हाथ गंदा करना 😂😂
@PRPathak2
आदिपुरुष देखने के बाद ही आप आदिकवि की गलतियां जानेंगे-
सोने की लंका का रंग काला था
सीताजी पीला नहीं, श्वेत वस्त्र पहनती थीं
रावण चमगादड़ की सवारी करता था और रुद्राक्ष भी तोड़ देता था
लक्ष्मण जी दाढ़ी रखते थे
प्रणाम सीने पर हाथ रख कर होता है
मेघनाथ टैटूप्रेमी था
बाकी खुद देखिये
@PRPathak2
जिसने अपने बेटे का नाम हिंदुस्तान और हिंदुओं का सबसे बड़ा संहारक, सिर्फ और सिर्फ हिंदुओं को चिढ़ाने के लिए हीं तैमूर रखा है,उसके फिल्म चाहे जहां भी जैसा भी हो उसे क्यों नहीं वहिष्कार किया जाय?ऐसा भी क्या अब रखा बेपर्द पर्दे की दुनिया में जो मुफ्त का गाढ़ी कमाई का टिकट लिया जाए?🇮🇳